जनता की समस्याओं से दूर क्यों भाग रहे सीएम, जनता दरबार की भी कर दो तारीख तय, बताओ कब लगाओगे जनता दरबार
उत्तराखंड क्रांति दल ने सीएम धामी को जनता की समस्याओं को लेकर घेरने का प्रयास किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि जब अधिकारियों का जनता से मिलने का समय सीएम ने तय कर रखा है तो जनता से मिलने का समय उनके पास क्यों नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रत्येक सोमवार का दिन आमजन का अधिकारियो के साथ मिलने के लिये निश्चित किया है। ये कदम स्वागत योग्य है। आमजन अब अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकेंगे, लेकिन अपनी समस्याओं को जनता अपने मुख्य सेवक अर्थात मुख्यमंत्री व मंत्रीगणों के समक्ष कब रख पाएगी। इसके लिये समय निर्धारित न किया जाना कष्टप्रद है। आम जनता अधिकारियो के बजाय जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्याओं को ज्यादा अच्छे ढंग और सरलता से रख सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री तथा उनके सहयोगी जनता से मिलने से कतरा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले सभी मुख्यमंत्री जनता दरबार लगते रहे हैं, लेकिन पिछले सरकार में रहे मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री जनता दरबार नही लगा रहे हैं। जोकि गलत तरीका तथा जनता का सामना करने से भागना जैसा है। कुछ दिन पूर्व भी मुख्यमंत्री से ने मंत्रीगण,अधिकारी, सांसदों विधायकों ओर अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों के लिये मिलने का समय निर्धारित किया। उसमे आम जनता से मिलने के लिये कोई समय निर्धारित नही था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना कर्तव्य तो अधिकारियो के जिम्मे कर दिया। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि वह स्वयं जनता से नही मिलना चाहते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय या आवास में आम जन को प्रवेश मिलना बहुत ही कठिन है। उत्तराखंड की मांग ही इसलिए की थी कि मुख्यमंत्री व मंत्री से आम जन सरलता से मिल कर अपनी समस्या का निराकरण करा सके। बौड़ाई ने कहा कि मैं स्वयं देहरादून में रहकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिये 5 बार से अधिक बार समय मांग चुका हूं, लेकिन मुख्यमंत्री स्टाफ से अभी तक मुझे भी समय नई मिल पाया तो आमजन की क्या स्थिति होगी, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनती बार जनता से मिलने के कार्यक्रम के तहत मैं सरकार की ओर से जारी नंबरों पर मैं ट्राइ कर चुका हूं, शायद इतनी बार मैं उत्तरप्रदेश या दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेता तो वहां मिलने समय मिल जाता। अब अधिकारियो से मिलने का दिन तो निश्चित हो गया है, लेकिन इसके साथ ही सीएम से मिलने का समय भी निर्धारित किया जाय। ताकी जनता द्वारा दिये गए समस्याओं के प्रार्थना पत्रों के निराकरण की समय सीमा भी निर्धारित की जाय। साथ ही जनता के लिये यह पहल फायदेमंदऔर उपयोगी हो सके।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।