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November 7, 2024

ब्लैक होल में पृथ्वी के समाने पर क्या होगा, शरीर होगा लंबा या भुन जाएगा, क्या नूडल्स के आकार में बदलेगी धरती, पढ़िए खबर

इस ब्रह्मांड के रहस्य भी इतने हैं कि इन्हें जितना सुलझाने का वैज्ञानिक प्रयास करते हैं, उतने और रहस्य सामने आ जाते हैं। आज हम ब्लैक होल के बारे में बात करेंगे। इसकी ज्‍यादा से ज्‍यादा जानकारी जुटाने के लिए वैज्ञानिक दिनरात लगे रहते हैं। अब तक की जानकारियों के मुताबिक, ब्‍लैक होल ऐसे पिंड हैं, जो प्रकाश के साथ ही यूनिवर्स में मौजूद सभी चीजों को अपने अंदर खींचकर खत्‍म कर देने की क्षमता रखते हैं। खगोलविदों ने अंतरिक्ष में ऐसी कई जगह देखी हैं, कोई तारा ब्लैक होल में समा रहा है। ब्‍लैक होल में समाने के बाद उस तारे का अस्तित्‍व ही नष्‍ट हो गया। अब ये सवाल उठना लाजिमी है कि अगर पृथ्वी किसी ब्‍लैक होल में समा जाएं तो क्‍या होगा? हमारे ग्रह के सबसे नजदीक कौन सा ब्‍लैक होल है? इसकी दूरी कितनी है और ये कब धरती को निगल सकता है? इन सभी जानकारियों को यहां समझाने का एक प्रयास किया जाएगा। आपसे अनुरोध है कि खबर ध्यान से पढ़िए। यदि अच्छी लगे तो शेयर भी कीजिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हैरानी का विषय रहे हैं ब्लैक होल
अंतरिक्ष में ब्लैक होल्स हमेशा से हैरानी का विषय रहे हैं। ब्लैक होल की सबसे ​डरावनी बात यह है कि इसमें जाने वाली चीज का पता नहीं चलता है कि वो कहां गई। वह लौटकर वापस आएगी भी या नहीं। डिस्कवर मैगजीन के मुताबिक, ब्लैक होल के तीन प्रमुख गुण होते हैं। पहला उसका वजन या द्रव्यमान, दूसरा घुमाव या कोणीय गति और तीसरा है उसका इलेक्ट्रॉनिक चार्ज। वैज्ञानिकों ने अभी तक इन्हीं गुणों के सहारे ब्लैक होल्स को खोजा है। ब्लैक होल में जाने वाली चीज, इसके द्रव्यमान, कोणीय गति और इलेक्ट्रॉनिक चार्ज के कारण खत्म हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्या होते हैं ब्लैक होल
ब्लैक होल की पूरी ताकत उसके छोटे आकार में होती है। इसके इस आकार में बहुत ज्यादा भार होता है। इससे उसका गुरुत्‍व बहुत ज्‍यादा ताकतवर हो जाता है। इसी ताकतवर गुरुत्‍व बल के कारण ब्‍लैक होल अपने आसपास आने वाली हर चीज को अपनी ओर खींचकर निगल जाते हैं। इसका गुरुत्‍व बल इतना ज्‍यादा होता है कि अगर कोई तारा इसके नजदीक से प्रकाश की गति से भी गुजरेगा तो भी ये उसे अपने अंदर खींच लेते हैं। ये भी जरूरी नहीं है कि ब्‍लैक होल सिर्फ काले रंग के ही हों। क्‍वासार्स जबरदस्‍त चमकीले ब्‍लैक होल होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

धरती और इंसानों पर असर, ये संभावनाएं
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर धरती ब्‍लैक होल में गिरती है तो तीन घटनाएं हो सकती हैं। पहली, इसके गुरुत्‍व के कारण हमारा शरीर लंबा होने लगेगा और खिंचाव महसूस होने लगेगा। पैर और सिर केंद्र में होने के कारण खिंचते चले जाएंगे। वहीं, हाथों के केंद्र से बाहर होने के कारण अलग दिशा में लंबे होने शुरू होंगे। इससे हमारा पूरा शरीर स्‍पेगेटी की तरह हो जाएगा। इसे वैज्ञानिकों ने स्‍पेगेटिफिकेशन प्रॉसेस नाम दिया है। दूसरी संभावना है कि ब्‍लैक होल में बहुत ज्‍यादा रेडिएशन होता है। इससे उसमें गिरते ही हमारा शरीर भुन जाएगा। तीसरी, ब्‍लैक होल में गिरने वाली वस्‍तु की होलोग्राफ‍िक इमेज बन जाए और वह अपने मूल रूप में भी सही सलामत रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सेब के आकार से बदलकर नूडल्स के आकार में बदलेगी पृथ्वी
