15 साल, दून नगर निगम बेहाल, अभिनव ने किया मलिन बस्ती का दौरा, मालिकाना हक दिलाने की मांग
इन दिनों उत्तराखंड कांग्रेस की ओर से देहरादून में भाजपा के 15 साल, दून नगर निगम बेहाल, के नाम से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कांग्रेस नेता नगर निगम क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं। समस्याओं को उठा रहे हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर वे लोग हैं, जो नगर निगम के चुनाव में मेयर पद पर दावेदारी ठोक रहे हैं। टिकट तो किसी एक को ही मिलेगा, लेकिन इस बहाने कांग्रेस का गली गली और मोहल्लों में प्रचार हो रहा है। हालांकि, ये प्रचार वोट में कैसे तब्दील होगा, ये भी सवाल है। कारण ये है कि पिछले 15 साल से कांग्रेस नगर निगम मेयर के पद पर कब्जा नहीं जमा पाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समाजसेवी अभिनव थापर ने खोला बीजेपी के खिलाफ मोर्चा
अभियान के तहत उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर भी विभिन्न मोहल्लों में जा रहे हैं। बीजेपी सरकार के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोला हुआ है। अभिनव थापर समाजसेवी भी हैं और एक कलाकार भी हैं और जब सरकार सुनना बंद कर देती है तो वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी लगाते रहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लगाते हैं जनहित याचिका
कोरोनाकाल के दौरान उनकी और से लगाई गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका हो या फिर विधानसभा में नौकरी घोटाले को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल में लगाई गई याचिका हो। इन सब के माध्यम से उन्होंने आम लोगों की भावनाओं के अनुरूप ही मुद्दे उठाने का प्रयास किया है। उन्होंने कोरोनाकाल के दौरान निजी अस्पतालों की और से की गई ज्यादा वसूली के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ा और कई अस्पतालों को लोगों की राशि को लौटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलाकार के रूप में भी पहचान
अभिनव की पहला एक कलाकार के रूप में भी है। अब बात उनकी कलाकार के रूप में कर ली जाए। वह नुक्कड़ नाटक हो या फिर फिल्म का जरिया। इन माध्यम से भी छोटे बड़े पर्दे पर या फिर सड़क पर अपनी कलाकारी का परिचय देते आए हैं। समय समय पर वह नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर लोगों को जागरूक भी करते रहते हैं। यही नहीं, वह रामलीला में मेघनाद का अभिनय भी करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टिहरी की रामलीला का मंचन देहरादून में
इसके अलावा उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया। गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी पुरानी टिहरी में 1952 से रामलीला का मंचन होता था। टिहरी बांध के चलते पुरानी टिहरी शहर डूब गया। इसके साथ ही वहां की रामलीला का मंचन भी बंद हो गया था। यह रामलीला 21 साल बाद अभिनव थापर ने इस प्राचीन रामलीला एवं गढ़वाल की धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया और इसमें वह सफल भी हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रामलीला की खासियत
टिहरी बांध के निर्माण के कारण पुरानी टिहरी जलमग्न हो गई थी और साल 2002 से 2006 के बीच वहां से लोगों को हटाना पड़ा था। अब रामलीला का आयोजन देहरादून में किया जाता है। टिहरी की रामलीला का मंचन साल 2023 में पहली बार देहरादून में आयोजित किया गया था। श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 की ओर से ये रामलीला देहरादून की ओर से आयोजित की जा रही है। इस रामलीला में डिजिटल लाइव टेलीकास्ट भी किया जाता है। इसमें लेज़र शो भी आयोजित किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब आ जाओ प्रचार की बात पर
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर भी -भाजपा के 15 साल, दून नगर निगम बेहाल, के रूप में अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत वह बुधवार छह नवंबर को देहरादून नगर निगम के रायपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत काठ बंगला बस्ती वार्ड 59 में गए। उन्होंने वहां भाजपा के दिखावटी मलिन बस्ती अध्यादेश, को लेकर अपने सहयोगियों के साथ प्रदर्शन भी किया। इस दौरान क्षेत्रवासी भी उनके साथ थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता अभिनव थापर ने कहा कि नगर निगम देहरादून में पिछले 15 साल यानी 2008 से भाजपा का ही मेयर ही रहे हैं। कई साल से इस क्षेत्र में भाजपा का विधायक और सांसद हैं। इसके बावजूद काठ बंगला बस्ती – वार्ड 59 पर आज भी बुलडोजर का भय बना रहता है। एक तरफ भाजपा सरकार मलिन बस्तियों के लिये अध्यादेश से बस्तीवासियों को गुमराह कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जिलाधकारी का बाढ़ क्षेत्र में बस्ती खाली करने की आपत्ति के लिए 10.12.2024 तक का नोटिस इस बस्ती में लगाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह सरकार की विरोधाभास बातें है और सरकार को बस्तियों को नियमतिकरण करना चाहिए। या समूची मलिन बस्तियों में रहने वालों के लिए छत के बदले छत की व्यवस्था करनी चाहिए। तभी देहरादून की मुख्य दो नदियों रिस्पना व बिंदाल नदी को भी बचाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा NGT के आदेशों में स्पष्ट उल्लेख है कि 11.03.2016 से पहले वालों पर कार्यवाही नहीं होगी। फिर भी मसूरी पालिका, नगर निगम देहरादून, एमडीजीए की ओर से कई 2016 से पहले के निर्माण भी तोड़े गए। सरकार को ध्वस्तीकरण से पहले पुनर्वास का कार्य करना चाहिए। इस मौके पर अभिनव थापर के साथ शैलेश गुप्ता, गुड्डू पारचा, भाई सिंह, अमन, मिंटू कुमार, राम कुमार सहित क्षेत्रवासियों ने अभियान में हिस्सा लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कर किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।