देखें वीडियोः तुर्की और सीरिया में इस सदी का सबसे शक्तिशाली भूकंप, 1900 से ज्यादा मरे, भारत हर संभव मदद को तैयार
तुर्की और सीरिया में शक्तिशाली भूंकप ने भयंकर तबाही मचा दी है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। जिस वक्त भूकंप आया उस वक्त लोग अपने घरों में सो रहे थे। भूकंप की वजह से अभी तक 1900 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर आ रही है। कई इमारतें भी मलबे में तब्दील हो गई। भूकंप कितना जोरदार था इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि झटके साइप्रस और मिस्र तक महसूस किए गए। सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने सरकार समर्थक रेडियो को बताया कि ये देश के इतिहास सबसे बड़े भूकंप में से एक था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खोज और बचाव कार्य जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय और एक स्थानीय अस्पताल के अनुसार, सीरिया के सरकार-नियंत्रित हिस्सों के साथ-साथ तुर्की समर्थक गुटों के कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्रों में कम से कम 245 लोग मारे गए। वहीं तुर्की के उपराष्ट्रपति फुआट ओकटे ने जानकारी देते हुए बताया देश के दक्षिण पूर्व में सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से तुर्की में कम से कम 284 लोगों की मौत हो गई। ओकटे ने कहा कि तुर्की के सबसे बड़े भूकंपों में से एक में 2,300 से अधिक लोग घायल हो गए। कई प्रमुख शहरों में खोज और बचाव कार्य जारी है। तुर्की में आए भूकंप की वजह से गिरी एक इमारत का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह से एक बहुमंजिला इमारत भूकंप के तेज झटकों के बीच ताश पत्तों की ढह गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
Urfa da artçı sonrasi yikilan bina…#deprem #Urfa #earthquake pic.twitter.com/1mbOZM8hpF
— ???????? & ???????? (@doganatillla) February 6, 2023
बर्फीले तूफान से रेस्क्यू में बाधा
सर्दियों के बर्फ़ीले तूफ़ान से रेस्क्यू में बाधा आ रही थी। क्योंकि प्रमुख सड़कें बर्फ से ढकी हुई हैं। भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 04:17 बजे (0117 GMT) लगभग 17.9 किलोमीटर (11 मील) की गहराई में आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्विस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को दक्षिणी तुर्की में गजियांटेप के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र तुर्की के 26 किलोमीटर दूर पूर्व में नूरदा रहा है। ये इलाक़ा ग़जिएनटेप के पास है. इस इलाक़े की आबादी क़रीब 20 लाख है जिसमें पांच लाख सीरियाई शराणार्थी हैं। आशंका जताई जा रही है कि भूकंप से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुक़सान हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शहरों में नष्ट हुई इमारतें
सरकार की आपदा प्रबंधन एजेंसी एएफएडी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 थी. एएफपी संवाददाताओं के अनुसार, लेबनान, सीरिया और साइप्रस में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि तुर्की के अधिकारियों ने अभी तक किसी के मरने या घायल होने की सूचना नहीं दी है, लेकिन सोशल नेटवर्क पर पोस्ट किए गए वीडियो में देश के दक्षिण-पूर्व में कई शहरों में नष्ट हुई इमारतों को दिखाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुर्की दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में से एक है। ड्यूज 1999 में 7.4 तीव्रता के भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा। विशेषज्ञों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि एक बड़ा भूकंप इस्तांबुल को तबाह कर सकता है, जिसने सुरक्षा सावधानियों के बिना व्यापक निर्माण की अनुमति दी है। जनवरी 2020 में इलाज़िग में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 40 से अधिक लोग मारे गए थे। उसी साल अक्टूबर में, एजियन सागर में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 114 लोग मारे गए और 1,000 से अधिक घायल हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तुर्की में तलाश व राहत टीमें और राहत सामग्री भेजेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की में आए भूकंप में लोगों की मौत पर सोमवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि तुर्की में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री ने भूकंप पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के एक ट्वीट को टैग करते हुए कहा कि भारत तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विदेश मंत्री ने जताया शोक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि तुर्की में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं। इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मदद भेजेगा भारत
प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएमओ ने कहा कि आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमों को भी तैयार किया जा रहा है। राहत सामग्री तुर्की गणराज्य की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास कार्यालय के समन्वय से भेजी जाएगी। बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।