उत्तराखंड में पूर्व मंत्री हीरा सिंह के नेतृत्व में इंटक से जुड़े श्रमिकों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस ने रास्ते पर रोका, ये हैं मांगे
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटर) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट के नेतृत्व में शनिवार को श्रमिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर सीएम आवास के लिए कूच किया। श्रमिकों के इस प्रदर्शन में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, उधमसिंह नगर सहित विभिन्न जनपदों से विभिन्न विभागों और निगमों में कार्यरत श्रमिक शामिल हुए। जुलूस सुबह करीब 11 बजे देहरादून में राजपुर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय स्थित इंटक कार्यालय से निकाला गया। जैसे ही जुलूस हाथीबड़कला पुलिस चौकी के निकट पहुंचा तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस पर सड़क पर ही सभा का आयोजन किया गया। साथ ही मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट को सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि इंटक की मांग है कि कामगारों की पूर्व की भांति पेंशन योजना लागू की जाए। विभिन्न विभागों और निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की कार्यवाही शुरू की जाए। साथ ही समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार श्रमिकों की अनदेखी कर रही है। इसे सहन नहीं किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कोरपोरेट को खुश करने के लिए 44 श्रम कानूनों को हटाकर श्रम संहिता लागू की जा रही है। इससे मजदूरों का और शोषण होगा। वहीं, उत्तराखंड के विभिन्न सिडकुल स्थित उद्योगों से बिना कारण छंटनी कर श्रमिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन करने वालों में इंटक प्रदेश प्रमुख महामंत्री एपी अमोली, प्रदेश उपाध्यक्ष राजवीर सिंह, वीरेंद्र सिंह नेगी, ओ पी सुदी, जगदीश बहुगुणा, अशोक चौधरी, यूथ इंटक प्रदेश अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, महामंत्री देव सिंह पंवार, कलीम अहमद, रवि नंदन कुमार, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष राकेश राजपूत, देहरादून जिला अध्यक्ष अनिल कुमार, हरिद्वार जनपद अध्यक्ष उदय सिंह पुंडीर, उधम सिंह नगर अध्यक्ष जनार्दन सिंह, प्रदेश सचिव सर्वश्री अरविंद राजपूत, विनोद कवि, नीरज भंडारी, नीरज त्यागी, आर आर पैन्यूली, विक्टर थॉमस, रमेश नौटियाल, अजय शर्मा, बालेश कुमार, पदम सिंह रावत, भगत सिंह, धर्मेंद्र कौशिक, अनिल जोशी, यशपाल सिंह, रोहिल चरण, संतोष सिंह आदि सैकड़ों पदाधिकारी कार्यकर्ता सम्मिलित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मांगे
1. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए तथा सेवाकाल में 03 पदोन्नति के अवसर पुनः बहाल किये जाय।
2. सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री अथवा निजीकरण की नीति तत्काल प्रभाव से बन्द किया जाए।
3. कोरोनाकाल में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत निकाले गये सभी कोरोना योद्धाओं को शीघ्र सेवा में बहाल किया जाए, जिसका सरकार ने आश्वासन दिया था।
4. विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाय अथवा “समान कार्य समान वेतन” जैसा माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है का पालन सुनिश्चित किया गया।
5. उत्तराखण्ड की महिलाओं को सरकारी सेवा में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाय।
6. उत्तराखण्ड को लूट व बरबादी से बचाने हेतु हिमाचल प्रदेश की भांति कठोर भू कानून बनाया जाये तथा लोकायुक्त की नियुक्ति की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
7. भाजपा सरकार श्रमिकों के हितों पर हमला बन्द करे तथा पूर्व में रद्ध किए गए अनेकों श्रमिक हितों के कानूनों को पुनः बहाल किया जाए।
8. राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों को राज्य के बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति देकर शीघ्र भरा जाए।
9. राज्य में कार्यरत आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व भोजन माताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए और तदानुसार इनको राज्य कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते दिये जायें।
10. परिवहन निगम में कर्मचारियों की भर्तियों को किसी भी बाहरी कम्पनी को न देकर पूर्व की भांति विभाग के पास यह व्यवस्था यथावत रखी जाए तथा विभाग स्वयं बसों की खरीद करे व अनुबन्धित बसों पर रोक लगायी जाए।
11. केन्द्र एवं राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री तथा ऊर्जा निगम एवं परिवहन निगम की भूमि की नीलामी बन्द की जाए।
12 उत्तराखण्ड कर्मकार बोर्ड में पैसे की लूट (लगभग 350 करोड़ रुपये) की सीबीआई जांच करवाई जाए।
13. बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए उत्तराखण्ड के सिडकुल में स्थित कम्पनियों के पलायन को रोकने हेतु पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा दी गई सुविधाऐं पुनः बहाल की जाए।
14. अंकिता भण्डारी की निर्मम हत्या की अविलम्ब सीबीआई जांच करवाई जाए।
15. विभिन्न विभागों एवं विधानसभा में भारी भ्रष्टाचार के माध्यम से की गई सभी भर्तियों की सीबीआई जांच करवाई जाए।
16. हरिद्वार में सिडकुल में स्थित सत्यम कम्पनी में अकारण नियम विरुद्ध 300 श्रमिकों को निकालने व तानाशाही प्रबन्धन पर अंकुश लगाकर उन्हें काम पर वापस लिया जाए।
17. वन रैंक वन पेंशन के अन्तर्गत पूर्व सैनिकों के पेंशन में विसंगति को दूर किया जाए तथा होमगार्ड जवानों के समान पी.आर.डी. जवानों को भी वेतन दिया जाए।
18. 72 आई.टी.आई. बन्द करने की साजिश को रोका जाए।
19. सरकारी भूमि की लूट-खसोट व अवैध कब्जों तथा भू माफियाओं एवं खनन माफियाओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
20. किसानों की उपज का उचित मूल्य दिया जाए तथा सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की उपज के ढुलान का व्यय की सरकार व्यवस्था सुनिश्चित करें।
21. प्रदेश के समस्त पब्लिक स्कूलों के कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के आदेश को कड़ाई से लागू करवाया जाए।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।