Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2025

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर हिमालयन इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में कार्यशाला, लक्षण, जांच और उपचार की दी जानकारी

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर देहरादून में डोईवाला स्थित हिमालयन इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रतिभागियों को हेपेटाइटिस के उपचार, लक्ष्ण व जांच की जानकारी दी गयी।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर देहरादून में डोईवाला स्थित हिमालयन इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रतिभागियों को हेपेटाइटिस के उपचार, लक्ष्ण व जांच की जानकारी दी गयी। बृहस्पतिवार को नर्सिंग सभागार में माइक्रोबॉयलॉजी विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रति कुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान ने कहा कि हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है और इसके कारण कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस आमतौर पर वायरल इफेक्शन के कारण होने वाली समस्या है। इसके अलावा अत्यधिक अल्कोहल लेने की आदत, टॉक्सिन, कुछ दवाएं, दूषित भोजन और पानी, और किसी विशेष तरह की मेडिकल कंडीशन के कारण भी हेपेटाइटिस की समस्या हो सकती है। इस बीमारी के कई वेरिएन्ट्स हैं जैसे ए, बी, सी, डी और ई इनमे हेपेटाइटिस बी को बेहद खतरनाक माना जाता है। हेपेटाइटिस बी में वायरस के कारण लिवर में संक्रमण हो जाता है। लापरवाही करने पर लिवर खराब होने और लिवर कैंसर होने का भी रिस्क रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

विश्ष्टि अतिथि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक देवराड़ी ने कहा कि आंकड़ों की मानें तो हेपेटाइटिस के कारण दुनियाभर में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसके पांच वेरिएन्ट्स हैं और सभी का लोगों पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है। समय के साथ ये समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरुक करने और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए साल 2030 तक टीकाकरण, जांच और दवा के अलावा जागरुकता अभियान चलाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने प्रतिभागियों से लोगों को हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करने की बात कही। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बरनाली ककाती के संचालन में चले कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ. विनीता कालड़ा, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ. अर्चना प्रकाश, डॉ. जयंती सेमवाल, डॉ. मनीष रतूड़ी, डॉ. गरिमा मित्तल उपस्थित थे।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *