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June 25, 2025

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलनः राज्य के पर्यटन, राज्य में निवेश की संभावनाएं, कृषि उत्पादन और विदेशों में रोजगार के अवसर पर चर्चा

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में राज्य में पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न सत्रों में राज्य में हर क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं, विदेशों में रोजगार के अवसर, राज्य में कृषि उत्पादन का लक्ष्य दोगुना करने पर विस्तार से चर्चा की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के प्रथम सत्र में विनिर्माण, ऊर्जा उत्पादन और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया। थाइलैंड से आए ब्रॉस्टेन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एके काला ने कहा कि 30 साल तक विदेश में काम करने के बाद अब वो भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोलने की तैयारी कर रहे हैं, इसमें वो उत्तराखंड को प्राथमिकता देंगे। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में ऑयल एंड गैस सेक्टर के लिए उपकरण तैयार कर दुनिया भर में सप्लाई करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ एके काला ने कहा कि वो उत्तराखंड में पलायन से पूरी तरह खाली हो चुके गांवों को भी फिर आबाद करने के लिए काम करना चाहते हैं, इसके लिए किसी एक ऐसे गांव को गोद लेने का प्रस्ताव शासन को दे चुके हैं। साथ ही 70 साल से अधिक उम्र की जरूरतमंद महिलाओं को अपनी मां के समान मानते हुए, अपनी मां के नाम पर चला जा रहे भीमा केयर फाउंडेशन के जरिए मदद करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाउस ऑफ हिमालयाज की तारीफ
सिंगापुर से आई मंडला ग्लोबल की संस्थापक मीनाक्षी अरोड़ा डबराल ने कहा कि वो अपने ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर उत्तराखंड की महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयार किए गए हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड की तारीफ करते हुए, कहा कि इसमें सभी उत्पाद उच्च गुणवत्ता के हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विश्व खाद्य श्रंखला में अहम भूमिका निभा सकता है। वो उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की सप्लाई सिंगापुर में करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मेक इन उत्तराखंड
उत्तराखंड में ही एआई आधारित स्टॉर्टअप संचालित करने वाले कुनाल उनियाल ने कहा कि वो लंदन से वापस आकर, उत्तराखंड से ही एआई आधारित शिपिंग ट्रांसपोर्ट स्टॉर्ट अप संचालित कर रहे हैं। इसके लिए कई निवेशक भी उत्तराखंड आए हैं, उन्होंने कहा कि हम मेक इंडिया, मेक इन उत्तराखंड के नारे पर चलते हुए काम कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुनसोला हाइड्रो पावर जनरेशन के राजेश गुनसोला ने बताया कि वो टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार में हाइड्रो प्रोजेक्ट संचालित कर रहे हैं, जिसमें 50 लोग रोजगार पा रहे हैं। अब वो विनयखाल में सोलर प्रोजेक्ट में भी शुरु करने जा रहे हैं। सोलर प्लांट के क्षेत्र में कंसलटेंट अमन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ सोलर ऊर्जा के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ ही निवेश के लिए कई प्रयास कर ही है। इसी क्रम में जल्द जियो थर्मल और ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी भी तैयार हो रही है। सत्र का संचालन आयुक्त उद्योग प्रतीक जैन ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के द्वितीय सत्र में पर्यटन विशेषज्ञों और प्रवासी उत्तराखंडियों ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड असीमित संभावनाओं से भरा हुआ है। कहा गया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग के अपर सचिव अभिषेक रोहेला ने दूसरे सत्र में चर्चा करते हुए सरकार की तमाम पर्यटन योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के बावजूद उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। सरकार ने इस बार से शीतकालीन यात्रा भी शुरू की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने साहसिक पर्यटन, पर्यटन सर्किट, होम स्टे, उत्तराखंड टूरिस्ट पालिसी का जिक्र किया और सरकार के स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। ताज ग्रुप के आईएचसीएल के जीएम मनोज मिश्रा ने बताया कि उनके ग्रुप के 17 होटल इस वक्त उत्तराखंड में हैं और बहुत जल्द देहरादून का प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उनका ग्रुप विरासत का सम्मान, सतत विकास के लिए सहभागिता, पर्यावरणीय हितों का ध्यान, स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर