Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 16, 2025

एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक सर्जरी से किया मलाशय कैंसर का निदान, जल्द ठीक हुई मरीज

मलाशय कैंसर की समस्या से जूझ रही एक महिला के इलाज में एम्स के डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल कर न केवल उसे जल्दी ठीक कर दिया, बल्कि बहुत कम समय में उसे अस्पताल से भी छुट्टी दे दी। जोखिमभरी यह सर्जरी सरकारी खर्चे पर आयुष्मान भारत योजना के तहत की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली 22 वर्षीया महिला मलाशय कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी। पेट फूलने, पेट में दर्द रहने, कब्ज और मल त्याग में खून आने की समस्या से परेशान इस महिला के इलाज में एम्स के चिकित्सकों द्वारा उपचार की उच्च तकनीक रोबोटिक सर्जरी की मदद ली गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लगभग तीन घंटे तक चली सर्जरी के दौरान अनुभवी शल्य चिकित्सकों की टीम ने महिला के पेट के भीतर स्थित मलाशय में फैल चुके कैंसर ग्रस्त आंत के भाग को बड़ी ही सावधानी से हटा दिया, ताकि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित न कर सके। चिकित्सीय भाषा में इसे एब्डोमिनो पेरिनिनयल रिसेक्शन कहते हैं। हालांकि इससे पूर्व मरीज की बायोप्सी कर ली गई थी, जिसमें मरीज के मलाशय में एडेनोकार्सिनोमा रेक्टम का पता चला था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बारे में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि पौड़ी गढ़वाल निवासी इस महिला को यह समस्या फरवरी- 2023 से बनी थी। अप्रैल 2023 में जब वह पहली बार एम्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की ओपीडी में आई तो आवश्यक जांच रिपोर्टों के आधार पर पता चला कि उसे मलाशय कैंसर है और वह फैल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आंतों के अन्दर का मामला देखते हुए पहले नियोएडजुवेंट कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के माध्यम से रोगी का उपचार शुरू किया गया, लेकिन लाभ न मिलने पर त्वरित इलाज के लिए रोबोटिक एब्डोमिनो-पेरिनियल रिसेक्शन की योजना अमल में लाई गई। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस सर्जरी में रक्तस्राव नहीं होता है और दर्द व परेशानी बहुत कम होने से मरीज को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं पड़ती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

रोबोटिक सर्जरी द्वारा कैंसर ग्रस्त गुदा, मलाशय और सिग्मॉइड बृहदान्त्र के हिस्से को हटा दिया जाता है। चूंकि आंत का सिरा पेट की सतह में एक छेद से जुड़ा होता है इसलिए इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पेट के भीतर सभी अपशिष्ट को शरीर से बाहर एक डिस्पोजेबल बैग में एकत्र किया गया। उन्होंने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ. )मीनू सिंह ने रोबोटिक अब्डोमिनो-पेरिनिअल रिसेक्शन की सफलता पर सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा की और कहा कि एम्स में उपलब्ध इलाज की नवीनतम मेडिकल तकनीकों और अनुभवी डॉक्टरों की श्रेष्ठता ने एक बार फिर मरीजों के स्वास्थ्य देखभाल में उत्कृष्टता का परिचय दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि एम्स में कैंसर रोगियों के उपचार के लिए विशेष शल्यक्रियाओं और उन्नत ओन्कोलॉजिकल देखभाल की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। सर्जिकल ओन्कोलॉजी विभाग इसमें विशेष भूमिका निभा रहा है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. अमित गुप्ता के अलावा डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. मरेश्वरी, डॉ. अजित, डॉ. निर्भय और डॉ. विवेक सहित एनेस्थेसिया विभाग से डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. धात्री और डॉ. दर्शन, परिचर्या कर्मचारी मुकेश, साक्षी,सौम्या शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सप्ताह में तीन दिन होती है ओपीडी
डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया कि एम्स अस्पताल में कैंसर से पीड़ित लोग सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की ओपीडी में मंगलवार, शुक्रवार और शनिवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक रोगी को ला सकते है। उन्होंने बताया कि विभाग में सभी प्रकार के कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page