युवा कवि ब्राह्मण आशीष उपाध्याय की कविता-इक रोज़ हम अनहद याद आयेंगे तुमको

इक रोज़ हम अनहद याद आयेंगे तुमको
किसी रोज़ गीतों की तरह गुनगुनाएँगे तुमको।
हाल अपने दिल का सुनाएँगे तुमको।।
सामने बैठे रहने पर मुझे देखते तक नहीं।
इक रोज़ हम अनहद याद आयेंगे तुमको।।
यूँ तो पास हो कर भी हम पास नहीं हैं।
सब ख़ास हैं तुम्हारे एक हम ही ख़ास नहीं हैं।।
लाखों-लाखों कारण हैं मेरी उदासी के लेकिन।
तुम मिल जाते हो इस लिए हम उदास नहीं हैं।।
तुम्हारे बुलाने पर हम न आएँगे मिलने।
सोचा है कुछ इसी तरह सतायेंगे तुमको।
इक रोज़ हम अनहद याद आयेंगे तुमको।।
इक रोज़ हम अनहद………………।।
कवि का परिचय
नाम-ब्राह्मण आशीष उपाध्याय (विद्रोही)
पता-प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश
पेशे से छात्र और व्यवसायी युवा हिन्दी लेखक ब्राह्मण आशीष उपाध्याय #vद्रोही उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के एक छोटे से गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निक (नैनी प्रयागराज) और बीटेक ( बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से मेकैनिकल ) तक की शिक्षा प्राप्त की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि के छात्र हैं। आशीष को कॉलेज के दिनों से ही लिखने में रुचि है। मोबाइल नंबर-75258 88880
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।