उत्तराखंड में औद्योगिक इकाइयों में सीटू से संबद्ध यूनियनों की कार्यशाला, श्रमिकों की स्थिति पर जताई चिंता

उत्तराखंड में उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों में सीटू से सम्बद्ध यूनियनों के पदाधिकारियों की एक कार्यशाला हरिद्वार जिले में आयोजित की गई। इनमें श्रमिकों की स्थिति पर चिंता जताई गई। साथ ही हरिद्वार में मजदूरों से सीटू का विस्तार करने का आह्वान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड राज्य में उत्पादन इकाई, कारखाने में कार्यरत सीटू से सम्बद्ध यूनियनों के पदाधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सीटू उत्तराखण्ड राज्य कमेटी की ओर से हरिद्वार के डॉ एमके पंधे मेमोरियल हॉल में किया गया। इसमें लगभग 10 यूनियनों के 50 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव केएन उमेश ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि देश की आजादी के समय 70 साल पहले श्रमिक को उत्पादन के मूल्य में से 60 फीसद मिलता था। आज 70 साल बाद यह 19 फीसद के निचले स्तर पर आ गया है। इसे ही मोदी सरकार का अमृतकाल कहा जा रहा है। ये वास्तव में यह पूंजीपतियों के लिए ही अमृतकाल है, जिसका उद्योगों के मालिकों बेशुमार फायदा पहुंचाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर कुल 12 प्रयिनिधियो ने बहस में हिसेदारी की। उनके सवालों का जबाब सीटू के राज्य सचिव महेंद्र जखमोला ने दिया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता सीटू उत्तराखंड के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड पीडी बलूनी ने की। कार्यशाला में सीटू के राज्य सचिव लेखराज, रविन्द्र नौडियाल सहित 56 प्रतिनिधि उपस्तिथ थे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।