फोटो खिंचवाते समय तो पुलिस कप्तान का भी सरका मास्क, न दो गज की दूरी, आमजन के चालान, नेताओं को छूट

उत्तराखंड में कोरोना के नियमों के नाम पर जो मजाक हो रहा है। वो शायद पूरे देशभर में हो रहा है। जिसके पास जितनी पावर, नियमों में उसे उतनी छूट। नेताओं की तरफ को पुलिस आंख उठाकर भी नहीं देख रही है। नतीजन, कोरोना का हमला निरंतर जारी है। वहीं, पुलिस सड़कों पर आमजन के चालान कर वाहवाही लूट रही है। वहीं, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक कार्यक्रमों के नाम पर जुट रही भीड़ पर कोई नियम लागू नहीं हो रहे हैं।
ये हैं नियम
कोरोना के तीन नियम तो हर वक्त लागू हैं। शायद लोग भूल गए तो दोबारा याद दिलाया जा रहा है। मुंह और नाक को मास्क से ढका रहना चाहिए। दो व्यक्तियों के बीच की दूरी दो गज यानी छह फीट होनी चाहिए। किसी वस्तु और व्यक्ति को स्पर्श करने के बाद हाथों को सैनिटाइजर या साबुन से साफ कर लेना चाहिए।
उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति
उत्तराखंड में बुधवार 31 मार्च को कोरोना के 293 नए संक्रमित मिले। 118 लोग स्वस्थ हुए और चार लोगों की मौत हुई। वर्तमान में कुल एक्टिव केस भी बढ़कर 1863 हो गए हैं। वहीं, प्रदेश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 100411 हो गई है। इनमें से 95330 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक 1717 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। सर्वाधिक संक्रमित देहरादून में 171 मिले। हरिद्वार में 70 नए संक्रमित मिले
पुलिस कप्तान ने भी हटाया मास्क
नियमों की बात करें तो देहरादून में कल 31 मार्च को विभिन्न विभागों में कार्मिकों के सेवानिवृत्त हुए। इनमें शिक्षक भी थे और पुलिस कर्मी भी। इस संबंधी प्रेस नोट में लिखा गया कि कोरोना के नियमों का पालन किया गया। अब एसएसपी देहरादून के कार्यालय में हुए कार्यक्रम के जो फोटोग्राफ मिले, उनमें कई फोटो ऐसे थे, जिसमें किसी ने मास्क नहीं लगाया हुआ था। चाहे पुलिस कप्तान डॉ. वाईएस रावत हों या फिर सेवानिवृत्त होने वाले बुजुर्ग कर्मचारी। न ही एक दूसरे के बीच छह फीट की दूरी रही। अब सवाल उठता है कि फोटो खिंचवाने के दौरान क्या कोरोना वायरस का हमला नहीं होगा। क्या नियम एक कमरे में मास्क न लगाने के हैं, ये भी सोचने वाली बात है। या फिर पुलिस के चालान कौन काटेगा, ये भी सवाल खड़ा होता है। वहीं, कल ही देहरादून में पुलिस ने सड़कों पर आम लोगों के भारी संख्या में चालान काटे।
कोरोना के नाम पर मजाक
देखा जाए तो सरकार और पुलिस के साथ ही आमजन भी कोरोना के नाम पर मजाक कर रहे हैं। नियम सभी बता रहे हैं, लेकिन पालन कोई नहीं कर रहा है। रास्ते में लोग मास्क लगा रहे हैं, लेकिन जब किसी व्यक्ति से बात करने का समय आता है तो मास्क सरका लेते हैं। ऐसा दुकानों, प्रतिष्ठानों, सरकारी कार्यालयों आदि में देखा जा सकता है। होली मिलन कार्यक्रमों में तो नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई गई।
राजनीतिक दलों में नियम
राजनीतिक दलों के लोगों को तो शायद नियमों की छूट है। हाल ही में होली मिलन कार्यक्रमों के दौरान ही उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत, पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी भी कोरोना संक्रमित हुए। ऐसे कार्यक्रमों में भीड़ की अधिकतम सीमा सौ व्यक्ति का भी पालन नहीं किया गया। इससे कोरोना को रोकने की बात बेमानी होगी। हालांकि महामारी एक्ट में विपक्षी दलों के खिलाफ लगातार मुकदमें दर्ज होते आ रहे हैं, लेकिन कहीं ऐसा नहीं सुना गया कि सत्ताधारी दल के लोगों का भी चालान किया गया।
सल्ट विधानसभा क्षेत्र में बुरा हाल
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की जनसभाओं और रैलियों के लिए भीड़ जुटने लगी है। वैसे तो पूरे देशभर में चुनावी जनसभाओं के लिए कोरोना के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में चाहे भाजपा व कांग्रेस हो या फिर अन्य दल। सभी बढ़चढ़कर रैलियां कर रहे हैं। सल्ट में ही भाजपा की रैली में हजारों की भीड़ जुटी। अधिकांश के नाक व मुंह से मास्क हटे हुए थे। न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। ऐसा करने में भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य कोई भी दल पीछे नहीं हैं।
कुंभ मेले और झंडे के मेले के लिए हैं नियम
आज एक अप्रैल से हरिद्वार में कुंभ मेला शुरू हो गया है। देहरादून में ऐतिहासिक झंडे का मेला कल दो अप्रैल से शुरू हो रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन ने दोनों के लिए एसओपी जारी की है। इसमें बाहरी राज्यों से आने वालों को 72 घंटे तक की एनटीपीसीआर रिपोर्ट लाना जरूरी होगी। वहीं, झंडे के मेले में दुकानें व झूले प्रतिबंधित किए गए हैं। इसके उलट राजनीतिक जनसभाओं के लिए नियम बनाने में आंख मूंद ली गई। शायद राजनीतिक जनसभाओं में कोरोना का हमला नहीं होगा।
कोरोना नियमों के नाम पर हो रही उगाही
अब नियम सब के लिए हैं तो फिर सवाल उठता है कि चालान आमजन के ही क्यों काटे जा रहे हैं। नेताओं या प्रभावशाली लोगों के चालान काटने की हिम्मत क्यों नहीं जुटाई जा रही है। यदि हिम्मत नहीं तो खुद को ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होने का डंका क्यों पीटा जाता है। देहरादून में ही देखें तो 31 मार्च को बड़े पैमाने पर पुलिस ने चालान किए।
इतने लोगों के लिए चालान
देहरादून में कोतवाली नगर पुलिस ने मास्क न पहनने पर 75 व्यक्तियों का चालान कर 15000 रुपये जुर्माना वसूला। कैंट पुलिस ने सड़क पर निकले लोगों में बगैर मास्क वाले 47 और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर 30 लोगों के चालान किए। इन चालान में प्रति व्यक्ति दो सौ रुपये वसूला जा रहा है। डोईवाला पुलिस ने मास्क न लगाने पर 57, नेहरू कालोनी पुलिस ने मास्क न लगाने पर 40 और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर 30 लोगों से जुर्माना वसूला। डालनवाला पुलिस ने बिना माक्स को लेकर 53 और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर 50, रायपुर पुलिस ने मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कुल 119 लोगों के, विकासनगर पुलिस ने 90 लोगों के चालान किए।
लापरवाही खूब बरती जा रही है