सूडान में गृह युद्ध के साथ मंडराया दुनिया भर में बीमारी फैलने का डर, बायोलॉजिकल लैब पर लड़ाकों का कब्जा
सूडान में पिछले 11 दिनों से घमासान गृह-युद्ध छिड़ा हुआ है। इस दौरान 500 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है और मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बायोलॉजिकल खतरे की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि सूडान की राजधानी खार्तूम में लड़ने वालों में एक पक्ष ने खसरा और हैजा जैसी बीमारी को पैदा करने वाले खतरनाक वायरस वाले लैबोरेट्रीज को कब्जे में ले लिया है। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी से साफ है कि यदि ये वायरस फैल जाते हैं तो दुनिया भर में कई बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खतरे से कराया अवगत
सूडान देश में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि नीमा सईद आबिद ने वीडियो लिंक के माध्यम से जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए खतरे के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लैबोरेट्रीज में रखे सामानों को सुरक्षित करने के लिए तकनीशियन राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला तक पहुंचने में फेल हो गए हैं। नीमा सईद आबिद ने बताया कि ये एक चिंता की बात है। लैब तक जाने के लिए, सामानों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए लैब तकनीशियनों के पास कोई साधन मौजूद नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि उन्हें ये भी नहीं पता कि किस पक्ष ने लैबोरेट्रीज पर कब्जा जमा कर रखा हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कई लोग फंसे हैं घरों में
नए आंकड़ों के मुताबिक 15 अप्रैल को सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई शुरू हुई है। इसमें अब तक 459 लोग मारे जा चुके हैं और 4 हजार 72 लोग घायल हो गए हैं। सूडान में जारी लड़ाई ने हॉस्पिटल और दूसरे जरूरी सर्विसों को बेहाल कर दिया है। वहां के लोग खाने और पानी की कमी कि वजह से अपने घरों में फंसे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय (OCHA) को भीषण लड़ाई के कारण सूडान के कुछ हिस्सों में अपनी कुछ गतिविधियों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस लड़ाई में अब तक संयुक्त राष्ट्र ने दो कर्मचारियों को खो दिया है। अफ्रीका के लिए रेड क्रॉस (ICRC) के क्षेत्रीय निदेशक की अंतर्राष्ट्रीय समिति पैट्रिक यूसुफ ने अन्य देशों से आग्रह किया कि विदेशियों को निकाले जाने के बाद भी लंबे समाधान खोजने के लिए सूडान पर दबाव जारी रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नील नदी का पानी पीने को मजबूर लोग
सूडान की झड़प ने अस्पतालों और अन्य आवश्यक सेवाओं को ठप्प कर दिया है। कई लोग खाने और पानी की तेजी से घटती आपूर्ति के साथ अपने घरों में फंसे हुए हैं। जब से हिंसा शुरू हुई है, युद्ध-ग्रस्त राजधानी खार्तूम के निवासियों को अंदर रहने के लिए कहा गया है, और भोजन और पानी की आपूर्ति कम हो रही है। बमबारी ने पानी के पाइपलाइन जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया है। कुछ लोगों को नील नदी का पानी पीने को मजबूर होना पड़ा हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन दिनों के सीजफायर पर सहमत
सूडान में युद्धरत पक्ष तीन दिन के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं, क्योंकि कई देश हिंसा प्रभावित उत्तर अफ्रीकी देश से अपने नागरिकों को निकालने के लिए प्रयासरत हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार सुबह एक बयान में कहा कि गहन बातचीत के बाद, सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर 72 घंटे तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी युद्धविराम को लागू करने पर सहमत हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, संघर्षविराम के पिछले प्रयास विफल रहे हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।