सीएम धामी के तीन साल के कार्यकाल को बीजेपी ने बताया बेमिसाल, लोकसाक्ष्य याद दिला रहा पहली शपथ
उत्तराखंड भाजपा ने मुख्यमंत्री धामी के तीन साल के कार्यकाल को बेमिसाल बताते हुए उनके ऐतिहासिक निर्णयों के लिए बधाई दी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उनके नेतृत्व में देवभूमि का स्वरूप बरकरार रखते हुए हम विकसित राज्य निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम इस खबर में बीजेपी की और से बताई गई उपलब्धियों के साथ ही इस बात को भी याद दिलाएंगे कि पहली बार सीएम की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने क्या घोषणा की थी। अब उस घोषणा के अनुरूप कितना काम हुआ, ये सरकार को बताना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धामी के कई निर्णय देश एवं अन्य राज्यों के रॉल मॉडल
देहरादून में बीजेपी पार्टी मुख्यालय में मुख्यमंत्री के तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इन तीन सालों को राज्य के विकास और जनविश्वास की दृष्टि से बेमिसाल बताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुष्कर धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अनेकों ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाए हैं। उनके राज्य के देवभूमि स्वरूप को बनाए रखने वाले निर्णयों ने देश के कई राज्यों के लिए नजीर बनने का काम किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम निर्णयों से उत्तराखंड की छवि को विशेष बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी साधुवाद के पात्र हैं। जिसके क्रम में उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता लागू कर देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल हुआ। आज इसी कानून के संदर्भ में अन्य राज्य भी प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में जबरन धार्मांतरण के प्रयास को विफल करने के लिए कठोरतम कानून लागू किया गया। अवैध धार्मिक अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही कर हजारों एकड़ जमीन को कब्जे से मुक्त कराकर लैंड जेहाद की कोशिशों को जमींदोज किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व जो आंदोलन के नाम पर सरकारी संपत्ति की क्षति पहुंचाते थे। उसके लिए ऐसा कठोर दंगारोधी कानून बनाया गया है कि अब सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों से संपत्ति की भरपाई की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मातृ शक्ति सशक्तिकरण को योजनाएं
उन्होंने कहा कि ऐसे अनेकों कदम जनहित में हमारी सरकार ने उठाए हैं। चाहे मातृ शक्ति को 30 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की बात हो या उन्हे स्वरोजगार की दृष्टि से परियोजना लागत का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपये की सब्सिडी दिया जाना। महिला स्वयं सहायता समूह को पांच लाख का ऋण बिना ब्याज का दिया जाना हो। लखपति दीदी योजना के तहत अब तक 80 हजार महिलाओं को लखपति बनाया जा चुका है जबकि 2025 तक एक लाख 25 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह युवाओं, किसानों के लिए ऐसी महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई जा रही है जो उनके विकास को त्वरिता देंगी, साथ ही साथ प्रदेश को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का महत्वपूर्ण प्रयास करेंगी। उज्ज्वला गैस कनेक्शन धारक महिलाओं को साल में 3 सिलेंडर की फ्री रिफिलिंग सुविधा दी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कठोरतम नकल निरोधक कानून
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश का सबसे कठोरतम नकल निरोधक कानून राज्य में लेकर आई, जिसके संरक्षण में नकलविहीन पारदर्शी परीक्षाएं लगातार संचालित हो रही हैं । अब इसी नकल विरोधी कानून की तर्ज पर गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्य नियम बना रहे हैं और केंद्र में भी हाल में ही एंटी पेपर लीक कानून लागू हुआ है। वहीं होम स्टे, मोटा अनाज उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाना, नई खेल नीति जैसे संदर्भों में विशेष कार्य हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रोजगार सृजन में सर्वकालिक रिकॉर्ड बनाया
इसी तरह विभिन्न विभागों के रोजगार सृजन के बाद हुई नियुक्तियों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि रोजगार के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष रूप से प्रयासरत हैं और बेरोजगारेां के लिए उनका विशेष ध्यान है। हाल फिलहाल 19 हजार पदों पर भर्ती की विज्ञप्तियां शीघ्र ही जारी होने वाली है। सरकार लगातार जन मुद्दों पर जागरूकता करने के साथ-साथ जनता को लाभान्वित करने की योजना को कार्यान्वित कर रही है । भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ते हुए अब तक 63 लोगों को दंडित किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यवासियों के विकास और स्वास्थ्य में शानदार काम
साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से 55 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की चिंता की जा रही है। जिसके तहत अभी तक 19.11 लाख मरीजों का निशुल्क उपचार कियागया है जिस पर 1 करोड़ 72 लाख से अधिक का खर्च आया है। वहीं प्रदेश में 207 प्रकार की पैथोलाजी जांचे निशुल्क कर दी गई है। विकास की योजनाओं के तहत केदारनाथ रोपवे एवं कर्णप्रयाग रेल लाइन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल है। केदारनाथ रोपवे के तहत 16 किलोमीटर की दूरी जो 5-6 घंटों में पूरी होती थी अब मात्र 28 मिनट में पूरी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम आवास योजना पर शानदार काम हुआ और निशुल्क अन्न योजना से सबके भोजन की चिंता की गई, साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सब्सिडी दी जा रही हैं । इसी तरह मुख्यमंत्री ने पीएम धामी के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए आदि कैलास में योग दिवस मनाकर इसे पुनः राष्ट्रीय फलक पर लाने का उपक्रम किया है। आज आदि कैलास के दर्शन के महत्व महत्व और पर्यटकों के लिए उसकी विशिष्टता चर्चा का विषय बन गई है। सफल इनवेंस्टर समिट राज्य में बेरोजगारी समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होने वाली है । साथ ही हवाई यात्रा को लेकर विशेष प्रबंधन किया गया है। हवाई अड्डों का सुदृढ़ीकरण और स्थानीयकरण किया जा रहा है जिसका लाभ आम आदमी को भी मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चारधाम यात्रा की तरह कांवड़ यात्रा भी होगी सफल
उन्होंने कहा कि यात्रा प्रबंधन को लेकर धामी सरकार के शानदार ट्रेक रिकार्ड के कारण, इस वर्ष चारधाम यात्रा में लगभग 52 दिनों में 34 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए है। वहीं 22जुलाई से कांवड़ यात्रा प्रारंभ होगी जिसके प्रबंधन एवं सुरक्षा की दृष्टि से भव्य और दिव्य होने की उम्मीद जताई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मोदी 3.0 में भी राज्यवासियों की आकांक्षाओं को रखने का अवसर
इस दौरान पत्रकारों द्वारा उनके राज्यसभा में पहले संबोधन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए महेंद्र भट्ट ने कहा कि सदन में उन्हे राज्य निर्माण आंदोलन और देश की सीमाओं में शहादत देने वालों पुण्यात्माओं को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जारी बहस में बोलते हुए उन्होंने उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से दुर्गम, अति पिछड़ा और विदेशी सीमाओं से लगे राज्य को देश की मुख्य धारा से जोड़ने की और सबका ध्यान आकृष्ट किया। मोदी 1.0 और मोदी 2.0 के कामों की भांति मोदी 3.0 में भी राज्य गठन के सपनों ने आकार लेने को लेकर जनता का पक्ष रखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोनों उपचुनावों में कमल का खिलना तय
बद्रीनाथ और मंगलोर विधानसभा को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, लोकसभा में पांचों सीट जीतने का इतिहास दोनों जगह जनता दोहराने जा रही है। वहां की जनता जानती है कि अपने क्षेत्र में विकास की रफ्तार को और अधिक तेज करना है तो विधानसभा में प्रतिनिधि राज्य और केंद्र सरकार से सामंजस्य रखने वाला होना चाहिए । लिहाजा विपक्ष चाहे जितने हवा हवाई दावे कर ले, जनता विकास के नाम पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मुहर लगाने वाली है । हम दोनों सीटों पर बड़े अंतर से कमल खिलाने वाले हैं । (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष के साथ महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक विनोद चमोली, मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान, राजेंद्र नेगी, कमलेश उनियाल, माणिक निधि शर्मा,श्रीमती कमलेश रमन, राजीव तलवार प्रमुख रूप से मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहली शपथ भी याद कर लो सीएम साहब
वर्ष 2021 में जुलाई माह में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। शपथ लेते ही सीएम धामी ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन उनके पहले कार्यकाल में कितने सरकारी पद भरे गए, इसका कोई जिक्र सरकार ने आज तक नहीं किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे कार्यकाल में भरे गए कितने पद, ये बता दो सरकार
यदि सीएम की पहली घोषणा पर विश्वास किया जाए तो तीन साल में करीब सवा लाख पदों पर नियुक्ति हो जानी चाहिए थी। करीब आठ माह के उनके पहले कार्यकाल में उनकी सबसे पहले वाली सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की घोषणा पूरी नहीं हो सकी। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में वह सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आए। कई परीक्षाएं निरस्त हुईं। कई गिरफ्तारियां हुई। अब सरकार या फिर बीजेपी संगठन को ये भी बता देना चाहिए था कि तीन साल में कुल कितने सरकारी पदों पर नियुक्तियां पूर्ण की गई हैं। कितने पद रिक्त हैं। तभी आमजन भी सरकार के रिपोर्ट कार्ड को समझ पाएंगे। क्योंकि ऐसे सवालों को उठाने के लिए विपक्षी दलों को याद रहता है कि पिछली बार क्या बोला। वहीं, ना ही मीडिया ऐसे सवालों की याद दिलाएगा। वह तो प्रेस नोट जस का तस लगा देगा, चाहिए उसमें कुछ भी लिखा हो। इसलिए लोकसाक्ष्य ने सीएम को पहली शपथ याद दिलाने का प्रयास किया। ताकि प्रदेश में नौकरी का इंतजार कर रहे बेरोजगारों पर वह दरियादिली दिखाएं।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।