Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 12, 2025

साप्ताहिक अखबार और बड़े धमाके, नहीं रहे देहरादून में पत्रकार प्रवीण जैन, नहीं झुके बड़े नेता के आगे, जानिए उनके बारे में

साप्ताहिक समाचार पत्रों को यदि कोई हल्के में लेता है तो ये उनकी गलतफहमी है। देहरादून में पुराना राजपुर निवासी प्रवीण जैन ने इसकी मिसाल दी है। शनिवार की अर्धरात्रि के बाद प्रवीण जैन ने करीब 70 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह जीवन भर आर्थिक अभाव से जूझते रहे। उन्हें बड़े आफर मिले, लेकिन उन्होंने अपनी लेखनी और सिद्धांत के साथ समझौता नहीं किया। वैसे राजपुर क्षेत्र में दो पत्रकारों ने विशेष पहचान बनाई। इनमें प्रवीण जैन और कुलवंत कुकरेती को हमेशा ही वहां के लोग याद करेंगे। दोनों ही पत्रकार के साथ ही कलाकर भी थे। कुलवंत कुकरेती कई साल पहले दिवंगत हो गए थे। अब प्रवीण जैन ने भी इस सांसारिक मोह माया को त्याग दिया और अपनी दूसरी यात्रा पर निकल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सत्यान मोहल्ला पुराना राजपुर निवासी 70 वर्ष के करीब प्रवीण जैन ऋषि बदरी टाइम्स नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र निकालते थे। बताया तो ये जाता है कि वर्तमान में बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज जब कांग्रेस में थे, तो उन्होंने प्रवीण जैन को उनके साप्ताहिक समाचार पत्र ऋषि बदरी का टाइटल बेचने के लिए आफर दिया, लेकिन जीवन भर आर्थिक अभाव में जीने वाली प्रवीण जैन ने उनके इस आफर को ठुकरा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रवीण जैन काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें दिखना भी बंद हो गया था। पैर से चलने में दिक्कत, पेट में भी दिक्कत के चलते उन्होंने शनिवार की अर्धरात्री के बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया। राजपुर क्षेत्र में दो पत्रकार कुलवंत कुकरेती और प्रवीण जैन दोनों ही एक कलाकार के रूप में भी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिवंगत कुलवंत कुकरेती राजपुर की रामलीला में विश्वमित्र का किरदार बखूबी निभाते थे। वह एक कवि भी थे। उनकी कविता चतुर बंदर को काफी सराहा गया।  वहीं, प्रवीण जैन भी रामलीला के लिए रामलीला में सपर्मित थे। उन्होंने मंथरा, अक्षय कुमार, विश्वमित्र, मकरध्वज जैसे पात्रों का अभिनय किया। दोनों ही समाज की ज्वलंत समस्याओं को उठाते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजपुर निवासी एवं आदर्श रामलीला सिमिति के अध्यक्ष एवं समाजसेवी योगेश अग्रवाल याद करते हैं कि वर्ष 1985-86 के दौरा में देहरादून में डीएम विभा पुरी थी। तब कांग्रेसियों ने मुहिम चलाई राजपुर रोड का नाम नेहरू रोड कर दिया जाए। उस मुहिम के खिलाफ योगेश अग्रवाल के साथ प्रवीण जैन ने आवाज उठाई। योगेश अग्रवार तब सरकारी कर्मचारी थे। ऐसे में उन्होंने योगेंद्र अग्रवाल के नाम से प्रवीण जैन को साथ लेकर आंदोलन खड़ा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दोनों ने सड़कों पर रात को वाल राइटिंग की। पोस्टर चिपकाए। लोगों से संपर्क किया। फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी। बाद में सुरेंद्र सिंह पांगती गढ़वाल कमीश्नर के रूप में नियुक्त हुए। उन्हें जब इस आंदोलन का पता चला तो तत्कालीन कमीश्नर ने इस मामले को उन्होंने ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया। जहां उनके बड़े बेटे विशाल जैन ने मुखाग्नि दी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page