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December 12, 2024

युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जूस पिलाकर तुड़वाया अनशन, आज भी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन जारी

उत्तराखंड में भर्ती घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग और बेरोजगारों पर लाठीचार्च के विरोध को लेकर कांग्रेस का दूसरे दिन धरना प्रदर्शन जारी रहा। कांग्रेस नेताओं ने धरने में भागीदारी की। साथ ही पुलिस मुख्यालय तक कूच भी किया। कूच के दौरान पुलिस ने नेताओं को रोका और उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। वहीं, भर्ती घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कांग्रेस भवन में अनशन पर बैठे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष करन महारा और पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

युवाओं पर हुए लाठीचार्ज और बर्बरता के विरोध में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता पिछले तीन से से भूख हड़ताल पर बैठे थे। युवा कांग्रेस के पदाधिकारी सरकार की ओर से आज इस पूरे प्रकरण पर समिति गठित किए जाने पर एवं मुकदमे वापस लिए जाने का आश्वासन पर भूख हड़ताल तोड़ने को राजी हुए। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में विकास नेगी, मनीष वर्मा, अजय रावत, अमन सिंह, जितेंद्र सिंह जीतू आदि शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

एक सप्ताह के कार्यक्रम के तहत दूसरे दिन भी धरने और प्रदर्शन
बेगुनाह बेरोजगारों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में एवं बेरोजगार छात्रों की मांगों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी का एक सप्ताह के प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत आज लगातार दूसरे दिन भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना जारी रहा। इसमें भारी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में भागीदारी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हमारे प्रदेश के मासूम बेरोजगार नौजवान सरकार से केवल रोजगार चाहते हैं और बेरोजगार चाहते हैं कि उनकी परीक्षाएं साफ सुथरे तरीके से करायी जाए। जिन परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, उनकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच करवाई जाए। बेरोजगारों का सरकार व सिस्टम से भरोसा उठ चुका है। उस भरोसे को बहाल करने के लिए सरकार को बेरोजगारों की मांगों पर उचित निर्णय लेने चाहिए। एवं दमनकारी रवैया छोडकर बेरोजगार छात्र नेताओं से दर्ज मुकदमे वापस लेकर उनको बाइज्जत रिहा किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सरकार को छात्र नेताओं से सीधी बात करनी चाहिए। अगर सरकार तानाशाही रवैया नही छोडती है और मनमानी पर उतारू रहती है तो कांग्रेस पार्टी अपने सात दिन के धरना प्रदर्शन के बाद प्रदेशव्यापी आंदोलन के बाध्य होगी। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। हम केवल प्रदेश के बेरोजगार छात्रों का उज्जवल भविष्य चाहते हैं। जो छात्र रात दिन पढाई मेहनत कर रहे हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके साथ इंसाफ हो। साथ ही एक साफ सुथरी व पारदर्शी परीक्षा सरकार करवाए। यही छात्र और विपक्ष चाहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सभा स्थल पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार प्रचंड बहुमत के अहंकार में है। वह न तो बेरोजगारों की आवाज को सुनना चाहती है न ही विपक्ष की आवाज। सरकार लगातार पुलिस के दम पर छात्रों की जायज मांगों के समर्थन में हो रहे आंदोलन, प्रदर्शन को कुचलने का काम कर रही है। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में भ्रष्टचार का पर्याय बन चुकी है। शायद अपने कुछ चहेते सफेदपौशों को बचाने के लिए राज्य सरकार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। इसीलिए इतने व्यापक स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बावजूद सीबीआई जांच नही कराई जा रही। और न ही छात्रों की मांग के अनुसार जांच होने के बाद ही परीक्षाएं कराने के लिए तैयार हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आखिर सरकार किसकों लाभ पहुंचाना चाहती है। जब बेरोजगार छात्र अपनी जाएज मांगो के लिए आन्दोलन कर रहे हैं, तब सरकार उन पर गम्भीर धाराएं लगाकर मुकदमें दर्ज कर उनको जेलों में डालने का काम कर रही है। इससे प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश पनप रहा है। कांग्रेस पार्टी छात्रों की सभी मांगो को माने जाने तक आंदोलन को जारी रखेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि हमनें बेरोजगारों के मुद्ये को सबूतों के साथ विधानसभा में उठाया, लेकिन यह गुंगी बहरी सरकार तब भी नही जागी। लगातार मनमानी पर उतारू पर है। बेरोजगार लगातार सरकार से कुछ मुददों पर बातचीत कर रहे हैं। सरकार उन पर अपनी मनमानी थोप रही है। इसी कारण छात्रों में आज आक्रोश है। आखिर यह समझ में नही आ रहा है कि सरकार क्यों मनमानी कर रही है। अगर सरकार के फैसलों से छात्रों को लाभ नही हो रहा है। छात्र सरकार के फैसलों से सहमत नही हैं, तो सरकार को बेरोजगारों की बातों को सुनना चाहिए न कि उनका दमन करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