इसका मतलब यह है कि अगर पृथ्वी ब्लैक होल में गिरती है तो भयानक गुरुत्वाकर्षण और ढेर सारे इलेक्ट्रॉनिक चार्ज का सामना करेगी। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लैक होल के बेहद नजदीक पहुंचने पर पृथ्वी सेब के आकार से मैगी या नूडल्स के आकार में बदल जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महसूस होगा मजबूत गुरुत्वाकर्षण
अगर पृथ्वी पर इंसान ब्लैक होल वाली साइड होगा तो उसे ज्यादा गुरुत्वाकर्षण का अनुभव होगा। ये ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण होगा।आपके पैर सिर की तरफ खिंचने लगेंगे और शरीर के अंगों की दिशा और आकार भी बदलने लगेगा। यह पूरा सीन ब्लैक होल के सेंटर में टकराने से पहले का है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सबकुछ समा जायेगा ब्लैक होल के केंद्र में
यह पूरा कार्यक्रम कितनी देर तक चलेगा, यह ब्लैक होल के द्रव्यमान पर निर्भर करेगा। अगर ब्लैक होल छोटा हुआ तो नुकसान होने में समय लगेगा। अगर पृथ्वी का सामना एक सुपरमैसिव यानी महाविशालकाय ब्लैक होल से होता है तो सेकेंड्स में सब खत्म हो जाएगा। बहुत जल्दी धरती सहित सब कुछ नूडल्स बन जायेगा और ब्लैक होल के केंद्र में जाकर समा जायेगा। इसके आगे क्या होगा, पृथ्वी कहां जाएगी। ये अभी कोई नहीं जानता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ब्‍लैक के नजदीक इस तरह टूटता है तारा
किसी भी तारे का ब्लैक होल के पास वाला हिस्सा ज्यादा तेजी से अंदर की ओर खिंचता है। तारे के ब्लैक होल से दूर के हिस्‍से पर गुरुत्‍व कमजोर रहता है। इस अंतर को ज्‍वारीय बल कहते हैं। इससे तारा टूटने लगता है। ब्‍लैक होल में गिरने पर कुछ ऐसा ही असर सपेगेटी के बनने के समय भी नजर आता है। खगोलविदों ने इस तरह की घटनाओं को दूसरी गैलेक्‍सीज में होते हुए देखा है। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक ज्‍वारीय व्‍यवधान कहते हैं। इसमें तारा ब्‍लैक होल के बहुत ही ज्‍यादा नजदीक पहुंचने के बाद टूटा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरती का सबसे नजदीकी ब्‍लैक होल
स्‍पेगेटिफिकेशन के लिए तारे का ब्‍लैक होल के नजदीक पहुंचना जरूरी है। इस समय हमारे ग्रह धरती का सबसे नजदीकी ब्‍लैक होल भी बहुत ज्यादा दूर है। इस समय धरती के पास ऐसा कोई भी ब्‍लैक होल नहीं है, जो हमारे ग्रह को निगलकर नष्‍ट कर सके। इस समय धरती के सबसे नजदीक वी-616 मोनोसेरॉटिस है. वैज्ञानिक इसे ‘ए 0620-00’ कहते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये ब्‍लैक होल धरती के मुकाबले साढ़े 6 गुना से भी ज्‍यादा वजनी है। अगर धरती इसके 8 लाख किमी दायरे में आ गई तो ये हमारे ग्रह को कई टुकड़ों में बांट देगा। हालांकि, इसकी धरती से मौजूदा दूरी के हिसाब से ये कहा जा सकता है कि अभी दशकों तक ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। अभी वी-616 मोनोसेरॉटिस धरती से 3300 प्रकाशवर्ष दूर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्लैकहोल में गिरने पर
-अगर आप ब्लैक होल में गिर जाएं तो क्या होगा? शायद आप सोचते हों कि आपकी मौत हो जाएगी, लेकिन ऐसी स्थिति में आपके साथ इससे अलग कई और चीज़ें भी हो सकती हैं।
