Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 16, 2025

करवाचौथ व्रत में रखें इस बात का ख्याल, राशि के अनुरूप पहनें कपड़े

हिंदू धर्म में करवा चौथ के त्योहार का विशेष महत्व होता है। सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। कई सुहागिन तो निर्जल व्रत रखती हैं। आज सुबह सुबह 03:24 मिनट से चतुर्थी तिथि आरंभ हो गई। साथ ही महिलाओं ने व्रत रखा। यहां देहरादून के डॉ. आचार्य सुशांत राज करवाचौथ के पूजन की विधि के साथ बता रहे हैं कि राशि के मुताबिक कैसे कपड़े पहनें।
श्रृंगार के लिए रखें इस बात का ख्याल
करवा चौथ के दिन व्रती स्त्रियां सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन लाल रंग के वस्त्र या साड़ी पहनना शुभ माना जाता है। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज के अनुसार करवा चौथ पर व्रती स्त्रियों के राशि के हिसाब से भी वस्त्र धारण कर पूजन करने से उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है।

राशि के हिसाब से शुभ रंग –
मेष- गहरा लाल रंग की साड़ी
वृष- पीला रंग
मिथुन- हरा रंग
कर्क – गुलाबी रंग
सिंह- लाल रंग
कन्या – हरी धारियों वाली साड़ी
तुला – पीली साड़ी
वृश्चिक – प्लेन साड़ी
धनु – हल्के पीले रंग की साड़ी
मकर – कथई रंग की साड़ी
कुम्भ – मैरून रंग की साड़ी
मीन – पीली साड़ी

शाम से शुरू हुआ कथा सुनने का सिलसिला

शाम के समय महिलाओं के कथा पढ़ने और सुनने का सिलसिला शुरू हो गया। मोहल्लों और कालोनियों में महिलाएं एक के घर पर एकत्र होकर ऐसे आयोजन करती हैं। इन सभी महिलाओं से अपेक्षा है कि कथा सुनने के दौरान कोरोना के नियमों का भी ध्यान रखा जाए। बेहतर हो कि कथा घर पर ही खुद पढ़ लें। यदि कहीं एकत्र हो रही हों तो शारीरिक दूरी व मास्क का ध्यान रखा जाए।


चांद निकलने तक रखा जाता है व्रत
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चांद निकलने तक रखा जाता है। चांद को अर्घ्य देने और दर्शन करने के बाद ही व्रत को खोलने का नियम है। चंद्रोदय से कुछ समय पहले शिव-पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चांद निकलने के बाद महिलाएं पति को छलनी में दीपक रखकर देखती हैं और पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलती हैं।
बाजारों में भी रही भीड़
करवाचौथ को लेकर पिछले कुछ दिनों में बाजारों में भीड़ रही। खासकर मेहंदी लगाने वालों के स्टाल पर तो महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। महिलाओं में सबसे ज्यादा क्रेज लोटस चेक, हाफ चेक, हाफ लोटस, एचडी डिजाइन की मेहंदी को लेकर रहा। बाजार में मेहंदी का स्टॉल लगाने वालों ने बताया कि 300 से 2000 रुपये तक के मेहंदी के डिजाइन उपलब्ध थे। अधिकांश महिलाओं ने मेहंदी लगवाने के लिए 1000 से 1500 रुपये तक खर्च किए। वहीं बाजारों में खरीदादारों की भी अच्छी भीड़ रही।
चतुर्थी तिथि– 4 नवंबर को सुबह 03:24 मिनट से प्रारंभ हो गई, जो 5 नवंबर को सुबह 05:14 मिनट तक है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त– शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक।
चंद्रोदय– रात 8 बजकर 16 मिनट पर।
करवा चौथ व्रत में प्रयोग होने वाली सामग्री-
चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत चावल, सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा दान के लिए रुपये आदि।


आचार्य का परिचय
नाम डॉ. आचार्य सुशांत राज
इंद्रेश्वर शिव मंदिर व नवग्रह शिव मंदिर
डांडी गढ़ी कैंट, निकट पोस्ट आफिस, देहरादून, उत्तराखंड।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page