टमाटर, गुण अनेक, मल द्वार से बाहर निकल रहे छिलके, ना घबराएं और जानिए कारण

जब कोई बच्चा पढ़ना लिखना सीखता है तो हिंदी सिखाते हुए उसे बताया जाता है कि ट से टमाटर होता है। टमाटर के गुण और दोष को लेकर कई तरह के तर्क हैं। फिर भी इसके लाभ ज्यादा ही हैं। सच तो ये है कि टमाटर का इस्तेमाल हर सब्जी और दाल में होता है। इन दिनों बाजार में टमाटर भी चटक लाल रंग के मिल जाते हैं। हो सकता है कि इन्हें ज्यादा दिन तक लाल दिखाने के लिए सिंथेटिक रंग या मोम का इस्तेमाल किया जा रहा हो। इसके अलावा, कुछ मामलों में टमाटरों को पकाने के लिए एथिलीन गैस का भी उपयोग किया जाता है। इससे वे जल्दी लाल हो जाते हैं, लेकिन यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। वहीं, कई बार मल त्यागने पर टमाटर के छिलके भी बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसा टमाटर को लाल दिखाने और ताजा रखने के लिए इस्तेमाल किेए जा रहे कैमिकल की वजह से ऐसा हो रहा है। या फिर ये भी स्वाभाविक प्रक्रिया है। हम इस लेख में इन्हीं प्रश्न का जवाब तलाशने का प्रयास करेंगे। यदि खबर अच्छी लगे तो इसे शेयर करना ना भूलें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैमिकल युक्त टमाटर की पहचान
मिलावटी टमाटरों यानी कि टमाटर को लाल दिखाने के लिए इस्तेमाल किए गए कैमिकल की पहचान करने के लिए उन्हें पानी में डालकर देखें। अगर रंग निकलता है, तो यह मिलावटी हो सकता है। टमाटर 20-25 डिग्री सेल्सियस के बीच सबसे अच्छे से पकते हैं। वहीं, एथिलीन गैस एक प्राकृतिक फल पकाने वाला एजेंट है जो टमाटर को लाल करने में मदद करता है। टमाटर के लाल रंग के लिए लाइकोपीन जिम्मेदार होता है। कुछ मामलों में, टमाटरों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए एथिलीन गैस या अन्य रसायनों का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप मिलावटी टमाटरों से बचना चाहते हैं, तो आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसके तहत आप स्थानीय बाजारों से टमाटर खरीदें। क्योंकि वे आमतौर पर ताजा होते हैं और उन पर कम रसायनों का उपयोग किया जाता है। मिलावटी टमाटरों में अक्सर एक समान रंग नहीं होता है और वे खुरदुरे या चिपचिपे हो सकते हैं। यदि टमाटरों में कोई अजीब गंध है, तो वे मिलावटी हो सकते हैं। यदि आपको कोई संदेह है कि टमाटर मिलावटी है, तो इसे न खरीदें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टमाटर ना पचने को लेकर तर्क
टमाटर को लीवर की ओर से ठीक से नहीं पचा पाने का मुख्य कारण टमाटर में मौजूद कुछ यौगिक हैं। खासकर कच्चे टमाटर में ज्यादा होते हैं, जो पाचन तंत्र को परेशान कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों को टमाटर से एलर्जी या असहिष्णुता हो सकती है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कच्चे टमाटर में सोलनिन नामक एक यौगिक होता है, जो बड़ी मात्रा में सेवन करने पर पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है। कुछ लोगों को टमाटर से एलर्जी या असहिष्णुता हो सकती है, जिससे पेट दर्द, सूजन, या दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको फैटी लीवर की समस्या है, तो कच्चे टमाटर का सेवन करने से लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। इसलिए बेहतर है कि आप टमाटर को पकाकर खाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यदि समस्या हो तो इस्तेमाल करें कम
कुछ लोगों में, लीवर या पाचन एंजाइमों की कमी के कारण टमाटर को पचाने में कठिनाई हो सकती है। यदि आपको टमाटर खाने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप टमाटर का सेवन कम करें या पकाकर खाएं। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन तरीकों से खाया जाता है टमाटर
टमाटर को कई तरह से खाया जाता है। सब्जी, ग्रेवी को गाढ़ा बनाने, सूप और सलाद में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह खाने का जायका बढ़ा देता है। कच्चा टमाटर सलाद के तौर पर खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे पेट में कीड़े मरते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि सुबह खाली पेट कच्चा टमाटर खाने के कई फायदे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टमाटर में पोषक तत्व