और कौशल विकास जैसे पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रहा है। स्टारकैप्स के मेंटर व एकेडेमिक हेड अमिताभ पांडेय ने एस्टो टूरिज्म पर बात की। उन्होंने कौसानी में नक्षत्र सभा की स्थापना से जुडे़ अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पहुंचना आसान है। वनों की सघनता है। दूरस्थ में अति दर्शनीय स्थान है। ये सारे पहलु एस्टो टूरिज्म को बढ़ावा देने के मजबूत आधार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मनीष सैनी ने हेली सेवा के माध्यम से उत्तराखंड को जोड़ने पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि हिमालय दर्शन के माध्यम से हेली सेवा देने का अनुभव बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालय में कई ऐसी जगह है, जहां तक आप नहीं पहुंच सकते। ऐसी स्थिति में हेली सेवा कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने अपनी प्रस्तावित जायरो एक्सपडीसन का भी जिक्र किया और कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ईको ग्लैंपस कानाताल के फाउंडर व सीईओ संजीव शर्मा ने कहा कि पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए ग्लैंपिंग पर्यटन का ऐसा माध्यम है, जिसके कई लाभ है। सीमित संसाधनों से स्थानीय लोगों के रोजगार के बडे़ जरिये इससे बनाए जा सकते हैं। उन्होंने अपनी संस्था के स्तर पर किए जा रहे कार्यों और उसमे महिलाओं की भागीदारी का खास तौर पर जिक्र किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जापान से आए प्रवासी उत्तराखंडी भुवन तिवारी ने बताया कि जापान में पर्यटन के क्षेत्र में भारत की 16 कंपनियां काम कर रही हैं, जिसका संचालन करने वाले 50 फीसदी उत्तराखंडी हैं। उन्होंने कहा कि जापान से आने वाले पर्यटक ज्यादातर हरिद्वार व ऋषिकेश ही आते हैं। उन्हें पहाड़ के अन्य स्थानों तक लाने के प्रयास होने चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके त्रिपाठी ने कहा कि आयुष व वैलनेस पर देश दुनिया की कितनी रूचि है, इसका पता पिछले दिनों आयोजित वल्र्ड आयुष कांग्रेस से चल सकता है। इस आयोजन में रिकार्ड रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उन्होंने कहा कि वैलनेस का मतलब है कि किन नियमों का पालन करके स्वस्थ रहा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होने कहा कि उत्तराखंड आयुष राज्य है। यहां पर दुर्लभतम मेडिकल प्लांट मौजूद हैं। इनके बेहतर उपयोग करके देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश को वल्र्ड कैपिटल योगा घोषित किया गया है। यह वल्र्ड सिटी आफ वैलनेस भी है। उन्होंने आयुष व वैलनेस के संबंध में प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए उनके बारे में विस्तार से बताया। पर्यटन विभाग की अधिकारी पूनम चंद्र ने आभार प्रकट किया। इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान किया गया। संचालन आरजे काव्य ने किया। संचालन आरजे काव्य ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विदेशों में रोजगार अवसरों का लाभ उठाएं उत्तराखंड के युवा
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के तीसरे सत्र में कौशल विकास और विदेश में रोजगार की संभावना पर विचार विमर्श किया गया। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सत्र की विषय वस्तु रखते हुए बताया कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगार परख कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में हेड एकेडमिक क्वालिटी प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना घिल्डियाल बिजल्वाण ने कहा कि हमारे युवा आज भी उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं, यह एक तरह से प्रतिभा पलायन है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा में आगे होने के बावजूद, हमारे युवा भाषा के स्तर पर पिछड़ रहे हैं, साथ ही हमारे शिक्षण संस्थान अब भी ग्लोबल स्टैंडर्ड से पीछे हैं। इसे ठीक किया जाना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आईआईटी दिल्ली के प्रो एसके साहा ने कहा कि तकनीकी का प्रयोग, गांवों के विकास में किया जाना चाहिए। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में एआई के प्रोफेसर अंचित बिजल्वाण ने कहा कि ज्यादातर विदेशी शिक्षण संस्थान प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण करवा रहे हैं, भारत में भी शिक्षण प्रणाली को बदलना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विदेश के नियम कायदें भी बताएं
