पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम मतदाता सूची से नाम गायब, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने किया कटाक्ष, निर्वाचन अधिकारी ने दिया ये जवाब
उत्तराखंड में 100 स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए आज गुरुवार 23 जनवरी 2025 की सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो गया गया था। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं में उत्साह देखा गया। वहीं, इस बार कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब होने पर लोगों में सिस्टम के प्रति गुस्सा भी देखा गया। प्रदेशभर से बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम गायब होने की खबरें आती रहीं और मीडिया की खबरों की सुर्खियां बनती रहीं। इस बार स्थानीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से हो रहे हैं। 25 जनवरी को मतगणना होगी। सुबह 10 बजे तक 12 फीसद मतदान हो चुका था। वहीं, शाम चार बजे तक 56.81 फीसद मतदान हो गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मतदाता सूची के प्रति जागरूक रहना जरूरी
वैसे तो आम मतदाता को भी मतदाता सूची के प्रति जागरूक रहना जरूरी है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता है। मतदाता को मतदान के दिन ही पता चलता है कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। ये आज से नहीं हो रहा है, बल्कि हर चुनाव में ऐसी शिकायतें आम हो चुकी हैं। विपक्ष नाम काटने का आरोप सत्ताधारी पार्टी पर ही हमेशा से लगाता रहा है। ऐसा हर बार होता आया है। मतदाता सूची से नाम कटाने के लिए कोई भी शिकायत कर सकता है। हालांकि, इस शिकायत की जांच होती है, लेकिन धरातल पर क्या होता है, ये सबको पता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। हालांकि, राजनीतिक दलों के हर वार्ड स्तर पर अपने कार्यकर्ता होते हैं। ऐसे में विपक्षी दलों को भी मतदाता सूची के प्रति जागरूक रहना चाहिए। हाल ही में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने ऐसी गड़बड़ियां विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही पकड़ने का दावा किया। साथ ही इस मामले को मुद्दा बना दिया था। आप सांसद संजय सिंह की पत्नी अनिता सिंह का नाम भी मतदाता सूची से गायब कर दिया गया था। पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया तो सूची में नाम जोड़ा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम भी मतदाता सूची से गायब
उत्तराकंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत जब वोट डालने की तैयारी कर रहे थे, तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था। यहां बीएलओ भी आया था। यहां भी किराए पर रहते हैं। पहले राजपुर में किराए पर रहता था, लेकिन वोट माजरा में था। अब कहीं नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में बात की, तो जवाब मिला कि अभी सर्वर डाउन है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें गहरा दुख है। हजारों लोगों के नाम काट दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मतदान निपटने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कहां है नाम
देर शाम को जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसे लेकर एक सूची जारी की. जिसमें हरीश रावत का नाम मौजूद था। पता चला कि उनका नाम नाम वार्ड-76 माजरा के बजाय वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी की वोटर लिस्ट में है। हालांकि हरीश रावत को नाम की जानकारी तब दी गई, जब मतदान निपट गया था। यानि कि देर शाम। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरीश रावत का आया ये जवाब
इसके बाद हरीश रावत का बयान भी आया है। हरीश रावत ने कहा कि मेरे स्टाफ ने मुझे बताया कि जिलाधिकारी देहरादून ने उन्हें 6:38 बजे सूचित किया है कि मेरा नाम वार्ड-76 माजरा के बजाय वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी की वोटर लिस्ट में है। मैं वर्ष 2009 से लगातार माजरा पोलिंग स्टेशन में ही वोट कर रहा हूं। कुछ समय पूर्व में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी मैंने वही वोट किया है। आज जब माजरा की वोटिंग पोलिंग लिस्ट में मेरा नाम दर्ज नहीं पाया गया तो यह बात सारे समाचार चैनलों में प्रचारित-प्रसारित हुई। मेरे स्टाफ ने राज्य चुनाव आयुक्त नगर निकाय पंचायती राज व उनके कार्यालय, जिलाधिकारी देहरादून, RO से बात कर नाम न होने की शिकायत की। चुनाव आयोग से संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों से भी आग्रह भी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरिश रावत का कहना है कि कर्मचारियों ने आयोग का सर्वर डाउन होने की सूचना दी। यह समाचार कुछ चैनलों में भी प्रसारित हुआ। 