जल प्रहरियों के सम्मान के साथ जल की किफायत अभियान शुरू, स्पेक्स ने 30 साल के हमराहियों को किया सम्मानित, देखें पूरी सूची
पानी की स्वच्छता व उसकी गुणवत्ता को लेकर पिछले 30 सालों से स्पेक्स के साथ जुड़े विभिन्न करीब 101 लोगों और संस्थााओं को रविवार को सम्मानित किया गया। स्पेक्स के तीस साल पूरे होने पर ‘जल प्रहरी’ सम्मान प्रदान करने के साथ ही स्पेक्स ने ‘जल की किफायत’ नाम से नया अभियान भी शुरू किया है। पर्यावरणविद सच्चिदानन्द भारती ने अभियान की शुरुआत की और जल से जुड़े इन विषयों को बेहद महत्वपूर्ण बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सोसाइटी आफ पाल्यूशन एंड इनवायरमेंटल कंजरवेशन साइंटिस्ट्स (स्पेक्स) पिछले 30 वर्षों से पानी की स्वस्छता व गुणवत्ता को लेकर काम कर रहा है। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे संगठनों व व्यक्तियां का स्पेक्स को सहयोग प्राप्त हुआ। अपने सफर के 30 वर्ष पूरे होने पर स्पेक्स ने 100 ऐसे लोगों को सम्मानित किया, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जल संरक्षण की मुहिम में शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम की शुरुआत जलांजलि से की गई। स्पेक्स ने रविवार को जल की किफायत अभियान के तहत ‘जल प्रहरी’ एप का भी शुभारंभ किया। इसे प्ले स्टोर से निशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। कार्यक्रम में ‘जल की किफायत’ गीत भी लांच किया गया। इस अभियान के बारे में बताते हुए स्पेक्स के सचिव बृज मोहन शर्मा ने कहा कि इस पूरे अभियान में सभी वर्गों के लोगों ने सहयोग किया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल की किफायत अभियान में भी सभी लोगों का सहयोग मिलता रहेगा। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रवि चोपड़ा, डॉक्टर राजेंद्र डोभाल, हर्षपति उनियाल, सुभाष गुप्ता, यूकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक आशुतोष मिश्रा और उनकी पत्नी लक्ष्मी मिश्रा, देवेंद्र भसीन आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोना बाली द्वारा किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन्हें किया गया सम्मानित
1-स्व. डा. एचओ गुप्ता, श्रीमती मृदुला गुप्ता, मणि क्षितिज, डा. सुरभि गुप्ता। अभियान का बीज डा गुप्ता की छत्रछाया में रोपा गया। स्पेक्स की ओर से कहा गया कि उनकी छत्रछाया आज भी हमारे साथ है। मुदुला दीदी स्व. डा हरि ओम गुप्ता की पत्नी अभियान से जुड़ी हैं। चौथी कक्षा का बालक जो अभियान की शुरूआत से जुड़ा तो आज तक जल प्रहरी है। जानीमानी पेंटर और मणि के साथ विवाहोपरांत जलप्रहरी अभियान का हिस्सा बनी।
2- डॉ. गिरीश चन्द्र सिंह गौर। पूर्व में वाडिया इंस्टीट्यूट फार हिमालय जियोलॉजिकल में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पर्यावरण सलाहकार व साधारण व सच्चे इंसान।
3- डॉ, रवि चोपड़ा। लोक विज्ञान संस्थान के संस्थापकए पर्यावरण वैज्ञानिक तथा अपने उसूलों पर चलने वाले सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता।
