ग्राफिक एरा में तनाव मुक्ति पर कार्यशाला, ध्यान और सजगता है जीवन की कुंजी

देहरादून में ग्राफिक एरा में छात्र-छात्राओं को ध्यान, एकाग्रता और आत्म संतुलन के गुर सिखाए गए। लाइफ और वेलनेस कोच राजेश जगासिया ने कहा कि ध्यान और सजगता ही संतुलित जीवन की कुंजी है। आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युग की आपाधापी में मेडिटेशन और माइंडफुलनेस केवल साधन ही नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने कहा की एकाग्रता और ज्ञान का निरंतर अभ्यास व्यक्ति को उसकी सूप्त शक्तियों तक पहुंचता है, जबकि भटकाव और नकारात्मक विचार उसकी क्षमताओं को जकड़कर पीछे खींच लेते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने तनाव मुक्ति के गुण सिखाते हुए छात्र-छात्राओं को ध्यान और श्वास-प्रश्वास की सरल किंतु प्रभावशाली तकनीक का अभ्यास कराया और यह स्पष्ट किया कि नियमित साधना से न केवल मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्पष्ट दृष्टिकोण और आत्मविश्वास भी दृढ़ होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री और सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला का संचालन डा. प्रोमिला शर्मा ने किया। इस अवसर पर डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री की एचओडी डा. अभिलाषा मिश्रा, डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डा. अंजू रानी के साथ डा. नीतू शर्मा, डा. मनीषा नंदा, अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएँ और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।