युवा कवयित्री अंजली चन्द की कविता- कौन कहता है अकेलापन दर्द देता है
ये वो वक्त है जब इंसान खुद को परखता है!
दर्द तो दिल की धोखाधड़ी है,
मजबूत किरदार ही इससे निकल पाता है!
मन – चाहा होना भी किसी ज़हर से कम नहीं,
इंसान कर्म करना जो भूल जाता है!
अरे क्यूँ तू इतना हैरान परेशान है इंसान,
सोच ना तू बस हित सबका किये जा बाकि
फल देने को है भगवान!
लालची बन तू कि वक्त ना जाये व्यर्थ तेरा,
ना बटौर तू निर्जीव वस्तु ये अनंत तक साथ नहीं है तेरा!
वाह-वाही पाये भगवान भी इस दिखावे जग के काबिल नहीं,
ऐ मुसाफ़िर तू बस चला-चल, जहां तू चला तेरी राह वही!
वक्त बदले अपने वक्त पर हमारे चाहने पर नहीं,
ग़ौर कीजियेगा जो एक जगह से निकला नहीं दूजी जगह पहुँचा नहीं!
कवयित्री का परिचय
नाम – अंजली चन्द
निवासी – बिरिया मझौला, खटीमा, जिला उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।
लेखिका uksssc /ukpsc की तैयारी कर रही हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।