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November 7, 2024

क्या आप जानते हैं सूरज के पास पृथ्वी के पहुंचने पर क्यों लगती है सर्दी, दूर होने पर बढ़ जाती है गर्मी

खलोग विज्ञान के बारे में जितनी भी हम जानकारी जुटाते हैं या पढ़ते हैं, वह कम ही है। अब एक जानकारी ये भी है कि जब पृथ्वी सूरज के निकट पहुंचती है, तो इसके एक बड़े भाग में सर्दी पड़ने लगती है। वहीं, जब पृथ्वी सूरज से दूर हो जाती है तो भारत सहित कई देशों में गर्मी पड़ने लगती है। अब आपके दिमाग में सवाल आएगा कि सूरज के पास पृथ्वी के पहुंचने पर तो गर्मी और दूर पहुंचने पर तो सर्दी होनी चाहिए। फिर इसका उलटा क्यों होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूरज के नजदीक जाने पर भी इस कारण लगती है सर्दी
वैज्ञानिक बताते हैं कि जब सूरज हमारे नजदीक होता है तो उस दौरान पृथ्‍वी 23.5 डिग्री पर झुकी होती है। इसलिए सूरज की किरणें डायरेक्‍ट पृथ्‍वी पर नहीं पहुंचती हैं। ऐसे में सर्दी का सबसे बड़ा कारण यही है। भारत में ये समय 23 सितंबर के बाद से शुरू होने लगता है। जब मौसम में हल्‍की ठंडक आनी शुरू हो जाती है। उस समय का मौसम और फरवरी का मौसम हल्की ठंड का होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत में सर्दी का कारण
सूरज की सीधी किरणें इस समय विषुवत रेखा पर पड़ रही है। जो देश या इलाके विषुवत रेखा पर हैं, वहां इस समय पर बेहद गर्मी है। इसके विपरीत जो देश कर्क रेखा या उसके उत्‍तरार्ध पर हैं, वहां ठंड हैं। भारत भी उनमें से एक है। इस तरह समझ‍िए इस समय सूरज की किरणों का कोण कर्क रेखा पर 40 डिग्री से नीचे रहता है। ऐसे में यहां सर्दी हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, विषुवत रेखा पर किरणों का कोण करीब 90 डिग्री है। इसलिए उन देशों में गर्मी हो रही है। जून के दौरान जब हमारे यहां कोण 90 डिग्री होता है, तो भारत में गर्मी पड़ती है। वहीं जहां तब न्‍यून कोण 40 डिग्री का होता है वहां ठंड होती है। वैज्ञान‍िक कहते हैं क‍ि भारत एक ऐसा देश हैं जहां सारी ऋतुएं हैं. यहां हर प्रदेश की भौगोलिक स्‍थ‍िति अलग है, साथ ही यहां हर ऋतु है फिर चाहे वो सर्दी हो, गर्मी-बरसात हो वसंत ऋतु। यहां हर मौसम होने के कारण लोगों में इम्‍यून‍िटी का लेवल भी काफी अच्‍छा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पृथ्वी के झुकाव पर निर्भर करता है मौसम
पृथ्वी पर गर्मी और सर्दी का कारण पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुकाव है, न कि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। पृथ्वी के इस झुकाव की वजह से ही, जब पृथ्वी सूर्य के पास होती है, तब भी सर्दी होती है। जब पृथ्वी सूर्य के पास होती है, तब भी सर्दी होने की वजह यह है कि पृथ्वी 23.5 डिग्री पर झुकी होती है। इस वजह से सूरज की किरणें सीधी पृथ्वी पर नहीं पड़तीं। पृथ्वी के झुकाव की वजह से, सूरज हमें आसमान में ज़्यादा ऊपर नहीं दिखता। इस वजह से सूरज कम समय के लिए ऊपर रहता है और पृथ्वी पर गर्मी कम पड़ती है। पृथ्वी के झुकाव की वजह से, सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पृथ्वी के झुकाव से जुड़ी कुछ और बातें
-जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर होता है, तब गर्मी होती है।
-जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य से दूर होता है, तब सर्दी होती है।
-भूमध्य रेखा के पास साल भर गर्मी और सर्दी बराबर रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सर्दियों में दिन छोटे होने का कारण
सर्दियों में पृथ्वी की दूरी सूर्य से कम होती है, लेकिन वो सूर्य से दूसरी तरफ झुकाव में होती है। इस कारण पृथ्वी पर ठंड का मौसम आता है और दिन भी छोटे होते है। दरअसल इस समय पृथ्वी उत्तरी गोलार्ध की तरफ झुकी होती है, जिससे सूरज कम समय के लिए ऊपर आ पाता है और उससे पृथ्वी पर गर्मी भी कम पड़ती है। इसे आसान भाषा में समझें तो दिन का छोटा बड़ा होने का कारण है पृथ्वी का झुकाव। पृथ्वी अपने एक्सिस पर 23.5 डिग्री के झुकाव पर होती है। सर्दियों में यूं तो पृथ्वी गर्मी के मौसम के मुकाबले सूर्य के पास होती है, लेकिन पृथ्वी का झुकाव सूर्य के तरफ न होकर उसकी विपरीत दिशा में होता है। इस कारण सूर्य हमें आसमान में ज्यादा ऊपर दिखाई नहीं देता और इसी कारण वो क्षितिज के ऊपर भी कम समय के लिए रहता है, जिससे दिन का प्रकाश कम होता है। अंधेरा जल्दी होता है और सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और रातें बड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लंबी रात होने के बाद भी दिन में नींद आने के कारण
आपके मन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि सर्दियों में रातें लंबी होती हैं, फिर भी नींद पूरी क्यों नहीं लगती और सुबह उठने में आलस क्यों आता है। तो बता दें कि सर्दियों में सूर्य की रोशनी बहुत कम वक्त के लिए पृथ्वी पर पड़ती है। इसका असर हमारे शरीर पर भी पड़ता है, क्योंकि हमारे शरीर को सूर्य की रोशनी की आवश्यकता होती है। इसलिए वो नहीं मिलने पर शरीर में आलस महसूस होता है और हर वक्त नींद आती रहती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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