टमाटर में विटामिन C, लाइकोपीन, पोटैशियम, बी कॉम्प्लेक्स और कई पोषक तत्व होते हैं, जिनसे कोलेस्ट्रोल लेवल कंट्रोल रहता है। वजन कम करने के लिए डाइटिंग कर रहे हैं तो टमाटर खाएं। ऐसे में सुबह एकदम खाली पेट टमाटर न खाएं। इसे कई अन्य तरह की सब्जियों जैसे लेट्यूस, बीटरूट, कॉर्न के साथ मिला कर सलाद की तरह लें। आप टोमैटो सूप, जूस या मिक्स वेजिटेबल जूस भी ट्राई कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये भी है एक तर्क
उत्तराखंड में वैज्ञानिकों की संस्था स्पैक्स के अध्यक्ष डॉ. बृजमोहन शर्मा के मुताबिक, टमाटर के छिलके मल त्यागने के दौरान यदि बाहर निकल जाते हैं तो इससे डरना नहीं चाहिे। कारण ये है कि सारी सब्जियों के छिलके पेट से बाहर आते हैं। हकीकत ये है कि यदि कोई छिलका अंदर रुक गया है, वो नुकसान देना। यह ऐसा फाइवर है, जो अत्यधिक चिकना होगा। इसके कारण ये पच नहीं पाता है। अगर कोई आपका अपचन हुआ और कोई छिलका पेट में ही रुक गया तो ये बहुत सारी बीमारी दे देगा। ऐसे में कब्ज हो सकती है। साथ ही लंबे समय तक यदि छिलका पेट में रुका तो कैंसर और गैस की समस्या हो जाएगी। दस्त भी लग सकती है। इनके फाइबर ग्लोसी यानी चिकने होते हैं, वे बाहर आ जाते हैं ये स्वाभाविक प्रक्रिया है। ये ही बात अंगूर, खुमानी आदि अन्य फलों के सेवन के साथ देखी जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मल में छिलके आना सामान्य
कई रिसर्च में कहा गया कि मल में यदि भोजन का कुछ अंश जैसे धनिया, टमाटर के बीज/छिलका, संतरे का छिलका आता है तो यह एक सामान्य बात है। भोजन में ‘फाइबर’ दो तरह के होते हैं। इनमें ‘डाइजेस्टिविल’ जैसे आटे का चोकर आदि और दूसरा ‘अनडाइजेस्टिविल’ जैसे टमाटर का छिलका, अमरूद, रसभरी आदि के बीजों के ऊपर का कवर आदि। मनुष्यों के लिए अनडाइजेस्टिविल फाइबर किसी अन्य जीव के लिए डाइजेस्टिविल हो सकता है। जैसे लकड़ी में मौजूद सेल्युलोज दीमक पचा लेती है, लेकिन मनुष्य नहीं। कडें पत्तों वाली घास या भूसा गाय बैल पचा लेते है, लेकिन मनुष्यों के लिये यह सम्भव नहीं है। कारण है, हमारा पाचन एक रासायनिक क्रिया है, जबकि उन जानवरों का पाचन माइक्रोबियल होता है। सूक्ष्मजीवी सेल्युलोज को खाकर शुगर में बदल देते हैं, जो बाद में उन जीवों के काम आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कुछ एक्सपर्ट का ये भी है तर्क
हमारे भोजन में डायटरी फाइबर होने चाहिये, परन्तु अनडाइजेस्टिविल फाइबर जितना कम हों, अच्छा होता है। मल में भिंडी सहित अन्य सब्जियों के बीज और टमाटर या संतरे का छिलका आना भी हो सकता है। कारण ये है कि बहुत सारे बीजों के लिए प्रकृति ने यह व्यवस्था की है कि यह शरीर में डाइजेस्ट नहीं होते और मल के साथ दूर दूर तक फैल कर नए पोधे के रूप में जन्म लेते हैं। मनुष्य और पशु मल द्वारा इन्हे दूर दूर तक फैलाने में मदद करते हैं। टमाटर का बीज भी ऐसा ही है। टमाटर अगर बिना पकाए खाया जा रहा है तो यह वैसे ही निकलेगा और अनुकूल परिस्थिति में जर्मिनेट कर नया पौधा बनेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नोटः ये लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह लें
अग्नि मंद होने का संकेत
एक तर्क ये भी है कि मल में छिलके आना ये शरीर की अग्नि के मंद होने का संकेत भी हो सकता है, जिससे भोजन ठीक से पच नहीं रहा। इसके परिणामस्वरूप शरीर में पोषक तत्वों की कमी होगी जो गठिया जैसे कई रोगों को जन्म दे सकती है। इसके अतिरिक्त जब भोजन सही से नही पचेगा तो उससे उत्पन्न रस भी अधपका होगा। ये अधपका रस जब रक्त में मिलकर शरीर में जाता है तो वात पित्त कफ तीनों की वृद्धि करता है। हालांकि, टमाटर के फायदे बहुत हैं। इसका उल्लेख हम आगे करने जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ब्लड प्रेशर करता है कंट्रोल करता है टमाटर
