मौसम की पहली बरसात में ही उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन की खुली पोलः यशपाल आर्य
उत्तराखंड में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड सरकार चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। मौसम की पहली बरसात में ही सरकार और उसके आपदा प्रबधंन विभाग के इंतजामों की पोल खुल गई। उन्होंने कहा कि सरकार के दावे पूरी तरह कागजी और हवा हवाई हैं। जमीन पर राज्य भर में सरकार आपदा प्रबंधन करने में पूरी तरह असफल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक बयान में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहली बारिश में ही पूरे प्रदेश में जगह-जगह भू-धंसाव, पानी घुसने के कारण पेयजल लाइनों, आवासीय मकानों, मुख्य सड़कों तथा सम्पर्क मार्गों को भारी नुक़सान हुआ है। पहली बारिश में ही जगह-जगह पर भूस्खलन होने से सड़कें और रास्ते बंद होने से राज्य भर का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से लगातार आ रही आपदाओं के चलते सैकड़ों पुल और हजारों किमीमीटर सड़क को नुकसान पहुंचा है जिन्हें ठीक करने में सरकार पहले से ही असफल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस बात का दंभ भर रही है कि वो देश का पहला राज्य है, जिसने अलग से आपदा प्रबंधन विभाग बनाया है। हकीकत में इस विभाग में राज्य स्तर पर अधिशाषी अधिकारी सहित एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है। जिलों में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी सहित सभी कर्मचारी संविदा पर रखे गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रभावित राज्य है, जो हमेशा भूकंप, बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन, कृत्रिम झील के फटने आदि आपदाओं में से किसी एक की जद में रहता है। ऐसे में मुखिया विहीन आपदा प्रबंधन विभाग और जिलों के संविदाकर्मियों से अधिक आशा करना ठीक नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यशपाल आर्य ने कहा कि आपदा प्रभावित राज्य होने के बाबजूद भी आपदा प्रबंधन विभाग अभी भी परंपरागत तरीके से ही चल रहा है। सरकार और आपदा प्रबधंन के अफसरों की तैयारी हमेशा आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों पर ही केंद्रित है। उन्होंने आपदाओं के पूर्वानुमान कर आपदा के प्रभाव को कम करने का कभी प्रयास नही किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में इस बार मौसम विभाग भारी बारिश की संभावना जता रहा है। ऐसे में बिना तैयारियों के स्वाभाविक आपदाओं की स्थिति में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना, उन्हें समय रहते राहत सामग्री पहुंचाना सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।