-ब्लैक होल स्पेस में वो जगह है जहाँ भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली होता है।
-इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।
-आइंस्टाइन बता चुके हैं कि किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये जरूरी नहीं जलकर राख हो जाएं
हो सकता है कि आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश में निकले हों या फिर अंतरिक्ष यान से बाहर निकले हों और तभी ब्लैक होल की चपेट में आए जाएं। अगर आप ब्लैकहोल की चपेट में आ गए हों, तो आपके साथ दो बातें हो सकती हैं। या तो आप तुरंत ही जलकर राख हो जाएंगे या फिर आप बिना किसी नुकसान झेले ब्लैक होल में फंस जाएंगे। जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। धीरे धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और सब कुछ अपने में समेटने लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ये भी है संभावना
जब आप ब्लैक होल के अंदर पहुंचते हैं, केंद्र तक वो असीम घुमावदार होता है। वहां आकर समय और स्पेस दोनों अपना अर्थ खो देते हैं और भौतिक विज्ञान को कोई नियम काम नहीं करता। यहां पहुंचने के बाद क्या होगा, कोई नहीं जानता। क्या कोई दूसरा यूनिवर्स आ जाएगा या फिर आप सब कुछ भूल कर नई दुनिया में पहुंच जाएगे। यह रहस्य अब तक बना हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आसान तरीके से समझिए क्या होता है ब्लैक होल
1. ब्लैक होल स्पेस में वह जगह है जहां भौतिक का कोई नियम काम नहीं करता। मतलब समय और स्थान का कोई मतलब नहीं है। यहां बस गुरुत्वाकर्षण और अंधकार है। इसका गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसके खिंचाव से यह प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है। मतलब यह कि इसमें जो भी डाला, वह बाहर नहीं निकलेगा।
2. आप इसे इस तरह समझें कि जब हम किसी टॉर्च से प्रकाश डालते हैं तो वह प्रकाश रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों पर आता है तभी वह चीज हमें दिखाई देती है, लेकिन यदि मान लो कि प्रकाश वापस लौट कर ही नहीं आया तो वह जगह ब्लैक होल हो सकता है। ऐसा ही स्पेस में होता है।
3. दरअसल, जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बड़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचाकर अंदर चला जाता है। वह सब कुछ अपने में निगलने लगता है। इसके प्रभाव क्षेत्र को ही इवेंट हॉराइजन कहते हैं। किसी भी चीज का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।
4. स्टीफन हॉकिंग के अनुसार इसके बाहरी हिस्से को इवेंट हॉराइजन कहते हैं। स्टीफन हॉकिंग की खोज के मुताबिक हॉकिंग रेडिएशन के चलते एक दिन ब्लैक होल पूरी तरह द्रव्यमान मुक्त हो कर गायब हो जाता है। ब्लैक होल की खोज कार्ल स्क्वार्जस्चिल्ड और जॉन व्हीलर ने की थी।
5. यह हो सकता है कि आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश में निकले हों या फिर अंतरिक्ष यान से बाहर निकले हों और तभी ब्लैक होल की चपेट में आ जाएं और उसमें गिर जाएं। ऐसे में आपके साथ क्या होगा, इसकी कई संभावनाएं हैं। मतलब यह कि एक बात तो स्पष्ट है कि ब्लैक होल में गिरने के बाद आप ब्लैक होल की बाहरी सतह पर जल कर राख हो सकते हैं या फिर उसके अंदर आसानी से पहुंचकर अनंत गहराइयों में खो सकते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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