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June 19, 2025

देखें वीडियोः पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य जी की प्रतिमा का किया अनावरण, चुनावी ऐजेंडे पर केंद्रित रहा भाषण, नहीं की किसी दल की आलोचना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। केदारनाथ में हेलीपैड से पीएम मंदिर के लिए पैदल ही पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने आदि शंकराचार्यजी की प्रतिमा का अनावरण किया। वह केदारनाथ में हेलीपैड से पीएम मंदिर के लिए पैदल ही पहुंचे। हालांकि हेलीपैड पर ऑल टेरिन वाइकल भी रखा गया था, लेकिन वह पैदल ही निकल पड़े। प्रधानमंत्री मोदी करीब 320 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पीएम करीब साढ़े तीन घंटे यहां केदारनाथ में रहेंगे। धाम पहुंचकर उन्होंने भोले बाबा भोले की पूजा अर्चना की। इसमें खास बात ये रही कि पीएम मोदी का भाषण चुनावी ऐजेंडे पर तो केंद्रित रहा, लेकिन उन्होंने किसी राजनीतिक दल पर टीका टिप्पणी नहीं की।

प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। पूजा के दौरान मुख्य पुजारी बागेश लिंग,रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि केदारलिंग धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला मुख्यमंत्री के तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे। चार अन्य लोग भी पूजा के दौरान मौजूद रहे। पूजा के बाद वह भीम शिला के निकट पहुंचे। बताया गया कि आपदा के दौरान भीम शिला ने ही पहाड़ से गिरने वाले पत्थरों को रोक दिया था। इसके मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचा। साथ ही वहां हुए अब तक के कार्यों का अवलोकन भी किया। इससके बाद उन्होंने आदि शंकराचार्यजी की प्रतिमा का अनावरण किया। केदारनाथ में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इसमें मंदाकिनी रिटेनिंग वाल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वाल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित आवास और मंदाकिनी नदी पर बना गरुड़चट्टी पुल शामिल हैं।
पीएम का संबोधन
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में महान संतों की परंपरा रही है। हमारे पुराणों, धर्म ग्रंथों, रामचरित मानस सभी में नेकी का जिक्र है। दीपावली में मैं सेनिकों के बीच गया। गोवर्धन पूजा के दिन केदारनाथ में बाबा के दर्शन का मौका मिला। एक दिव्य अनुभूति का अहसास हुआ। शंकराचार्यजी की समाधि और अधिक दिव्य स्वरूप के साथ हम सबके बीच है। इसके साथ ही सरस्वती तट पर घाट का निर्माण भी हो चुका है। मंदाकनी पुल से गरुचट्टी मार्ग को भी दुरुस्त कर दिया गया है। गरुड़चट्टी से तो मेरा नाता रहा है। तीर्थ पुरोहितों के लिए बने नए आवासों से उन्हें हर मौसम में सुविधा होगी। उन्होंने पिछले संस्मरणों की जिक्र किया। कहा कि अब मुसीबतों से उन्हें मुक्ति मिलने वाली हैं। यहां यात्री सेवाओं और सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है-‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ।

पीएम ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ है- “शं करोति सः शंकरः”यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे। अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केन्द्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं: एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि -इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूँ कि – समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।


उन्होंने कहा कि भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ, holistic way में देखता है। आदि शंकराचार्य जी ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया। उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है। भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, उत्तराखंड के लोगों ने 100 प्रतिशत सिंगल डोज़ का लक्ष्य हासिल कर लिया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है।
सीएम धामी का संबोधन
इस मौके पर आयोजित जनसभा को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आदि गुरु शंकराचार्यजी के जीवन पर प्रकाश डाला। बताया कि वर्ष 2013 में उनकी समाधि क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसका पुनर्निर्माण कार्य पूरा हुआ और आज का दिन भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। केदारपुरी का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 225 करोड़ के कार्य पूरे हो चुके हैं। 184 करोड़ के काम द्वितीय चरण में होने हैं। जो अप्रैल माह से शुरू हो जाएगा। ये प्रमाण है हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में चल रहे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, आल वेदर रोड आदि अन्य कार्यों की भी चर्चा की।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनकी अगवानी की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अलावा कई विधायक और मंत्री पीएम मोदी के स्वागत के लिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम को रवाना हो गए थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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