विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस, कांग्रेस ने सैनिटरी पैड को लेकर किया सरकार पर हमला, कहा-कथनी और करनी में अंतर
दुनिया भर में हर साल आज 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2014 में जर्मन नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन WASH यूनाइटेड द्वारा की गयी थी। जिसका उद्देश्य युवतियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता का ख्याल रखने के प्रति जागरूक करना है। इसी दिन उत्तराखंड कांग्रेस ने महिलाओं को सैनिटरी पैड देने की व्यवस्था पर सरकार पर कटघरे में लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने महिला एवं बाल विकास विभाग पर महिला सशक्तिकरण के नाम पर प्रदेश की महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष मुख्यमंत्री आवास में एक समारोह आयोजित किया गया। इसमें प्रदेश के कोने कोने से आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को महिला एवं बाल विकास विभाग के की ओर से लाया गया। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का सम्मान तो दूर, उस समारोह में मुख्यमंत्री एवं चांदी का मुकुट पहने हुए मंच पर नजर आये। मुकुट किसने किसकों भेंट किया और सम्मान समारोह किसका था, इस पर प्रश्न चिन्ह बना रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि समारोह का उल्लेख इसलिए जरूरी है, क्योंकि उस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि प्रदेश की बच्चियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित किए जाएंगे। दसौनी ने बताया कि बडी तादाद में ‘स्पर्श’ के नाम से सैनिटरी पैड के पैकेट आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को बिक्री के लिए थोप दिए गए। न चाहते हुए भी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को यह जिम्मेदारी स्वीकारनी पड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मुफ्त सेनेटरी नैपकिन देने की बात करने वाले विभाग की ओर से एक पैकेट की कीमत पांच रुपये प्रति पैकेट तय की गई। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति के मध्यनजर तो कई केंद्रों तक 7 से 8 किमी पैदल आंगवाड़ियों को इनकी पैटी को सिर पर रखकर पहुंचाना पड़ा। सैनिटरी नैपकिन की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि महिलाओं और बच्चियों ने इन्हें खरीदने से इनकार कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने बताया कि नैपकिन की बिक्री हुई नहीं और अब विभाग से आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पांच रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से एक बड़ा अमाउंट जमा करने का नोटिस आ गया। जो कि इन कार्यकत्रियों के लिए वज्रपात के समान है। क्योंकि यह सभी कार्यकत्रियां ग्रामीण परिवेश की गरीब पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखती हैं। दसौनी ने विभागीय मंत्री रेखा आर्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए रेखा आर्य लगातार इस तरह के बल्क आर्डर बीना जांचे परखे देती हैं। कोई इनकी क्वालीटी की मानिटरिंग या सुपरविजन तक नहीं होता। दसौनी ने कहा कि मंच से महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा की बड़ी बड़ी बाते करने वाली भाजपा के हाथी के दाँत खाने के और हैं और दिखाने के और हैं।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।