उत्तराखंड पुलिस की महिला जवान ने बढ़ाया प्रदेश का मान, राष्ट्रीय वाद विवाद प्रतियोगिता में पाया दूसरा स्थान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2020 के परिपेक्ष्य में आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में उत्तराखंड पुलिस की महिला जवान ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया। 25 व 26 नवंबर को आयोजित इस प्रतियोघिता का विषय ‘कानून के संरक्षक के तौर पर मानवाधिकारों को बनाए रखना पुलिस का व्यवसायिक कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी भी है’ रखा गया था। राष्ट्रीय स्तर के इस आल इंडिया पुलिस फोर्स डिबेट में उत्तराखंड पुलिस की हेड कांस्टेबल सुषमा रानी, 40 वाहिनी हरिद्वार ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। प्रतियोगिता में 26 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों ने प्रतिभाग किया।
इससे पूर्व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार राज्य स्तर पर दिनांक 10 नवंबर 2020 को पुलिस मुख्यालय, उत्तराखंड, देहरादून में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हेड कांस्टेबल सुषमा रानी को चयनित किया गया था। आयोग की ओर से आगामी 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर पुरस्कार वितरण सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें हेड कांस्टेबल सुषमा रानी को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूडी और पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने हेड कांस्टेबल सुषमा रानी को उनकी इस उपलब्धी के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।