एम्स ऋषिकेश में कल से मनाया जाएगा विश्व रोगाणुरोधी जागरुकता सप्ताह, दी जाएगी रोगाणुजनित बीमारियों की जानकारी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आम लोगों को रोगाणुओं से होने वाले विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन व नर्सिंग विभाग की ओर से गुरुवार 18 नवंबर से वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबायल एवेयरनेस (विश्व रोगाणुरोधी जागरुकता) सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। सप्ताहव्यापी जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत परिचर्चाएं, जनजागरुकता रैली, नुक्कड़ नाटक आदि आयोजन किए जाएंगे।
एम्स संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन तथा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में ये कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके तहत सप्ताहभर विभिन्न दिवस में लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रमों में जहां संस्थान के सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर्स व अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स प्रतिभाग करेंगे, वहीं आम नागरिकों, मरीजों व उनके तीमारदारों को भी रोगाणुओं से उत्पन्न होने वाली बीमारियों व उनसे बचाव संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
आयोजन के बाबत जानकारी देते हुए डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन फैकल्टी डा. प्रसन्न कुमार पंडा एवं कॉलेज ऑफ नर्सिंग के फैकल्टी सदस्य मनीष शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट, नर्सिंग कॉलेज तथा अन्य विभागों की ओर से सामुहिकरूप से किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को प्रथम दिवस एकीकृत रोगाणुरोधी विषय पर एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जबकि दूसरे दिन (शुक्रवार) को रोगाणुरोधी दवाओं का उचित उपयोग किए जाने को लेकर आम नागरिकों की जनजागरुकता के लिए रैली निकाली जाएगी।
उन्होंने बताया कि 20 नवंबर (शनिवार) को एम्स के ओपीडी एरिया में मेडिकल एवं नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा मरीजों व तीमारदारों को नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति के माध्यम से जागरुक किया जाएगा। सोमवार को रेजिडेंट्स चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ के लिए कार्यशाला, मंगलवार को अस्पताल के विभिन्न वार्डों व आईसीयू का इंटिग्रेटेड एंटीमाइक्रोबायल स्टेवॉडशिप आईएएस चैंपियन 2021 के लिए चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को सप्ताह के अंतिम दिवस फार्मेसी स्टेवॉडशिप पर फोकस करते हुए विभिन्न विशेषज्ञों की संयुक्त परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।
डॉक्टर पंडा ने मरीजों को सलाह दी है कि वह बिना चिकित्सकीय परामर्श के रोगाणु रोधी दवा नहीं लें। उन्होंने बताया कि इन दिनों रोगाणुरोधी प्रतिरोध बढ़ रहा है, इसे कम किया जा सकता है। मगर जहां लक्षण नहीं हैं वहां उपयोग नहीं करें, जैसे कि वायरल संक्रमण और एंटीमाइक्रोबियल का कम या अधिक उपयोग नहीं करें।
हाथों की स्वच्छता, खांसी होने पर स्वच्छता, प्रभावी अपशिष्ट उपचार और समय पर टीकाकरण कराने से रोगाणु रोधी के प्रतिसार से बचा जा सकता है। बताया गया है कि सप्ताहव्यापी कार्यक्रम के आयोजन में मेडिसिन विभाग के डा. प्रसन्न कुमार पंडा व कॉलेज ऑफ नर्सिंग फैकल्टी मनीष शर्मा व राखी मिश्रा अहम भूमिका निभाएंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।