राष्ट्रीय वैज्ञानिक संचेतना दिवस पर ग्रामीणों को विज्ञान के प्रति किया गया जागरूक

इस कार्यक्रम में अनेकता में एकता, आपसी भाईचारा, सद्भावना, हमारा संविधान, आजादी के 75 साल, अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए जागरूकता पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने डा. नरेंद्र दाभोलकर के कार्यों का उल्लेख करते हुए उनका परिचय दिया। विज्ञान के चमत्कार आदि बिन्दुओं पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। बताया गया कि जिसे आप कोई शक्ति मान बैठते हैं, जो विज्ञान का चमत्कार है। विज्ञान के बल पर ही तांत्रिक, महात्मा या फिर कोई अन्य आपको मूर्ख बनाता है, जिसे आप उसकी शक्ति मान बैठते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम की तैयारी एवं सामूहिक भोजन का आयोजन स्थानीय ग्रामीणों ने ही किया। स्थानीय युवा अयाज ख़ान सभी आगंतुकों स्वागत किया। सतीश धौलाखंडी ने ‘एकता समानता विश्व शान्ति के लिए’ गीत से इस कार्यक्रम का आगाज किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सभा की अध्यक्षता क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रधान कमरुद्दीन ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि गांव में भाईचारा एवं सद्भावना हमारी पूर्व पीढ़ियों से चला आ रहा है। यही हमारी एकता की रीढ़ है। हम किसी भी जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा एवं लिंग के हों, लेकिन पीढ़ियों से आज तक हम गांव में आपसी रिश्तों एवं मोहब्बत से बंधे हैं। इसे कोई भी अलग नहीं कर सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं में बीजीबीएस उत्तराखंड के अध्यक्ष विजय भट्ट, सर्वोदय नेता बीजू नेगी, डीएसएफ से डॉक्टर आराधना सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेंद्र पुरोहित, अग्रिम सुन्द्रियाल, जन गीतकार सतीश धौलाख्नडी तथा कुछ स्थानीय लोगों ने उक्त मुद्दों पर अपनी अपनी बात रखी। बीजीवीएस उत्तराखंड के महासचिव एस एस रावत ने लोगों के समक्ष विज्ञान एवं जादू की गतिविधियों प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम का संचालन कमलेश खन्तवाल ने किया। जिन्होंने भारत ज्ञान विज्ञान समिति का परिचय एवं कार्यों पर प्रकाश डाला।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।