टमाटर के जूस में लाइकोपीन, बीटा कैरोटीन और विटामिन E होते हैं। ये कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं जो फ्री रेडिकल्स को दूर करते हैं। इसके अलावा ये न्यूट्रिएंट्स हाई ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करते हैं।
वजन कम करना है तो खाएं टमाटर
टमाटर का जूस पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइबर पेट साफ करता है जिससे पेट से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं। अगर इसे फाइबर के लिए खा रही हैं तो जूस की जगह इसे सलाद में शामिल करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बढ़ाए शुक्राणु, इम्यून सिस्टम करे मजबूत
टमाटर में लाइकोपीन मौजूद होता है जो एक नॉन-प्रोविटामिन A कैरोटीनॉयड है, जिसकी वजह से इसका रंग लाल होता है। लाइकोपीन मेल इनफर्टिलिटी को दूर करने के साथ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है। प्रोस्टेट कैंसर में भी यह फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त यह इम्यूनिटी बढ़ता है जिससे शरीर रोगों से लड़ पाता है। कोई भी व्यक्ति आहार में मौजूद लगभग 10% -30% लाइकोपीन को अब्सॉर्ब कर सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैल्शियम मजबूत करे हड्डियां और दांत
कैल्शियम दांत और हड्डियां मजबूत करता है। 100 ग्राम टमाटर में 10 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसे खाने से हड्डियों की बीमारियां कम होती हैं। यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है।
शुगर के मरीजों के लिए असरदार
टमाटर में नारिंगिन कंपाउंड होता है। एंटीडायबिटिक गुण के कारण यह खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करता है। साथ ही टोमैटो जूस लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन, पोटेशियम, विटामिन-सी, फ्लेवोनॉइड, फोलेट और विटामिन-ई से भरपूर होता है। यह तत्व टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह फायदेमंद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंखों की बीमारयों में फायदेमंद
टमाटर में विटामिन C होता है जो आंखों की बीमारियों से बचाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सेल्स को हेल्दी रखते हैं और आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं।
दर्द निवारक, सूजन करे कम
टमाटर में फ्लेवोनोइड्स भरपूर मात्रा में होते हैं। यह एनाल्जेसिक यानी दर्द दूर करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन, विटामिन C, विटामिन E जैसे बायो एक्टिव कंपाउंड सूजन कम करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फोलेट से भरपूर, प्रेग्नेंसी में फायदेमंद
टमाटर में फोलेट प्रचुर मात्रा में होता है। यह तत्व मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण को रीढ़ की हड्डी और दिमाग के रोगों से बचाता है, इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह खास तौर पर फायदेमंद है।
लिवर के लिए बेहतर, दिमाग को रखे स्वस्थ
टमाटर में मौजूद लाइकोपीन अल्कोहलिक लिवर की बीमारी को रोकता है। इसके सेवन से लिवर कैंसर का खतरा कम होता। सलाद के तौर पर या जूस के रूप में टमाटर लिवर के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा यह दिमाग के लिए भी जरूरी है। इसमें मौजूद लाइकोपीन अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन C न्यूरोट्रांसमीटर, नॉरपेनेफ्रिन का निर्माण करता है। विटामिन C की मात्रा कम होने से इंसान की दिमागी हालत पर बुरा असर पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्किन प्रॉब्लम को करे दूर
टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन सूर्य की खतरनाक UV किरणों से स्किन की रक्षा करता है। सनबर्न है तो इसके टुकड़े स्किन पर लगाने से फायदा होता है। यह बेहतरीन क्लींजर की तरह काम करता है। स्किन क्लीनिंग के लिए इसे यूज कर सकती हैं।
बालों को मजबूत बनाए
टमाटर का रस बालों के लिए फायदेमंद है। इसमें पाया जाने वाला फ्लेवोनॉयड्स बालों को झड़ने से रोकता है। टमाटर विटामिन-A से भरपूर है। यह बालों को चमकदार और मजबूत बनाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खीरे के साथ न खाएं टमाटर
