जब सबकुछ खुला तो घटाई महाकुंभ की अवधि, एक माह होगा आयोजन, कारण अधूरी तैयारी तो नहीं?
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कोरोना संक्रमण का असर हरिद्वार महाकुंभ में भी इस बार साफ तौर पर देखा जा सकता है। जहां सरकार ने सब कुछ खोल दिया है, वहीं, कोरोना की रोकथाम और केंद्र सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए अब हरिद्वार में होने वाले कुंभ की अवधि घटा दी गई है। अब एक अप्रैल से शुरू होने वाला कुंभ सिर्फ 30 दिन का होगा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। जल्द ही कुंभ मेले के संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी। पहले कुंभ मेले के अवधि 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक प्रस्तावित की गई थी।
हरिद्वार में कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के मद्देनजर सरकार तैयारियां कर रही हैं। अब सरकारी दफ्तरों में सौ फीसदी उपस्थित सुनिश्चित कर दी गई। साथ ही धीरे धीरे सारे प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए हैं। ऐसे में महाकुंभ की अवधि को कोरोना के नाम पर घटाने पर लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं कुंभ की तैयारी पूरी नहीं हो। ऐसे में सरकार ने इसकी तिथि को आगे बढ़ाते हुए इसकी सीमा भी एक माह कर दी। तिथि आगे बढ़ाने से सरकार को बचे हुए कार्य पूरे करने के लिए एक माह का समय मिल जाएगा। सवाल ये भी हैं कि जब भीड़ जुटनी है तो चाहे एक माह जुटे या फिर दो माह, इससे क्या फर्क पड़ेगा।
सरकार का तर्क है कि कुंभ में लाखों की तादाद में भीड़ उमड़ती है। ऐसे में सबसे बड़ी चिंता तो कोरोना संक्रमण की रोकथाम की है। यही वजह भी है कि आमतौर पर कुंभ की जो अधिसूचना दिसंबर में होती थी, वह अभी तक नहीं हो पाई है। हालांकि, पूर्व में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कुंभ की अवधि 48 दिन रखने का निश्चय किया।
अलबत्ता, बाद में कोरोना के मामलों में कमी आई तो सरकार ने हरिद्वार में होने वाले विभिन्न स्नानों को भी लगभग छुट दे दी। इसके बावजूद स्नान के मौकों पर पहले जैसी भीड़ नहीं जुटी। पहले कुंभ मेला 27 फरवरी से प्रस्तावित करते हुए इसकी अवधि दो माह रखने पर जोर दिया गया। इस बीच प्रदेश सरकार की ओर से कुंभ के संबंध में केंद्र से गाइडलाइन जारी करने का आग्रह किया गया।
केंद्र की गाइडलाइन में कोरोना संक्रमण थामने के मद्देनजर कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने और हरिद्वार आगमन से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट होने पर प्रवेश पर जोर दिया गया। यही नहीं, केंद्र ने राज्य से कुंभ के दौरान हरिद्वार में एक दिन में कोरोना जांच की अधिकतम संख्या का निर्धारण भी करने को कहा।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई बैठक में उक्त सभी बिंदुओं पर गंभीरता से मंथन किया गया। साथ ही कुंभ की अवधि दो माह से घटाकर एक माह करने पर सहमति बनी। तय हुआ कि एक अप्रैल से कुंभ मेला प्रारंभ होगा। उधर, कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में 10 सेक्टर के लिए मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जा चुकी है। अब अंतरराज्यीय परिवहन समेत अन्य बिंदुओं को लेकर एक और एसओपी जारी करने पर मंथन चल रहा है।
अप्रैल में तीन शाही स्नान
कुंभ के दौरान अप्रैल में तीन शाही स्नान होंगे। पहला 12 अप्रैल(सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल(बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल(पूर्णिमा) को होगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।