युवा कवयित्री शिवानी एमआर जोशी की कविता-मत पूछिए कभी अपने माता-पिता से तुमने क्या किया है?
मत पूछिए कभी अपने माता-पिता से कि तुमने क्या किया है?
जहां खुद का पेट पालना मुश्किल है, वहां उन्होंने तुम्हें पेट भर खिलाया है,
आने वाले हो इस दुनिया में यह सुनकर ही जिसने पूरा जहां सर पर उठाया है,
तब से आने तक हर एक दिन खूब खैर संभल किया है,
आए थे तुम जिस दिन तब वह दिन त्यौहार सा मनाया है,
बटी पूरे गांव में मिठाइयां और सबको दावत पर बुलाया है,
खुद तकलीफ को सहकर उन्होंने तुम्हें चैन की नींद सुलाया है,
तुम्हारी हर जिद, शोख पूरा कर उन्होंने तुम्हें सर पर चढाया है,
जब तुम पहेली बार बोले सबसे ज्यादा उनके चहेरे पर स्मित आया है,
जब पहेली बार चले थे तुम तब उन्होंने हर पल तुम्हे गिरने से बचाया है, (कविता जारी, अगले पैरे में देखें)
जब जब बीमार हुए तुम उन्होंने भी रातों की नींदो को गंवाया हैं,
चोट लगी जब जब तुम्हे दर्द का एहसास उन्होंने भी किया है,
जब जब रोए तुम तब तब आंखो में पानी उनके भी आया है,
सबसे अच्छे स्कूल में जाकर उन्होंने तुम्हारा दाखिला करवाया है,
हर चीज बाकी बच्चों से बढ़कर उन्होंने तुम्हें दिलाया है,
खुद के सपनों को भूलकर जिन्होंने तुम्हारे सपनों को अपनाया है,
जरूरत जहां एक की थी वहां चार-चार लुटाया है,
परीक्षा तुम्हारी होती फिर भी रात भर उन्होंने जागरण किया है, (कविता जारी, अगले पैरे में देखें)
बड़े होकर उनसे भी बेहतर बनो इस बात का दिया हर रोज मंदिर में जलाया है,
तुम्हारा घर बसे, खुश रहो हमेशा बस यही प्रार्थना उन्होंने हर रोज किया है,
मां-बाप बने जिस दिन इस बात ने सबसे ज्यादा खुश उन्हे किया हैं,
तुम्हें जितना प्यार किया उससे ज्यादा उन्होंने तुम्हारे बच्चों को लाड लड़ाया है,
जब आया उन्हे बुढ़ापा तब तुमने उन्हें बार-बार रुलाया है,
जिसने थामकर उंगली तुम्हे चलना सिखाया था उन्हें ही तुमने बोझ होने का अहेसास कराया है,
फिर भी वो मातापिता थे इसलिए कभी उन्होंने तुम्हारा बुरा नही चाहा हैं,
उतार सके कोई उनका कर्ज ये आज तक मुमकिन न हो पाया है,
और फिर भी उन्होंने क्या क्या किया तुम्हारे लिए ये कभी तुम्हें न गिनवाया हैं,
माता पिता ने जितना किया उतना वो विधाता भी नही कर पाया हैं,
हो सके तो उन्हे खुश रखना और नही रख पाओ तो तुमने क्या किया ये सवाल मत करना,
क्योंकि माता पिता कभी ने अपने लिए नही, बल्कि हर दिन अपनी औलाद के लिए जीया हैं।
कवयित्री का परिचय
शिवानी एमआर जोशी अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली हैं। वह पेशे से एक शिक्षिका हैं। उन्होंने कई लेख और संकलन लिखे और उनकी एक पुस्तक शिवानी की कलम से काव्य संग्रह प्रकाशित हुई।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।