विधायक हरीश धामी ने कहा कि राज्य की लडाई राज्य की जनता ने छात्रों ने महिलाओं ने इसलिए लड़ी थी कि राज्य के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सरकार रोजगार तो दे नही पा रही है, उल्टे सरकार पर बेरोजगारों के पेपर लीक करने एवं बेरोजगारों की नौकरियां बेचने के आरोप लग रहे हैं, जो बहुत ही शर्मनाक है। सरकार को तानाशाही रवैया छोडकर विपक्ष की सीबीआई जाॅच को तुरन्त मानना चाहिए एवं बेरोजगारों की सभी मांगो पर अविलंब कार्यवाही करनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम में उपस्थित महानगर अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवा कोई बहुत बडी मांग सरकार से नही कर रहे हैं। भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच और पहले जांच फिर परीक्षा करवाए जाने को लेकर अडिग हैं। सरकार अपनी एजेंसी से जांच करवा रही है। जानबूझकर केस को कमजोर किया जा रहा है। वही हो रहा है जिसकी विपक्ष को आशंका थी। अपराधियों को लगातार जमानत मिल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, मंत्री प्रसाद नैथानी, हीरा सिंह बिष्ट एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी एक स्वर में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घोर निंदा करते हुए इसे सरकार एवं पुलिस प्रशासन का दमनात्मक एवं शर्मनाक रवैया बताया एवं न्याय मिलने तक संघर्ष को जारी रखने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 


कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, शंकरचन्द रमोला, पृथ्वीपाल चैहान, गोदावरी थापली, हेमा पुरोहित, सुनिता प्रकाश, आशा टम्टा, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, सुमित्रा ध्यानी, पिया थापा, पूनम कण्डारी, पुष्पा पंवार, अरूणा कुमार, नवीन जोशी सतपाल ब्रहमचारी, दर्शनलाल मनीष नागपाल, डा. अनिल रतूडी, अर्जुन सोनकर, मुकेश सोनकर, नीरज त्यागी, विनित प्रसाद भटट बन्टू, मनीष कर्णवाल, महेन्द्र नेगी गुरूजी, उपेन्द्र थापली, मोहन भण्डारी, मोहन काला, विनोद चैहान, वैभव वालिया विकास नेगी अजय रावत नवीन रमोला शीशपाल सिंह बिष्ट, राजकुमार जयसवाल, सुनिल जयसवाल, मानवेन्द्र सिंह अभिनव थापर, नवनीत सती, गिरीश पपनै, लक्ष्मण नेगी, ललित भद्री, फारूख राव, विरेन्द्र पंवार, शमीम मंसूरी, डा. विजेन्द्र पाल, नवनीत कुकरेती, रितेष क्षेत्री, अनुप पासी, आदि सम्मलित हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने बेरोजगार मंच के तत्वावधान में गुरुवार नौ फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया था। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया था। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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