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November 7, 2024

नीतीश ही क्यों? हर जगह पलटूराम, पलटी बनी भारतीय राजनीति की जरूरत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से किनारा कर बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाई तो उन्हें ‘पलटू कुमार’ यानी पाला बदलने वाला व्यक्ति कहा जाने लगा। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद चार बार पलटी मार चुके हैं। पिछली बार उन्होंने जब बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी, कांग्रेस, वामदलो से हाथ मिलाया तो तब पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के सभी नेता पानी पिला पिलाकर कोसते रहे। विपक्षी दलों के समूह इंडिया गठबंधन की नीव रखने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश ने एक बार फिर से पलटी मारी और बीजेपी ने भी उन्हें साथ लेने के लिए पलटी मार दी। कहा तो ये भी जा रहा है कि पीएम बनने का सपना पूरा ना होते देख ही नीतिश ने पलटी मारी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, दूसरे दल के लोग नीतीश कुमार को पलटूराम, पलटी कुमार या इसी तरह की अन्य उपमाएं देने लगे। यहां हमारा नजरिया दूसरा है। पलटूराम तो सभी दलों में है। दूसरे दलों में भी किसी ना किसी दल को छोड़कर लोग आते जाते रहते हैं। क्योंकि पलटी मारना तो भारतीय राजनीति का ककहरा बन चुका है। (पूरी खबर को नीचे वीडियो में देखें)

देखें वीडियो

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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