महाकुंभ में शाही स्नानों के दिन वीआइपी मूवमेंट पर रोक, आम श्रद्धालु की तरह करेंगे स्नान, पुलिस की अन्तर्राज्यीय बैठक में निर्णय
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उत्तराखंड के हरिद्वार में एक माह के लिए आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले को लेकर सरकार, प्रशासन और पुलिस का होमवर्क चल रहा है। इसी सिलसिले में पुलिस की अन्तर्राज्यीय समन्वय बैठक में तय किया गया कि शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रोक रहेगी। वीआईपी यदि आना चाहते हैं तो वे एक साधारण श्रद्धालु की भांति ही आ सकते हैं।
गौरतलब है कि इस बार कोरोनाकाल के चलते कुंभ को दो माह की जगह एक माह का कर दिया गया है। अब एक अप्रैल से शुरू होने वाला कुंभ सिर्फ 30 दिन का होगा। कुंभ के दौरान अप्रैल में तीन शाही स्नान होंगे। पहला 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल(पूर्णिमा) को होगा।
आज पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं को लेकर अन्तर्राज्यीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर, एनआईए, रेलवे सुरक्षा बल, आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक का संचालन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने किया।
इस मौके पर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बैठक का उद्देश्य सभी सीमावर्ती प्रदेशों उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर व अन्य एजेंसियों के पारस्परिक सहयोग से कुम्भ मेले को सकुशल सम्पन्न कराना है। कुम्भ मेले के दौरान समस्त शाही स्नानों को सकुशल संचालन के लिए सभी के समन्वय तालमेल की आश्यकता होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से अभी से कुंभ मेले के लिए पुलिस प्रबंध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में नई तकनीक
डीजीपी ने बताया कि इस बार पुलिस भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए कई नई तकनीकों को शामिल कर रही है। सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरों से सतर्क दृष्टि रखने के साथ-साथ Artificial Intelligence टूल का भी उपयोग किया जाएगा। पिछले कुंभ मेले के मुकाबले 2021 में आयोजित हो रहे कुंभ मेले में सोशल मीडिया का उपयोग बड़े पैमाने पर होगा। ऐसे में संप्रदायिक और आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए मेले में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल स्थापित होगी।
व्यवस्थाओं का किया गया प्रस्तुतिकरण
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ संजय गुंज्याल, एवं पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा एपी अंशुमान ने कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नानों एवं अन्य स्नानों में किए जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियन्त्रण, पार्किंग, यातायात प्लान पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्धन, पूर्व में घटित हुए दुर्घटनाओं आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। कुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। शाही स्नानों एवं प्रमुख स्नानों के दौरान भीड़ प्रबन्धन के लिए ट्रैफिक प्लान, ट्रैफिक डायवर्जन आदि महत्वपूर्ण सूचनाओं का सीमावर्ती प्रदेशों से अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया।
बैठक में निम्न बिन्दुओं पर किया गया विचार विमर्श
-केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कुम्भ मेले के लिए जारी एसओपी का पूर्णतः से पालन करेंगे और जारी दिशा-निर्देशों का अपने-अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भी प्रचार-प्रसार करेंगे। जो भी तीर्थयात्री एवं श्रद्धालु उनके राज्य से कुम्भ मेले में आएं वे कोविड की गाइडलाइन्स का अनुपालन करें। तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं को कुम्भ मेला के वेब पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने और कोविड नेगिटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता के सम्बन्ध में विस्तार से बताया जाएगा। उसके प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया गया। सभी राज्यों की ओर से इस पर सहमति व्यक्त की गयी।
-शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रोक रहेगी। वीआईपी यदि आना चाहते हैं तो वे एक साधारण श्रद्धालु की भांति ही आ सकते हैं।
-राज्यों एवं एजन्सियों की ओर से पूर्व की घटनाओं एवं कुम्भ के दौरान घटित घटनाओं राष्ट्र विरोधी तत्वों के सम्बन्ध में अभिसूचना साझा की और भविष्य में भी अभिसूचना का आदान-प्रदान व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से करने का निर्णय लिया गया।
-ट्रैफिक डायवर्जन में सीमावर्ती राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी सीमावर्ती राज्यों के नोडल अधिकारियों में समन्वय एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। प्रमुख स्नान वाले दिनों में यातायात का दबाव अधिक होने पर उत्तर प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और डायवर्जन शुरू किया जाएगा। इस सम्बन्ध में जल्द ही सभी सीमावर्ती जनपदों के पुलिस उपाधीक्षकों एवं थाना प्रभारियों एक बैठक हरिद्वार में आयोजित की जाएगी।
-रेलवे में अधिक भीड़ होने पर सीमावर्ती नजीबाबाद और सहारनपुर के रेलवे स्टेशनों को भी एक्टिव किया जाएगा।
-कुम्भ मेले के मार्गों पर सीमावर्ती राज्यों द्वारा भी विभिन्न स्थानों पर एम्बूलेंस एवं क्रेन तैनात करने पर भी सहमति बनी।
-कुम्भ के दौरान सम्पर्क एवं संचार के लिए वायरलेस का उपयोग किया जाएगा और एक कॉमन फ्रिक्वेन्सी की व्यवस्था कर ली जाएगी।
-प्रत्येक राज्य एवं एजन्सी में एक वरिष्ठ अधिकारी को कुम्भ मेले में समन्वय हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
-कुम्भ मेले के दौरान प्रत्येक राज्य द्वारा सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की जाएगी और इससे प्राप्त सूचनाओं को तुरंत शेयर किया जाएगा।
-कुंभ मेले के प्रचार-प्रसार के लिए फेसबुक पेज भी बनाया गया है। इस पेज पर कुंभ से जुड़ी सभी सूचनाएंे श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज और ट्विटर हैण्डल से भी ट्रैफिक प्लान और पार्किंग की जानकारी श्रद्धालु घर बैठे पा सकेंगे।
-अन्तर्राज्यीय अपराधियों के सम्बन्ध में विवरण, डोजियर्स आदि का आदान-प्रदान किये जाने, मानव तस्करी, जेब कतरों, ईनामी एवं वांछित अपराधियों की कड़ी निगरानी करने और इनके सम्बन्ध में जानकारी तुरन्त साझा करने पर बल दिया।
-अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्ट- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग की जाएगी।
बैठक में मेलाधिकारी कुम्भ मेला दीपक रावत एवं सभी राज्यों और एजेन्सियों के अधिकारियों द्वारा कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अपने विचार साझा किये।
ये रहे बैठक में शामिल
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी हरियाणा आलोक मित्तल, राअपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन, उत्तर प्रदेश जीव सभरवाल, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी/पीएसी पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना राजस्थान रूपिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक हिमाचल प्रदेश दिलजीत ठाकुर, एडीआरएम उत्तर रेलवे मुरादाबाद एनएन सिंह, एसीपी दिल्ली पुलिस रविकान्त, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश कुल्दीप नारायण सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।