राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ का कार्य बहिष्कार जारी, लगाए सरकार पर ये आरोप
सरकार पर लगाए ये आरोप
इस दौरान संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष आरपी जोशी ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड शासन की ओर से स्थानान्तरण एक्ट के अन्तर्गत स्थानान्तरणों पर रोक लगाए जाने का फायदा उठाते हुए विभाग में रिक्त पदों पर, सुगम स्थलों पर, अन्य जनपदों से आउटसोर्स अनुदेशकों को संबद्ध अथवा समायोजित किया जा रहा है। वहीं, उसी जनपद में संबंधित व्यवसाय के नियमित अनुदेशक व्यवसाय संचालित न होने के कारण खाली बैठे हुए हैं। इसके अतिरिक्त विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से ऐसे व्यवसाय के अनुदेशक के पद पर भी नई नियुक्ति की जा रही है। जिस व्यवसाय के नियमित अनुदेशक, व्यवसाय संचालित न होने के कारण खाली बैठे हुए हैं।
इस कारण से जहाँ एक तरफ एक नियमित अनुदेशक के साथ अन्याय हो रहा है, वहीं इसके कारण सरकार पर आर्थिक बोझ भी डाला जा रहा है। उन्होंने ऐसे आउटसोर्स कार्मिकों के विगत एक दो माह में किए गए तमाम समायोजनों/सम्बद्धता/नई नियुक्ति को तत्काल रद्द किए जाने व उक्त स्थानों पर व्यवसाय संचालित न होने कारण खाली बैठे हुए नियमित अनुदेशकों को नियुक्त किए जाने की मांग विभाग, शासन एवं सरकार से की।
प्रान्तीय महामंत्री पंकज सनवाल ने आइटीआइ युवक हल्द्वानीं में सदस्य कार्मिकों के मध्य मौजूद रहकर, दो घंटे तक कार्यबहिष्कार कर धरना दिया गया। बताया कि अब तक विभाग/शासन की ओर से संघ को वार्ता के लिए औपचारिक रूप से नहीं बुलाया गया है। विभाग के उच्चाधिकारियों से औपचारिक वार्ता के उपरांत ही संघ की ओर से आन्दोलन की अग्रिम रणनीति तय की जाएगी। तब तक दिनांक 13 अगस्त तक दो घंटे का कार्यबहिष्कार एवं अन्य अतिरिक्त कार्यों का पूर्ण बहिष्कार यथावत जारी रहेगा।
विभिन्न जनपदों में हुए धरना प्रदर्शन की अगुवाई अरुण पंवार, पवन बुटोला, मोहम्मद आलम, पुष्कर सिंह मेहरा, प्रेम बल्लभ पन्त, क्रान्ति रौतेला, पीके जोशी, जगबीर राणा, मेजर सिंह पुंडीर, रोहित कुमार वर्मा, अमित गुप्ता, प्रकाश चन्द्र चौहान, संजय डोभाल, सुनीता कुड़ियाल, अर्चना वर्मा बिष्ट, शम्भू प्रसाद भट्ट ने की।
ये हैं मांगे
-अनुदेशक, कार्यदेशक संवर्ग की पदोन्नति यथाशीघ्र की जाय।
-100 प्रतिशत विभागीय पदोन्नति सहित कार्यदेशक सेवा नियमावली बनाई जाय।
-विभागीय ढांचा बनाया जाय।
-निदेशालय की कार्य़प्रणाली में सुधार लाया जाय, अक्षम अधिकारियों को हटाया जाय।
-अनुदेशक एवं कार्यदेशक का पदनाम परिवर्तित कर प्रशिक्षण अधिकारी व वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी किया जाय।
-अनुदेशकों को ग्रेड वेतन 4600/ के अन्तर्गत कनिष्ठ अभियंता की भांति काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाय।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।