4- ई. हर्षपति उनियाल। अभियान की शुरूआत में वह जल संस्थान के गढवाल क्षेत्र के मुखिया थे। इस अभियान की सकारात्मकता ने न केवल उनियाल का साथ लिया वरन् उनके सकारात्मक रवैये ने देहरादून की पेयजल की गुणवत्ता के लिए प्रभावी कदम भी उठाए।
5- डॉ. देवेन्द्र भसीन।इतिहास के प्रोफेसर, नवभारत टाइम्स के संवाददाता, गढ़वाल मण्डल विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष। अभियान के शुरूआती दौर में इस अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने में सहयोग किया।
6-हिमाचल टाईम्स।देहरादून एवं हिमाचल का एक प्रमुख समाचार पत्र। निराशा में आशा की किरण।
7-अशोक मिश्रा। शुरूआती दौर में हिमाचल टाइम्स के अंग्रेजी सम्पादक, गढवाल पोस्ट के सम्पादक हैं।
8- जय सिंह रावत। शुरूआती दौर में हिमाचल टाइम्स के समाचार संपादक हिन्दी, फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार। उस जमाने में इतनी जल्दी से छपती नहीं थी खबर, तब इन्होंने बुलाकर ली थी खबर।
9-रानू बिष्ट एवं राजीव ओबराय। अपनी खुशी से मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर प्रकाशन जैसे व्यवसाय को स्थापित करने की जद्दोजहद में रहीं रानू बिष्ट आज उत्तराखण्ड के प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह को समय साक्ष्य के नाम से जाता है। राजीव एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। आज एसपीडी नामक संस्था के प्रणेता हैं।
10-कान्ती कुमार। इस अभियान को उनहें आपने सांध्य वैली में समाचार पत्र के द्वारा जन जन तक पहुँचाने का कार्य किया।
11- गढ़वाल पोस्ट। अंग्रेजी भाषा का एक मात्र स्थानीय समचार पत्र, जिसको स्थापित करने में सतीश शर्मा का अथक प्रयास रहा है।
12-भूमेश भारती। एक अनूठा, लम्बी कलमों वाला मनमौजी, जो उस जमाने में गले में कैमरा लटकाए घूमता था। आज जाना माना नाम।
13-अमर उजाला। उस समय तेजी से अपनी जगह बनाता समाचार पत्र। आज प्रमुख समाचार पत्रों में स्थान रखता है।
14- दैनिक जागरण। आज का मशहूर और आम जान का अख़बार। कुशल कोठियाल के नेतृत्व में जान सरोकारों को बखूबी उठा रहा है। साथ ही स्पेक्स के अभियान को जन जन तक पहुंचाया।
15-बीजू नेगी।एक बहु प्रतिभाशाली गाँधीवादी शख्सियत, पत्रकार, बीज बचाओ आन्दोलन के प्रचारक तथा अब सर्वोदय अभियान को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
16- कुसुम रावत। समाज सेवी ए लेखक एवं महिला उत्थान में संलग्न गाँधीवादी व्यक्तित्व है। जिन्होने इस अभियान के दस्तावेजीकरण में अपना सहयोग प्रदान किया।
17-डा. सुभाष गुप्ता। वह अमर उजाला समाचार पत्र के मुख्य संवाददाता रहे। उन्होंने जल प्रहरी अभियान के उद्वेश्यों के महत्व को समझते हुए अमर उजाला के साथ संस्थागत रूप से जल प्रहरी अभियान को जोड़ा।
18- उत्तरांचल प्रेस क्लब। एक संस्था और ऐसा स्थान जहां बैठ कर पत्रकार सामाजिक मूद्दों पर चर्चा करते हैं।
19- डा. एसके बरतरया। वाडिया इंस्टिटयूट आफ हिमालियन जियालाजी में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जल प्रहरी अभियान के आंकलन विषेशज्ञ।
20-मोहम्मद सुलेमान। अभियान के शुरूआती दौर में आप एक साईकिल मैकेनिक थे। साईकिल का व्यवसाय कम होने के कारण अब आप एक ई.रिक्शा चलाते हैं। इस अभियान के अन्तर्गत अपनी दुकान के सामने की टंकी को माह में दो बार स्वयं सफाई करते थे।
21- न्यूज़ 18, न्यूज चेनल जिसको स्थापित करने में अनूपम त्रिवेदी जी का विशेष योगदान है।
22- एसएमए काजमी। पहले इंडियन एक्सप्रेस के मुख्य संवाददाता फिर ट्रिबयून के संवाददाता और इस अभियान से जुड़े हैं।
23- टाइम्स आफ इंडिया। अंग्रेजी आज का प्रतिष्ठित समाचार पत्र जिसने जल प्रहरी की बात को प्रचारित प्रसारित करने में योगदान।
2- अंजली नौरियाल। पहले टाइम्स आफ इंडिया की संवाददाता और अब लेखक, फिल्म कलाकार एवं स्वतंत्र पत्रकार।
25-दून दर्पण।एक मात्र स्थानीय खबरों का दैनिक हिन्दी समाचार पत्र।
26-गति संस्था। एक सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित सामाजिक संस्था।
27-प्रकाशमणी धस्माना। दून दर्पण के समाचार संपादक अब स्वतंत्र पत्रकार तथा अभियान के समर्थक।
28-दिप्ती सक्सेना। पीटीआई की मुख्य संवाददाता।
29-शिशिर प्रशांत। बिजनेस स्टेण्डर्ड के मुख्य संवाददाता।
30-भानू बंगवाल। वैनगार्ड, शिखर संदेश, हिमाचल टाइम्स हिंदी, अमर उजाला, दैनिक जागरण में वरिष्ठ पत्रकार रहने के बाद फिलहाल लोक साक्ष्य पोर्टल चला रहे हैं। देहरादून का ऐसा कौन सा नुक्कड है जहां इन्होंने नाटक नहीं खेला होगा।
31- आई नेक्सट।दैनिक जागरण स्थानीय संसकरण जल प्रहरी अभियान का सशक्त प्रहरी।
32-नलिनी। जन जन को शुद्ध जल अभियान को बढाने में पूर्ण सहयोग।
33- राष्ट्रीय सहारा। एक प्रमुख समाचार पत्र जल प्रेहरी का सशक्त प्रहरी।
34- पंजाब केसरी। एक जाना माना समाचार पत्र जो स्थानीय व जन सरोकारों के प्रति समर्पित।
35-राजू गुसांई। फुटबाल प्रेमी, वरिष्ठ पत्रकार।
36- हिदुस्तान।भारत का एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र जिसने इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया।
37-अरूण प्रताप। धीर गंभीर व्यक्तित्वए विद्यवान, भाषाविद्। इस अभियान से दिल से जुड़े, स्वतंत्र पत्रकार।
38-हिन्दुस्तान टाइम्स। प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार पत्र।
39-ज्योतीर्मय थपलियाल। पहले ट्रिबयून में संवाददाता, फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार।
40-द पायनियर। अंग्रेजी समाचार पत्र जिसने हमेशा जन.जन को शुद्ध जल अभियान की खबरों को प्रमुखता दी।
41-रोबिन सिंह। पहले न्यूज 18 में संवाददाताए फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार।
42-शाह टाईम्स। स्थानीय समाचारों को प्रमुखता देने वाला समाचार पत्र।
43-मन मोहन भट्ट। पत्रकार। ज़ी न्यूज के संवाददाता रहे।
44-उत्तर उजाला। नैनीताल से छपने वाला एक प्रमुख समाचार पत्र।
45-बद्री विशाल। उत्तराखण्ड का प्रतिष्ठित व जाना माना समाचार पत्र, जो कि गिरीश पन्त के दिशा निदेशन में खबरे सम्पादित करता है।
46-ईटीवी भारत।
47-समीर मल्होत्रा एवं शोभा मल्होत्रा। संस्था के अभियान के साथी।
