राज्यसभा सांसद डॉ. नरेश बंसल ने उत्तराखंड को विशेष पैकेज और ग्रीन बोनस देने की सदन में उठाई मांग
उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ बीजेपी के सह राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. नरेश बंसल ने उत्तर पूर्व के राज्यो की तरह ही उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए विषेश पैकेज, ग्रीन बोनस देने की सदन में पैरवी की। उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी संपूर्ण आठ करोड़ से अधिक मानते हुए इसके अनुपात मे आर्थिक साहयता और योजनाओ का लाभ उत्तराखंड को दिया जाना चाहिए। साथ ही ग्रीन बोनस और औद्योगिक पैकेज को बहाल किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने राज्यसभा मे शून्यकाल मे उत्तराखंड से संबंधित इस गंभीर व जनहित का विषय उठाया। डा. नरेश बंसल ने सदन मे कहा कि उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है। उत्तराखंड पूर्व पीएम अटल जी ने दिया व पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व मे डबल इंजन की सरकार मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उसे संवारने का काम निरंतर कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने कहा कि चार धाम पुर्ननिर्माण हो, आल वेदर रोड, एयर कनेक्टिविटी, रोड-रेल कनेक्टिविटी जैसी बहुत सी योजनाओ का लाभ मोदी सरकार मे उत्तराखंड वासियो को मिल रहा है। उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यो की भौगोलिक परिस्थिति देश के बाकी राज्यो से अलग है। यहां जहां एक और प्राकृतिक सौंदर्य व सम्पदा की बहुतायत है। पर्यावरण स्वच्छ है, दूसरी तरफ की विषम समस्याएं भी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. नरेश बंसल ने कहा कि हिमालयी राज्यो के सतत विकास के लिए स्वतंत्र नीति बनाने की मांग लम्बे समय से चल रही है। हिमालयी राज्यो की भौगोलिक परिस्थितियां देश के अन्य हिस्सो से अलग है। विषम भौगोलिक हालात की वजह से यहां विकास काफी प्रभावित होता है। योजनाओ को पूरा होने मे समय लगता है। कई परियोजनाए लम्बे समय से लटकी पड़ी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जो कार्य मैदानी जिलो मे सहजता से हो जाता है, वह पर्वतीय राज्यो मे श्रम व आर्थिक लिहाज से काफी मुश्किल हो जाता है। पर्वतीय राज्यो की भौगोलिक और सामाजिक संरचना के अनुसार विकास की पृथक नीति बननी अति आवश्यक है। उत्तराखंड इस मुद्दे को शुरू से उठाता रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. नरेश बंसल ने सदन को बताया कि राज्य की सामान्यतः आबादी 1.20 करोड़ है, लेकिन पर्यटन, विभिन्न धार्मिक यात्राओ, पर्व त्योहार पर आने वाले श्रद्धालुओ की संख्या को जोड़ा जाए तो यह आठ करोड़ से भी ज्यादा हो जाती है। राज्य के इतनी बड़ी आबादी के लिए बुनियादी सुविधाओ की व्यवस्था करनी होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. नरेश बंसल ने सदन मे बताया कि दूसरी और पिछले एक दशक से ज्यादा से उत्तराखंड की देश को अपनी पर्यावरणीय सेवाओ के लिए केन्द्र सरकार से विषेश पैकेज व ग्रीन बोनस की मांग करता रहा है। उत्तराखंड का वनाच्छादित क्षेत्र, ग्लेशियर, सदानीरा नदियां उत्तराखंड से ज्यादा लाभ देश के अन्य भागो को देती हैं। वैश्विक पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि एक आकलन के अनुसार उत्तराखंड हर वर्ष अपनी जैव विविधता के जरिये देश को 95हजार 112 करोड़ रूपये की सेवाए देता है। जहां उत्तराखंड के पास इतनी प्राकृतिक संपदा है, वहीं विकास की राह मे वह पिछड़ रहा है। इसकी भरपाई ग्रीन बोनस से ही बनती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. नरेश बंसल ने कहा कि उत्तराखंड का विषेश पैकेज जो अटल जी ने दिया था, वो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया। उत्तराखंड मे तेजी से औद्योगिकीकरण हो सकता है, अगर यह प्रोत्साहन मिले। उत्तर-पूर्व के राज्यो की तरह ही उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति है। उन्ही की तर्ज पर विषेश पैकेज उत्तराखंड को दिया जाना चाहिए। ऐसे में राज्य को आर्थिक साहयता और योजनाओ का लाभ दिया जाना चाहिए। साथ ही ग्रीन बोनस और औद्योगिक पैकेज को बहाल किया जाए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।