यूएई से आए प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत ने कहा कि विदेश में रोजगार के लिए स्किल के साथ ही युवाओं को संबंधित देश के नियम कायदों की भी सही जानकारी देनी चाहिए। खासकर जालसाजों के जरिए, विदेश जाने की प्रवृत्ति के खतरों के प्रति हमें लोगों को उजागर करना होगा। कौशल विकास विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। इसके तहत जापान में कई युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। अब जर्मनी ओर ब्रिटेन में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के डॉ अमित दिवेदी ने कहा कि संस्थान युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए हर तरह से प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्टार्टअप में निवेश करें प्रवासी
आईआईटी रुड़की के प्रो. आजम खान ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए बहुत संभावना हैं। इसमें प्रवासी समुदाय मदद कर सकता है। खासकर स्टार्टअप के मैंटोरशिप में प्रवासी मददगार हो सकते हैं सनफौक्स टेक्नोलॉजी के सह संस्थापक रजत जैन ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए शानदार ईको सिस्टम है, युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। सत्र का संचालन दून विवि की वीसी प्रो सुरेखा डंगवाल ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के चतुर्थ सत्र में कृषि व ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान एक नारा खूब लगता था-कोदा, झिंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे। अब बदली हुई स्थिति में नारा बदल गया है। नया नारा है-कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चतुर्थ सत्र में अपने संबोधन में जोशी ने कहा कि जहां तक जैविक खेती का सवाल है, आज करीब 40 फीसदी तक हमारी खेती जैविक है। इस साल हम इसे 50 फीसदी तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पिछले चार वर्षों से हमें जैविक खेती में प्रथम पुरस्कार मिल रहा है। प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने मिलेट्स को बढ़ावा दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि मिलेट्स के लिए उत्तराखंड में बेहद उपयोगी स्थिति मौजूद है। उन्होंने कहा कि हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। 2027 तक हम अपना उत्पादन दुगना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से बात की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कृषि बागवानी सचिव दीपेद्र कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में छह एरोमा वैली प्लांट डेवलप किए जा रहे हैं। एरोमा पार्क काशीपुर में 40 एकड़ भूमि पर इत्र से संबंधित प्रोसेस यूनिट को एक जगह पर लाने का निर्णय महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एरोमा वैली पालिसी प्रारूप तैयार है, जिसे दो-तीन महीने में अनुमोदन प्राप्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लेकर कार्य किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

काश्तकारों ने बताई सफलता की कहानी
काश्तकार बलबीर सिंह कांबोज ने बताया कि वह 18 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती करते हैं। यहां की जलवायु अच्छी है। इस व्यवसाय के लिए सारी स्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंन कहा कि प्लास्टिक के फूलों को सीमित करना चाहिए। प्राइवेट कंपनी चला रहे चंद्रमणि कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी ने 18 राज्यों में 40 हाइड्रोपोनिक फार्म बनाए हैं। युगांडा में भी काम कर रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मधुमक्खी पालन व्यवसाय कर रहे अतर सिंह कैंत्यूरा ने कहा कि हमारे जंगल मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त हैं। उत्तराखंड में बहुत पहले से इस संबंध में काम किया जा रहा है। जौजीकोट में देश का पहला मधुमक्खी बाक्स बना था। नैनीताल की आरोही संस्था के पंकज तिवारी ने कहा कि विकास में संतुलन जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने मशरूम उत्पादन, शहद उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिश्रित खेती उत्तराखंड के लिए अच्छी है, क्योंकि पहाड़ काफी असिंचित खेती है। मृदा का स्वास्थ्य वैसा ही रखना है, जैसे हम अपने स्वास्थ्य को रखते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक प्राइवेट कंपनी संचालित कर रहे मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि कलस्टर मे काम किया जाना ज्यादा लाभदायी है। उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर 200 बीघा जमीन पर काम किया गया है। चतुर्थ सत्र में मेहमानों का स्वागत ग्राम्य विकास आयुक्त अनुराधा पॉल ने किया। सत्र का संचालन आर्गनिक बोर्ड के एमडी विनय कुमार ने किया। इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान भी किया गया।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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