48-न्यूज़ नेशन। इलेक्ट्रानिक मीडिया।
49-राम प्रताप साकेती। शुरूआती दौर में वैली मेल में, फिर पंजाब केसरी, फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार।
50-अम्बुज शर्मा। पत्रकार, अभियान के संवाहक।
51-नरेश उप्रेती। विज्ञान संचारक, समाजिक कार्यकर्ता एवं जल प्रहरी व अभियान के स्थायी स्तम्भ।
52- शशी भूषण मैठाणी। विलुप्त होती पहाड़ी संस्कृति को बचाने वाला एक साधरण सा दिखने वाला असाधरण व्यक्तिव।
53-फहीम तन्हा। न्यूज वन इंडिया में संवाददाता।
54- मंगेश कुमार। द पाइनियर के फोटोग्राफर और अभियान को दूर दूर पहुँचाने में सहयोग प्रदान किया।
55-राम तीरथ मौर्य एवं अशोक कुमार। वर्ष 2005 से अभियान के कर्ताधर्ता। अपने साथ भतीजे को अभियान से जोड़ा।
56-डा धीरज गोयल एवं अलका गोयल। अभियान के सहयोगी।
57-नीरज उनियाल।समाजसेवी, जल प्रहरी अभियान के सशक्त पक्षधर एवं सशक्त साथी।
58-भूषण चौधरी। रसायन में स्नात्कोत्तरए अब एक समाजसेवी एवं सफल व्यवसायी हैं।
59-जस्ट ओपन यूवर सेल्फ (जॉय)। पांच वर्ष पूर्व इस युवा समूह की शुरूआत हुई, जो जल प्रहरी अभियान के संवाहक बने। इनमें से कुछ युवाओं का जन्म 1994 के बाद हुआ जो अब जल प्रहरी अभियान के भविष्य हैं।
60- शंकर सिंह भाटिया। जल प्रहरी अभियान के पक्षधर। स्वतंत्र पत्रकार एवं सुसवा नदि बचाओं के प्रेरक।
61- श्रमयोग। शुरूआती दौर में अजय कुमार, शकंर दत्त व अन्य साथियों के साथ मिलकर इस समूह की आधारशिला रखी। अब अजय डा. अजय कुमार हो गये हैं और शंकर दत्त नीदरलैंण्ड से पढ़ाई करके दोनों लोग सल्ट ब्लाक अल्मोडा में समाज उत्थान के कार्य में लगे हैं।
62-उदय शंकर भट्ट। रंगमंच कलाकर। उत्तराखण्ड आन्दोलन में सक्रिय भूमिका और गढ़वाल सभा के पदाधिकारी।
63-रोशन मौर्य। कलाकार।
64-मदन डुकलाण। गढवाली भाषा के सम्वर्धन हेतु समर्पित, चिठ्ठी पत्री के संपादक, रंगमंच एवं श्रेत्रीय फिल्मों में जाना पहचान नाम। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी।
65- डॉ. दिनेश सती। भू वैज्ञानिक एवं अभियान के वरिष्ठ सलाहकार।
66-पूजा पोखरियाल जी एवं श्री अमित पोखरियाल। जल की किफायत अभियान की प्रथम संवाहक।
67-अन्जु श्रृंगारी एवं राजीव। अन्जु छात्र जीवन से ही समाज सेवी रही हैं और इस अभियान की संवाहक रही हैं। राजीव एक नये व्यवसाय की शुरूआत कर रहे थे। अब हजारों लोगों को रोजगार दिलाने का महत्वपूर्ण एवं समाजिक कार्य करते हैं।
68-मिताली राजवंशी एवं राहुल राजवंशी। वैडिंग प्लानर।अभियान की समर्थक। सफल अधिवक्ता हैं।
69-सय्यद शकील अहमद बारी एवं खादीजा बारी। बारी बैंक में काम करते थे और इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे। अपनी पुत्री खदीजा को भी इस अभियान से जोडा।
पिता के साथ अभियान की सशक्त प्रहरी।
70- अनुपम गुप्ता। जल प्रहरी संवाहक।
71-सुनील राणा। एक समाज सेवी एवं जागरूक नागरिक। जल प्रहरी अभियान के अंग हैं।
72-शिवानी अग्रवाल एवं स्व. संजय अग्रवाल। संजय अभियान के स्तम्भ व नीव डालने वाले रहे। शिवानी एक व्यवसायी हैं और अभियान की संवाहिका हैं।
