इंडक्शन चूल्हे खरीदने पर देता था 51 हजार का लालच, शिकार बनते बुजुर्ग, नटवरलाल अनिल कपूर की कहानी
सरकारी सेवा से रिटायर्ड बुजुर्गों को भारत सरकार की योजना का लालच देकर ठगी करने वाले नटवरलाल को देहरादून की वसंत विहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक वह कई बुजुर्गों को झांसे में ले चुका था। उससे घटना के दौरान प्रयुक्त की जाने वाली स्कूटी, धोखाधड़ी से प्राप्त की गई 12 हजार की रकम और दो इंडेक्शन चूल्हे भी बरामद किए गए।
ये था मामला
पुलिस के मुताबिक 30 जनवरी 2021 को भागीरथीपुरम रोड थाना बसंत बिहार देहरादून निवासी 69 वर्षीय बुजुर्ग इंद्रसेन भाटिया पुत्र स्वर्गीय खान चंद भाटिया ने थाने पर आकर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी की दोपहर एक अज्ञात व्यक्ति उनके घर पर आया। उसने स्वयं को ऑर्डिनेंस का कर्मचारी बताते हुए बातों ही बातों में उन्हें विश्वास में ले लिया।
उसने बताया कि वर्तमान में ऑर्डिनेंस के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक स्कीम निकाली है। इसमें पेंशनरों को दो इंडक्शन चूल्हे खरीदने पर 51000 का चेक सरकार से प्रदान किया जा रहा है। सरकार की स्कीम का लाभ उठाने के लिए 18000 रुपये, आधार कार्ड व ऑर्डिनेंस का पेंशनभोगी पहचान पत्र लेकर उनके साथ ऑर्डिनेंस ऑफिस चलाना होगा।
उसके झांसे में आए बुजुर्ग को उसने दो इंडक्शन प्रेस्टीज चूल्हे देकर साथ चलकर 51 हजार रुपये का चेक प्राप्त करने के लिए कहा। बुजुर्ग जैसे ही घर से बाहर आए संदिग्ध व्यक्ति अपनी बिना नंबर स्कूटी स्टार्ट कर उनसे लिए चूल्हों के पैसे, आधार कार्ड व पहचान पत्र लेकर फरार हो गया।
पुलिस की संयुक्त टीम ने की पहचान
पुलिस के मुताबिक घटनास्थल के आस पास के सीसीटीवी फुटेज देख कर आरोपी का हुलिया प्राप्त किया। साथ ही उसकी स्कूटी का रूट देखा गया। उसकी जानकारी जुटाई गई तो वह अनिल कपूर निवासी 51बद्री विहार जगजीतपुर कनखल हरिद्वार निकला। इस पर उसे हरिद्वार कनखल से गिरफ्तारी किया गया।
लगाता है फेरी, पढ़ा है बी कॉम तक
पूछताछ पर अनिल कपूर ने पुलिस को बताया कि वह बी कॉम शिक्षित है। पूर्व में सीए में असफल रहा है। इसके उपरांत वह प्रेशर कुकर, इंडक्शन चूल्हा की फेरी लगाने का कार्य करने लगा। पारिवारिक खर्च नहीं चल पा रहा था। इस पर उसने रिटायर्ड शिक्षित बुजुर्ग पेंशनर को ठगना शुरू किया। ऐसे व्यक्तियों के बारे में मोहल्लेवासियों से जानकारी प्राप्त कर लेता था। फिर उनके घर जाकर आपसी मेलजोल बढ़ाते हुए उन्हें इंडक्शन चूल्हा की सरकारी स्कीमों का झांसा देता था। उसने देहरादून में कई स्थानों पर वारदात करने का जुर्म स्वीकार किया है। उसने बताया कि यदि चूल्हा खरीदने के लिए बुजुर्ग के पास घर पर पैसे नहीं होते, तो वह उस बुजुर्ग को अपने स्कूटी पर बैठा कर बैंक अथवा एटीएम तक भी ले जाता था। घटना से पूर्व वह स्कूटी की दोनों नंबर प्लेट उतार लेता था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।