खीरा जल्दी पच जाता है, टमाटर के बीज को पचाने में ज्यादा समय लगता है। अगर आप दोनों एक साथ खाते हैं तो पेट में एसिड बनने लगता है। इससे पेट फूलने और शरीर में सूजन की समस्या होती है।
टमाटर के बीज किडनी के लिए नुकसानदायक
टमाटर के बीज किडनी को नुकसान पहुंचाते है, इससे पथरी की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद में किडनी स्टोन के रिस्क को देखते हुए ही टमाटर के बीज निकालकर खाने की सलाह दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खाने से लिवर कैंसर का खतरा कम
एक नए अध्यनन में पाया गया है कि टमाटर ज़्यादा खाने से लिवर कैंसर होने का ख़तरा काफी कम हो जाता है। चूहों पर की गई इस रिचर्स के मुताबिक, टमाटर में लाइकोपीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और कैंसर को नष्ट करने वाले गुण होते हैं। टमाटर में मौजूद इन सभी चीज़ों से लिवर की सूजन, कैंसर का ख़तरा और अन्य समस्याएं दूर हो जाती हैं। अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Xiang-Dong Wang ने बताया कि कच्चे टमाटर के साथ टमाटर की चटनी, केचअप, जूस और टमाटर से बने प्रोडकट्स में लाइकोपीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने ये भी बताया कि स्टडी के दौरान ये भी पाया गया कि लिवर कैंसर से बचाने में टमाटर का पाउडर बहुत अहम भूमिका निभाता है। उनके मुताबिक, कच्चे टमाटर में विटामिन-ई, विटामिन-सी, फोलेट, मिनरल्स, फिनोलिक कंपाउंड और डायट्री फाइबर पाए जाते हैं। इस रिसर्च को कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च जर्नल में पब्लिश किया गया था। अध्यनन में बताया गया है कि चूहों को टमाटर का पाउडर खिलाने से शरीर में सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया की ग्रोथ कंट्रोल में रही। साथ ही इस रिसर्च में शामिल चूहों को लिवर कार्सिनोजेन से संक्रमित किया गया। इसके बाद उन्हें हाई फैट डाइट दी गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन फलों में भी है फायदा
आपको बता दें कि टमाटर के अलावा अमरूद, तरबूज़, पपीते में भी लाइकोपीन पाया जाता है। हालांकि, टमाटर के मुकाबले इन फलों और सब्ज़ियों में लाइकोपीन की मात्रा काफी कम होती है। लाइकोपीन से भरपूर टमाटर और टमाटर से बनी चीज़ें जैसे केचअप या चटनी को खाने से लीवर के अलावा हार्ट प्रोब्लम, ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज़, फेफड़े, स्तन और पेट आदि के कैंसर का ख़तरा भी कम होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टमाटर के बीज से पथरी
जिन लोगों को पथरी रोग की समस्या नहीं है, तो उनके लिए टमाटर या टमाटर को बीज सहित खाने से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। टमाटर में कैल्शियम और ऑक्सलेट यौगिक की सिमित मात्र पाई जाती है। जो कि निरोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लाभप्रद होती है। टमाटर के बीज में कैल्शियम और ऑक्सलेट यौगिक पायी जाती है। जो कि किडनी में पथरी बनने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति पहले से किडनी /गुर्दे की पथरी की समस्या से ग्रस्त होता है। तो उसके द्वारा टमाटर का सेवन करना पथरी बनने को प्रोत्साहन करना होगा। इसीलिए टमाटर के सेवन से परहेज करने को कहा जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जरूरत से ज्यादा सेवन से नुकसान
हालाँकि किसी भी चीज को अधिक मात्रा में खाने से फायदे के बजाय नुकसान होना निश्चित है। अतः यदि टमाटर का भी जरुरत से ज्यादा सेवन किया जाए, तो पेट में गैस, किडनी में पथरी निर्माण, त्वचा के रंग में बदलाव, शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिनचर्या में करें सुधार
-प्रातः काल योग में अग्निसार की क्रिया करें।
-सुबह खाली पेट एक सेब खायें।
भोजन के साथ गाजर- मूली- टमाटर -प्याज के सलाद का बराबर सेवन करें।
-भोजन के तुरंत बाद पानी कभी न पियें।
-भोजन के बाद मीठे में गुड खायें।
-इससे भी यदि राहत न हो तो भोजन के बाद त्रिफला में सोंठ का चूर्ण मिला कर खायें।
-यदि खुल कर भूख लगने लगे तो समझो समस्या खत्म हो रही है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।