ग्राफिक एरा में वैज्ञानिक और साहित्यिक सत्यों पर कार्यशाला, दी गई ये महत्वपूर्ण जानकारी

देहरादून में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक और साहित्यिक सत्य वास्तव में एक दूसरे से भिन्न है, इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर अमेरिका की इलिनोइस स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. जे. स्कॉट जार्डन ने वैज्ञानिक और साहित्यिक सत्यों से जुड़े विभिन्न विषयों पर जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यशाला में प्रो. जार्डन ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वैज्ञानिक सत्य और साहित्यिक सत्य दोनों अलग-अलग तरह से सच्चाई को समझाने की कोशिश करते हैं। जहां वैज्ञानिक सत्य आकृति और अनुभविक प्रमाणों पर आधारित होता है वहीं दूसरी ओर साहित्यिक सत्य व्यक्तिगत अनुभवों और व्याख्याओं पर आधारित है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक और साहित्यिक सत्य कभी-कभी एक दूसरे के विपरित होते हैं लेकिन यह अभाषी संघर्ष उनके उद्देश्यों और ज्ञान वैज्ञानिक आधारों में अंतरो का परिणाम होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रो. जार्डन ने स्लाइड्स के जरिये विभिन्न थ्योरिज पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला में शारदा यूनिवर्सिटी की डा. गुरप्यारी भटनागर भी शामिल हुईं। कार्यशाला का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश ने किया। कार्यशाला में इंग्लिश डिपार्टमेंट की एचओडी डा. रूपिन्दर कौर, मीडिया एण्ड मॉस कम्यूनिकेशन की एचओडी डा. ताहा सिद्धकी, डा. विपिन कुमार, हिमांशु नेगी और इंग्लिश डिपार्टमेंट के साथ ही मॉस कम्यूनिकेशन और फाइन आर्ट्स के छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।