विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का समापन, 12 हजार डेलीगेट्स पंजीकृत
देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित 10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 के अंतिम दिन विषय विशेषज्ञों और पैनलिस्टों द्वारा प्लेनरी सैशन में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। यह आयोजन 12 से 15 दिसंबर 2024 तक कुल 4 दिन चला चला, जिसमें देश-विदेश के आयुर्वेद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशननर्स और शिक्षाविदों ने भाग लिया। इसका शुभारंभ 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था और समापन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह आयोजन न केवल आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का अवसर था, बल्कि वैश्विक मंच पर आयुर्वेद को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास भी है। विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन, आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार के समन्वय से इसका सफल आयोजन संपादित हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चार दिवसीय इस आयोजन में आयुर्वेद से संबंधित बड़े बहुमूल्य सत्र संपादित हुए। आयुर्वेद महाविद्यालयों के प्राचार्यों का सम्मेलन:शिक्षण गुणवत्ता और नवाचार पर केंद्रित औषधीय पौधों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी:औषधीय पौधों की खेती, उनके औद्योगिक उपयोग, वैश्विक बाजार में उनकी भूमिका पर चर्चा, पशु आयुर्वेद पर सम्मेलन में पारंपरिक और आधुनिक पशु चिकित्सा के एकीकरण पर विचार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरु-शिष्य सम्मेलन (RAV) में आयुर्वेद की परंपरा और आधुनिक शिक्षा के बीच सेतु बनाने का प्रयास किया गया। आयुर्वेद फिल्म महोत्सव में फिल्मों के माध्यम से आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं को जनसामान्य तक पहुंचना इत्यादि सत्र उल्लेखनीय रहे। 10 वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के चौथे दिन में फ्री आयुष क्लिनिक में 1576 मरीजों का स्वास्थय परीक्षण कर उपचार किया गया व आवश्यक औषधियां वितरित की गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अलकनंदा हॉल में 27 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। भागीरथी हॉल में 28 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। मन्दाकिनी हॉल में 39 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। पिंडर हॉल में 33 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। नंदाकिनी हॉल में 35 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। धौलीगंगा हॉल में 26 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। कोसी हॉल में 41 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए तथा गिरी हॉल में 46 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए। इसमें 3140 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ सिनिमोल टी पी ने मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) के प्रारंभिक लक्षणों के प्रबंधन पर अपना वीडियो प्रस्तुतीकरण दिया जिस हेतु इनको बेस्ट पेपर के पुरस्कार से समान्नित किया गया। इटली के डॉ अंटोनिओ ईश्वर मरांडी ने विज्ञान और आध्यात्मिकता का सामंजस्य पर व्याख्यान दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में सबसे ज्यादा 12 हजार डेलीगेट्स पंजीकृत
चार दिन के विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के दसवें संस्करण में 12 हजार डेलीगेट्स के पहुंचने का आंकड़ा दर्ज हुआ है। इस विश्व स्तरीय आयोजन के इतिहास में डेलीगेट्स की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस लिहाज से उत्तराखंड ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इस आयोजन में 54 देशों की भागीदारी रही। 300 विदेशी डेलीगेट्स ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर आयुष के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले वर्ष गोवा में आयोजित इस आयोजन के नौवें संस्करण में सबसे ज्यादा डेलीगेट्स पहुंचे थे। वहां पर 5102 डेलीगेट्स का पंजीकरण हुआ था। कोच्चि में आयोजित इस आयोजन के पहले संस्करण में 1800 डेलीगेट्स का ही पंजीकरण हुआ था। देहरादून उत्तराखंड में जब इस आयोजन का एलान हुआ, तब ही ये माना जा रहा था कि यहां रिकॉर्ड पंजीकरण हो सकते हैं। आयुष के लिहाज से सबसे समृद्ध राज्य होने को इसकी वजह माना जा रहा था। ये अनुमान सही साबित हुआ है। देश विदेश के डेलीगेट्स ने उत्तराखंड आने में खास दिलचस्पी दिखाकर पंजीकरण का नया रिकॉर्ड रच दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आयुष विभाग के अपर सचिव डॉ विजय जोगदंडे के अनुसार, इस आयोजन में कुल 12 हजार पंजीकरण हुए हैं। 54 देशों के 300 प्रतिनिधियों की भी आयोजन में भागीदारी हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान आयुष पर गहन चर्चा के साथ ही नई संभावनाओं पर भी बात हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सामने आएंगे दूरगामी परिणाम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड देश विदेश से आए डेलीगेट्स के प्रति आभारी है। आयुष भूमि उत्तराखंड में विचार विमर्श महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। आयुष के विकास और इससे आम जन को लाभ पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।