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December 19, 2024

इस बार 29 दिन का है सावन का महीना, 72 साल बाद बना दुर्लभ संयोग, जानिए महत्व

भोलेनाथ के प्रिय दिन सोमवार से ही सावन मास का शुभ महीना आज 22 जुलाई से शुरू हो गया  है। इसे ‘श्रावण मास’ के रूप में भी जाना जाता है। यह हिंदू चन्द्र-सौर कैलेंडर के अनुसार पांचवा महीना है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। भक्त पूरे महीने उनकी पूजा करते हैं। सात्विक भोजन करते हैं और कई अनुष्ठान भी करते हैं। खास तौर से सोमवार को व्रत रखते हैं। बता दें कि इस पूरे महीने में चार से पांच ‘सावन के सोमवार’ होते हैं, जब भक्त देश भर के कई शिव मंदिरों में उमड़ते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

72 साल बना दुर्लभ संयोग
वर्ष 2024 में सावन का पहला आज सोमवार 22 जुलाई को है और सावन का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है। ऐसे में सावन महीने में पांच सोमवार व्रत होंगे। यह दुर्लभ संयोग करीब 72 साल बाद बन रहा है। इस बार सावन में 5 सोमवार होंगे। इस साल सावन का महीना 29 दिन का है। इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावन के पहले सोमवार को तीन शुभ योग
सावन के पहले सोमवार के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। उस दिन प्रीति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का संयोग बना है। उस दिन प्रीति योग सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक है। उसके बाद से आयुष्मान योग बन जाएगा। जो श्रवण नक्षत्र सुबह से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 5 बजकर 37 मिनट से रात 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावन माह में सोमवार का महत्व
सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है। इस महीने में भोले शंकर की विशेष अराधना की जाती है। लोग शिवजी का रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावन में पांच सोमवार
22 जुलाई सोमवार- सावन पहला सोमवार
29 जुलाई सोमवार- सावन दूसरा सोमवार
05 अगस्त सोमवार- सावन तीसरा सोमवार
12 अगस्त सोमवार- सावन चौथा सोमवार
19 अगस्त सोमवार – सावन पांचवा सोमवार
नोट- यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग की गणना पर आधारित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावन सोमवार व्रत के फायदे
-सावन सोमवार का व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी पाने की मनोकामना पूर्ण होती है।
-दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी सावन सोमवार व्रत रखते हैं। भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करते हैं। उनके आशीर्वाद से सुखी दांपत्य जीवन प्राप्त होता है।
-जिन लोगों विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में कोई बाधा आ रही है, उनको लोगों को भी सावन सोमवार व्रत करना चाहिए।
-सावन में सोमवार का व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, धन, संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है।
-सावन सोमवार व्रत रखने वालों के दुखों का अंत होता है, पाप से मुक्ति मिलती है। शिव कृपा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावन का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है इस दिन जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मां पार्वती को भी सावन अत्यंत प्रिय
भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रकने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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