Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 19, 2024

शतरंज के विश्वकप फाइनल में मैग्नस कार्लसन से हारे 18 साल के भारतीय प्रज्ञानंद, जीत लिया दिल

बाकू में खेले गए फिडे शतरंज विश्व कप में तीन दिन के भीतर चले करीब चली करीब चार बाजियों और शुरुआती दो दिन चले खासे कड़े मुकाबले के बाद आखिरकार वीरवार को तीसरे दिन टाईब्रेकर में पांच बार के चैंपियन मैग्सन कार्लसन का अनुभव भारतीय युवा प्रज्ञानंद पर कहीं भारी साबित हुआ। इस दिग्गज ने भारत के 18 साल के युवा प्रज्ञानंद को मात देते हुए छठी बार विश्व कप का खिताब अपनी झोली में डाल लिया। कार्लसन ने यह मुकाबला 1.5 – 0.5 के अंतर से जीता। प्रज्ञानंद ने टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नकामूरा और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेबियानो कारूआना को हराकर कार्लसन के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन फाइनल में उन्हें हार मिली। इसके बावजूद उन्होंने भारतवासियों का दिल जीत लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहली रैपिड बाजी में 18 साल के प्रज्ञानंद ने दिग्गज कार्लसन को अच्छी चुनौती दी और एक समय पहली बाजी बराबर छूटती दिखाई पड़ रही थी, लेकिन आखिरी पांच मिनट के दबाव और कार्लसन के अनुभव ने तेजी से सबकुछ पलट दिया। एक बार प्रज्ञानंद इस खिताबी मुकाबले के टाइब्रेकर की शुरुआती बाजी में क्या हारे कि यहां से सबकुछ उनके हाथ से निकल गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दूसरी बाजी में प्रज्ञानंद काले मोहरों के साथ खेल रहे हैं और यह उनके लिए करो या मरो की बाजी थी। पहली बाजी कार्लसन के नाम रही। भारतीय युवा ने थोड़ी देर प्रार्थना करने के बाद खेल की शुरुआत की। दोनों ही खिलाड़ियों ने दूसरी बाजी की शुरुआत में ही अपना एक-एक नाइट (घोड़ा) गंवा दिया, लेकिन पहली बाजी में हार का असर प्रज्ञानंद पर साफ दिखा।समय के लिहाज से कार्लसन ने भारतीय खिलाड़ी पर बढ़त बना ली। दूसरी बाजी का आधा समय पूरा होने से पहले ही भारतीय युवा ड्रा पर सहमत हो गए। इसी के साथ ही नॉर्वे के पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लस ने एक और विश्व कप खिताब अपनी झोली में डाल लिया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page