73-राहुल मौर्य। अभियान के संवाहक।
74-आशीष सक्सेना।
75-बालेन्दु जोशी। विज्ञान संचार एवं सहभागिता आधारित प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन प्रषिक्षण व ज्ञाता। सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता।
76-हरीराज सिंह। विज्ञान संचार, मृदा वैज्ञानिक। कालांतर में कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन प्रशिक्षक।
77-आरके मुखर्जी। टार्न के कार्यकारी निदेशक. भू एवं आपदा वैज्ञानिक।
78-पंकज पंवार। पत्रकार।
79-अदिति कौर। अदिति कौर बच्चों से जुड़े किसी भी नई पहल को आगे बढाने के लिए सर्मिर्पत। इस अभियान में स्वयं जल प्रहरी की भूमिका निभाई। फिलहाल पर्वतीय बाल मंच को सर्वेसवी।
80-मनीष ओली। एक दशक से अधिक सक्रिय पत्रकारिता का अनुभव।
81-डॉ. अंजली वर्मा प्रदीप वर्मा। इस अभियान में सहयोगी की भूमिका में रही हैं।
82-राजपाल पांचाल। राष्ट्रीय पदक प्राप्त विज्ञान संवाहक और हरियाणा में जल प्रहरी अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
83- स्मार्ट सर्किट प्रा लि। सौरव, राघव और सचिन तीनों पक्के दोस्त। विज्ञान संचार के क्षेत्र में अग्रणीय कम्पनी, विज्ञान शिक्षक एवं बच्चों के सच्चे मित्र। जल प्रहरी अभियान को विज्ञान संचार के साथ समाहित किया है। हाल ही में लिमका बुक रिकार्ड भी बनाया।
84- डा. जीके ढींगरा। पूर्व में उत्तरकाशी में अभियान को बढ़ाया। अब पंय ललित मोहन शर्मा परिसर के प्राचार्य हैं।
85-जोगेन्द्र रोहिला। जल प्रहरी एप्प के डिज़ाईनर।
86- नेहा गुप्ता एवं विभु। जल प्रहरी गीत का आर्ट वर्क किया।
87-विवेक बडोनी। जल प्रहरी अभियान के अन्तर्गत जल की किफायत के लिए गीत की रचना की एवं उसे सुरो में पिरोया।
88-डा. जसवीर असवाल। जनजन को शुद्ध जल की रिपोर्ट में मदद। वैज्ञानिक।
89- सुशील पंत एवं मुनीष खरबन्दा। स्पेक्स के हर अभियान के प्रबल समर्थक व जल प्रहरी।
90-विकास नौटियाल। शुद्ध जल की रिपोर्ट में मदद।
91 नितेश कौशिक। जल प्रहरी अभियान के उद्देश्यों के संवाहक। ।
92-ई. जयदीप सकलानी। उत्प्रेरक।
93-रविन्द्र नाथ कौशिक। अभियान के शुरूआती दौर में दून दर्पण के मुख्य संवाददाता अब स्वतंत्र पत्रकार हैं।
94-डा. विजय गम्भीर। अपने विषय के विषेशज्ञ फिजियोथरेपिस्ट एवं नेचरोथरेपिस्ट के विख्यात प्रोफेशनल एवं अभियान के सहायक।
95-डा. विनोद भट्ट। जैविक खेती के विषेशज्ञ एवं अभियान के समर्थक।
96- उर्बेदुर रहमान (गुड्डू) एवं मूजेबूर्रमान (डिल्लो)। इस अभियान के मुस्तैद प्रहरी।
97-नीरज एवं पंकज। जल प्रहरी के प्रबल समर्थक व अभियान को संबल प्रदान करने वाले।
98- डा. पारूल सिघंल। वैज्ञानिक सोच वाली सामाजिक कार्यकत्री।
99-मंच परिवार। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन जागरूकता व उत्प्रेरण करने वाला एक परिवार।
100-चन्द्रा आर्य एवं बिजेन्द्र सिंह। अभियान में सहायक की भूमिका।
101-मोना बाली। एक शिक्षिका, अंग्रेजीस, हिंदी भाषा में समान विद्वता। स्पेक्स नामक मुहिम के प्रणेता की प्रेरणा स्रोत।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।