उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में कोविड-19 के वैक्सीनेशन का किया गया पूर्वाभ्यास
कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिए देश के 736 जिलों में आज एक साथ टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया। इस पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) के अन्तर्गत उत्तराखंड के सभी 13 जनपद सम्मिलित किये गये थे। प्रत्येक जनपद के 10-10 चिकित्सालयों में वैक्सीनेशन का मॉक ड्रिल की गई। ड्राई रन में सरकारी एवं प्रमुख निजी चिकित्सालयों को चिह्नित किया गया था।
कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) के पूर्ण होने के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि पूर्वाभ्यास आयोजन भारत सरकार की आपरेशनल गाइडलाइन के अनुसार संतोषजनक स्तर पर पूर्ण किया गया है। प्रदेश के 11 जनपदों में 10-10 स्थानों पर तथा देहरादून एवं पौड़ी गढ़वाल में 11-11 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए। इस प्रकार राज्य के 13 जनपदों में 132 टीकाकरण सत्रों का आयोजन प्लान किया गया था।
आज किए गए पूर्वाभ्यास की प्रगति के बारे में राज्य नोडल अधिकारी ने बताया कि ड्राई रन लगभग सभी स्थानो पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आरम्भ हुआ तथा इन्टरनेट कनेक्टिविटी न होने की दशा में टीकाकरण सत्र किस प्रकार किया जायेगा। इसका भी मॉक ड्रिल 03 स्थानों पर किया गया। इन स्थानों पर टीकाकरण के समस्त आपरेशन ऑफ लाइन संचालित किये गये।
मिशन निदेशक श्रीमति सोनिका के अनुसार आज के पूर्वाभ्यास के दौरान 99 प्रतिशत टीकाकरण सत्र सफलतापूर्वक पूर्ण किए गए। इनके अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन का टीका दिये जाने की मॉकड्रिल की गई। मिशन निदेशक ने बताया कि मॉकड्रिल के दौरान 3160 लाथार्थियों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके सापेक्ष टीकाकरण पूर्ण होने तक 2720 लाभार्थियों का वैक्सीनेशन किया गया। इस अवधि में वैक्सीनेशन के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के 116 मामले रिकार्ड किये गये।
पूर्वाभ्यास की आज की गतिविधि पर राज्य स्तरीय कोविड कन्ट्रोल रूम द्वारा प्रत्येक क्षण की निगरानी की गई। जिसके लिए कन्ट्रोल रूम के चीफ आपरेशन आफिसर डा0 अभिषेक त्रिपाठी के निर्देशन में कन्ट्रोल रूम में तैनात सभी कार्मिको ने प्रातः 8:30 बजे से टीकाकरण सत्रों की प्रगति एवं संचालन पर पल-पल की जानकारी हासिल कर उन्हें रिकार्ड किया गया।
विदित है कि टीकाकरण के दौरान लाभार्थी को टीका दिये जाने के उपरान्त स्वास्थ्य सम्बन्धित प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देता है, लेकिन यह अधिकांश मामलों में वैक्सीनेशन की प्रवृति के कारण के तौर पर होता है। इस प्रतिकूल प्रभाव के निराकरण के लिए टीकाकरण सत्र के दौरान स्वास्थ्य कर्मीयों की ओर से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व से ही की जाती है। ताकि लाभार्थी को टीके का दुष्प्रभाव न आ सके।
कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम की तैयारी एवं आज सम्पन्न हुए पूर्वाभ्यास के बारे में बताते हुए निदेशक एनएचएम डा सरोज नैथानी ने बताया कि सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन को जनता तक उपलब्ध कराने के उददेश्य से यह सभी तैयारियां की जा रही हैं। जिसके अन्तर्गत अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करते हुए समस्त तैयारियां की जा चुकी है।
डा नैथानी के अनुसार प्रथम चरण में वैक्सीनेशन के लिए 87588 हैल्थ केयर वर्कस का डाटा तैयार कर लिया गया है। जिसमें 2804 सरकारी स्वास्थ्य सस्थाएं एवं 2149 निजी स्वास्थ्य इकाईया सम्मिलित हैं। इस गतिविधि को सफल बनाने के लिए 2118 वैक्सीनेटर एवं 402 पर्यवेक्षको को तैनात किया जायेगा। इस टीकाकरण को 9708 स्थानों पर कराये जाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।