4 बजे मैं खुद माजरा क्षेत्र के तीन पोलिंग स्टेशनों में गया। अपना नाम ढूंढा. कहीं नाम नहीं मिला। निराश होकर मैं भगवानपुर किसी आवश्यक कार्य से चला गया। मुझे मेरे स्टाफ ने बताया गया कि जिलाधिकारी ने मेरा नाम वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी में होने की सूचना दी है। यदि यह सूचना मुझे 4:00-4:30 बजे तक भी मिल जाती तो मैं अपने मतदान के अधिकार का उपयोग कर सकता था। मैंने कभी भी मतदाता सूची तैयार करने वालों से मेरा नाम माजरा से अन्यत्र स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया, जो BLO मेरे आवास पर आए थे तो मेरे स्टाफ द्वारा उनको भी मेरा मंतव्य उस समय स्पष्ट रूप से बता दिया गया था कि मैं माजरा पोलिंग स्टेशन में ही अपना नाम दर्ज रखना चाहता हूं। मैं किसी के ऊपर जान-बूझकर मुझे मतदान से वंचित करने का आक्षेप नहीं लग रहा हूं, मगर देहरादून में हजारों की संख्या में मतदाता सूचियों से लोगों के नाम गायब मिले हैं। लगभग सभी वार्डों में यह स्थिति है। मेरा मानना है कि ऐसी स्थिति जान-बूझकर पैदा की गई है, क्योंकि जो नाम मतदाता सूचियों से हटाए गए हैं उनमें 90% से अधिक लोग कमजोर वर्गों व अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी का नाम भी लिस्ट से गायब
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब है। गरिमा का कहना है कि उनका और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहा है। उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग की थी, लेकिन उनका नाम इस बार की निकाय चुनाव की सूची से गायब है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हार के डर से बीजेपी ने रची साजिश
वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने आज नगर निकाय चुनाव में हजारों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में न मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे भाजपा की साजिश बताया है । उन्होंने मतदाता सूची में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत हजारों लोगों के नाम गायब होने की हाई कोर्ट के एक एक्टिव जज से से जांच कराए जाने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा है कि भाजपा चुनाव में अपनी निश्चित हार को देखते हुए लोगों के मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश रची है। उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र कमजोर हुआ है और इससे लोगों का मतदान से विश्वास घटेगा। उन्होंने इस सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल हाई कोर्ट के एक एक्टिव जज से इस मामले की जांच की मांग का आग्रह किया है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने किया कटाक्ष
उत्तराखंड भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में नहीं होने पर कटाक्ष किया है। कहा कि उनका मतदान के दिन सूची में नाम ढूंढने से ही पता चलता है, वे कितने जागरूक मतदाता हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि हरीश रावत इतने स्थानों से चुनाव लड़ते हैं कि उन्हें मालूम नहीं किस शहर या ग्रामीण क्षेत्र में उनका वोट है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भाजपा की जीत निश्चित है, लिहाजा हरीश रावत जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह की नाटकबाजी और हल्की राजनीति से बचना चाहिए। मतदाता सूची में नाम नही होने के आरोपों पर भट्ट ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन हरीश रावत अपना नाम सूची में तलाशते हैं। दअरसल उन्हें यह मालूम ही नहीं वह कहां के मतदाता है ? क्योंकि कभी वह हरिद्वार से चुनाव लड़ते हैं, कभी अल्मोड़ा से चुनाव लड़ते हैं, कभी उधम सिंह नगर से लड़ते हैं। उन्हें यह ही मालूम ही नहीं कि वे ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता है या शहरी क्षेत्र के। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने सलाह दी कि हरीश रावत को भी जागरूक मतदाता बनना चाहिए और समय रहते अपने मत को सुनिश्चित करना चाहिए था। स्वयं अपना उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा, मैं भी ग्रामीण क्षेत्र का मतदाता हूं। इसी वजह से मैं भी आज स्वाभाविक रूप से वोट नहीं कर पाऊंगा। बेहतर होता कि हरदा को भी सच्चाई को स्वीकार करते । उन्हें जागरूक मतदाता बनकर अपने साथी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने सही उदाहरण पेश करना चाहिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।