कई महिलाओं को खांसने, छींकने और हंसने में होती है यौन संबंधी ये दिक्कत, अब एम्स में इस तकनीकी से फ्री इलाज
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नवनीत मागो ने भारतीय महिलाओं के कल्याण के लिए संस्थान में संस्थान में नई चिकित्सा सेवा शुरू की है। बताया गया है कि इस चिकित्सा सेवा उपचार में महिला रोगी की योनि का रास्ता बिना किसी शल्य चिकित्सा के रेडियो फ्रिकवेंसी जैसी आधुनिक पद्धति द्वारा कसा जाता है। साथ ही स्ट्रेस यूरिनरी इनकांटीनेंस, ओवर ऐक्टिव ब्लैडर, लाइकन स्क्लेरोसस और मेनोपॉज के पश्चात जेनिटोयूरीरिनरी सिंड्रोम का भी उपचार किया जाता है।
गौरतलब है कि रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन अपनी तरह की विश्व में पहली डिवीजन है। जो कि संस्थान में वर्ष 2019 से एम्स ऋषिकेश में संचालित किया जा रहा है। इस डिवीजन का उद्देश्य महिलाओं की निजी समस्याओं का निवारण करना है। इनमें कि खांसने, छींकने, हंसने पर पेशाब छूटना, योनी के रास्ते से बाहर आना और वैवाहिक संबंधों में दिक्कत होना आदि शामिल हैं। रोगों की मुफ्त रेडियो फ्रीक्वेंसी वैजायनल रिज्युविनेशन एम्स ऋषिकेश में पहली बार शुरू की गई हैं।
महंगा है इलाज, एम्स में निशुल्क
ऑपरेटिंग सर्जन डॉ. नवनीत मागो ने बताया कि संस्थान में रेडियो फ्रिकवेंसी जैसी आधुनिक पद्धति के द्वारा प्रसव के पश्चात योनि के रास्ते के ढीले हो जाने की वजह से महिलाओं को होने वाली दिक्कत का उपचार शुरू किया गया है। आमतौर पर मरीज के इस इलाज में भारत में लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए और विदेश में साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपए तक का खर्च आता है। एम्स ऋषिकेश विश्व की पहली पहली संस्था है जो इस डिवीजन के द्वारा महिलाओं को रेडियोफ्रीक्वेंसी वैजायनल रिज्युविनेशन प्रदान कर रही है।
एशिया में पहले मास्टर ट्रेनर
बताया गया है कि वर्ष 2016 में डॉक्टर नवनीत मागो पूरे अमरीका को छोड़ के पूरे विश्व के पहले ऐसे डॉक्टर थे, जिन्होंने महिलाओं को रेडियोफ्रीक्वेंसी वैजायनल रिज्युविनेशन ट्रीटमेंट देना शुरू किया था। 2016 में वह पूरे एशिया में रेडियोफ्रीक्वेंसी वैजायनल रिज्युविनेशन के मास्टर ट्रेनर बने। विशेषज्ञ चिकित्सक डा. मागो का यह मानना है कि आर्थिक अभाव के कारण किसी भी महिला को इस तरह की निजि एवं जटिल बीमारियों के उपचार से वंचित नहीं रहना चाहिए। लिहाजा विश्व में पहली बार भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऋषिकेश एम्स में आधी आबादी को बिल्कुल निशुल्क रेडियोफ्रीक्वेंसी वैजायल रिज्युविनेशन कर उसे अपना इलाज कराने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है।
उपचार को आगे आ रही हैं महिलाएं
इस बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान का रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी विभाग नारी सेवा में अग्रणीय एवं तत्पर है। उन्होंने बताया कि हाल ही में इस विभाग ने हफ्ते में पांच दिन अपनी ओपीडी सेवा शुरू की है और जिसमें काफी संख्या में महिलाएं उपचार कराने को आगे आ रही हैं तथा अपनी समस्याओं के समाधान के लिए ऑप्रेशन के लिए तैयार हैं।
निशुल्क इलाज का संकल्प
रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी विभाग ने पहले भी उत्तराखंड में स्त्री वरदान कार्यक्रम शुरू करके स्त्रियों के स्वास्थ्य सेवा में पहल की है और निस्वार्थ और निशुल्क इलाज कराने का संकल्प किया है। जिसमें कि आज बहुत आधुनिक और महंगा इलाज निशुल्क देकर एम्स ऋषिकेश के इस विभाग ने मानव सेवा में एक नया कीर्तिमान बनाया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।