मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा, महिलाओं से अभद्रता मामले में पांचवी गिरफ्तारी
मणिपुर तीन महिलाओं के साथ दरिंदगी के मामले में पुलिस ने शनिवार 22 जुलाई को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया। महिलाओं के साथ हुई बर्बरता के मामले में ये पांचवी गिरफ्तारी की है। इस बीच राजधानी इम्फाल से एक बार फिर से हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है और वहां के हालात तीन मई से सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इंफाल के गढ़ी इलाके में महिला प्रदर्शनकारियों ने मेन रोड को दोनों तरफ से ब्लॉक कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने रोड पर टायर जलाए और पुलिस को कार्रवाई करने से रोक दिया। सूचना मिलते ही मणिपुर की सशस्त्र पुलिस, सेना और त्वरित कार्य बल के जवान मौके पर पहुंचे। सुरक्षा बलों ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया। सड़क पर जलाए गए टायरों इत्यादि को भी बुझा दिया गया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों ने विभिन्न इलाकों में संयुक्त रूप से फ्लैग मार्च किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जातीय हिंसा में 160 की मौत
गौरतलब है कि 19 जुलाई को मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता का एक वीडियो वायरल हुआ तो देश में सनसनी फैल गई। वीडियो में पुरुषों की भीड़ दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाती नजर आई थी। दावा ये किया गया कि तीन महिलाएं भीड़ का शिकार हुई। इनमें एक महिला के पिता और एक के भाई की हत्या भी कर दी गई। वहीं, एक महिला से गैंगरेप भी किया गया। वीडियो 4 मई का था। ये सब पुलिस के सामने हुआ। पुलिस एक परिवार को सुरक्षा देने के लिए थाने ले जा रही थी, तभी थाने से दो किमी पहले पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने इन लोगों को अपने कब्जे में ले लिया। फिर महिलाओं के साथ दरिंदगी की और दो की हत्या कर दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि पुलिस ने इस मामले में किसी भी आरोपी के खिलाफ कुछ नहीं किया। 18 मई को थाने में इसकी शिकायत होती है। 21 मई को मुकदमा दर्ज हो जाता है। तब भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना होना साफ दर्शाता है कि मणिपुर में सरकार नाम की कोई चीज है ही नहीं। 19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होता है। इस घटना को सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेता है। केंद्र व मणिपुर सरकार से जवाब मांगता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आप कार्रवाई नहीं कर सकते तो हम करेंगे। तब 20 जुलाई को पीएम मोदी ढाई माह बाद मणिपुर मामले में चुप्पी तोड़कर इस घटना की निंदा करते हैं। साथ ही वह कांग्रेस शासित राज्यों के नाम लेकर राजनीति करने से भी नहीं चूकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते ही पुलिस ने 20 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं, आज पांचवे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर 81 दिनों से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। राज्य में 3 मई को एक रैली के बाद इंफाल घाटी के मैतेई और पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी। अब तक हिंसा के चलते 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। वही, 50 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से भागकर शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। हजारों लोगों के घर एक दूसरे समुदाय के लोगों ने जला दिए। इनमें विधायक और सांसदों के घरों को भी नहीं छोड़ा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।