प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की अगुवाई में मुख्य सचिव से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, सौंपा छह सूत्रीय ज्ञापन

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रतनिधिमंडल ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव आनंद बर्धन से मुलाकात की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य में मौत की उड़ानों पर रोक लगाने, डीजीसीए व एयर ट्रैफिक नियमावली का कड़ाई से पालन कराने आदि की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्य सचिव से कहा कि राज्य की सबसे प्रतिष्ठित चार धामयात्रा में पिछले सवा महीने में पांच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं घटित होना और उनमें अब तक तेरह लोगों की अकाल मृत्यु होना गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ये दुर्घटनाएं राज्य में पारदर्शी व सुरक्षा की दृष्टि से लचर उड्डयन नीति के कारण हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए कोई स्पष्ट मानक तय नहीं हैं। एटीसी व डीजीसीए नियमावली का कोई पालन नहीं हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कितनी उड़ानें होनी हैं, कितनी लैंडिंग होनी हैं, कितने घंटे एक हेलीकॉप्टर लगातार उड़ सकता है। इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। खटारा हेलीकॉप्टरों का संचालन तथा अंधाधुंध उड़ानें इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध हेलीकॉप्टर उड़ानों के कारण उत्तराखंड में पर्यावरणीय चिंताएं भी बढ़ रही हैं। राज्य के नेशनल पार्क, वन्य जीव और ग्लेशियर सभी को खतरा उत्पन्न हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्य सचिव से मांग करते हुए कहा कि राज्य में डीजीसीए व एयर ट्रैफिक सिस्टम के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक पारदर्शी उड्डयन नीति बनाई जाए और उसका सख्ती से पालन हो। साथ ही उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव से मांग की कि पहाड़ों में चार पहिया वाहनों के चालकों के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस आवश्यक किया जाए। उन्होंने कहा कि नैनीताल में नई टैक्सी परमिट पर प्रतिबंध लगा हुआ है, किंतु देश भर के अन्य राज्यों की टैक्सियों को नैनीताल समेत पूरे पहाड़ों में चलने की अनुमति है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने मुख्य सचिव से कहा कि प्रदेश में अब तक संचालित हो रही हेलीकॉप्टर सेवाओं पर सरकार व उड्डयन विभाग का कोई नियंत्रण नहीं था। या यूं कहा जाए कि उन्हें मनमाफिक उड़ान भरने की अलिखित अनुमति शासन-प्रशासन ने दे रखी थी। इसके कारण सारे नियम दरकिनार कर यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित हो रही थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि 15 जून को घटित दुर्घटना भी नियमों की धज्जियां उड़ाने का परिणाम थी, क्योंकि जिस हेलीकॉप्टर को सुबह 6 बजे उड़ान भरनी थी, वह सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर ही उड़ गया। इसी कारण सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर कंपनियां पैसा कमाने की आपाधापी में सारे नियम ताक पर रखकर हेलीकॉप्टरों को विक्रम टेम्पो की तरह चला रही हैं। इसी के कारण ये दुर्घटनाएं हो रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने मुख्य सचिव से कहा कि हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी के कारण प्रदेश में हवाई यात्रा में अराजकता का माहौल है। उन्होंने उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार एक नई उड्डयन नीति बनाए जाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष मदनलाल, प्रदेश कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल एवं श्री देवेंद्र सिंह शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन के मुख्य बिंदु
1. उत्तराखंड में एक पारदर्शी व स्पष्ट दिशा निर्देश वाली उड्डयन नीति बनाई जाए, जो डीजीसीए के दिशा निर्देशों व एयर ट्रैफिक कंट्रोल नियमावली के नियमों का सख्ती से पालन करे।
2. उत्तराखंड में यहां की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप सुरक्षा मानकों पर खरे हेलीकॉप्टरों को ही उड़ने की इजाजत दी जाए।
3. उड़ान का समय निर्धारित हो, टेक ऑफ, लैंडिंग निर्धारित संख्या में हों। फ्लाइंग घंटे भी निर्धारित हों।
4. हेलीकॉप्टर्स के पायलट के पहाड़ों में उड़ान का अनुभव का मानदंड निर्धारित हो।
5. हैली सेवा का संचालन इस प्रकार से हो कि उत्तराखंड का पर्यावरण, वन्य जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े।
6 उत्तराखंड में उड़ने वाले किसी भी हेलीकॉप्टर की आयु सीमा, सेफ्टी ऑडिट तय राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।