प्रशासन की इस गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं ग्रामीण, कई जगह लगा चुके हैं गुहार, नहीं हो रही सुनवाई
उत्तराखंड में देहरादून के जिला प्रशासन की गलतियों का खामियाजा एक बड़े क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। भू स्वामियों की खाता खतौनी और खसरा नंबर गलत होने के कारण उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

वसुंधरा एन्क्लेव कारगी रोड देहरादून निवासी प्रभुपाल सिंह रावत के मुताबिक देहरादून में देहराखास तहसील सदर के भूमि धारक राजस्व विभाग की गलती का दंश झेल रहे हैं। राजस्व विभाग ने बंदोबस्त के दौरान भूमि धारकों व भवन स्वामियों के खाता खतौनी व खसरा नंबर गलत दर्ज कर दिए। ये बन्दोबस्त तत्कालीन जिलाधिकारी देहरादून राकेश कुमार के कार्यकाल में हुआ था। ऐसे में अब भूमि धारकों व भवन स्वामियों को अनेक मानसिक, आर्थिक और अन्य कई परेशानियो से आहत होना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि ये बंदोबस्त वर्ष 2005-2006 के बीच किया गया था। इस दौरान एक के खसरा नंबर को दूसरे के में चढ़ा दिया गया। मौजा देहराखास तहसील के अंतर्गत कारगी, विद्या विहार फेस एक से लेकर तीन तक, अवंतिका विहार, राजराजेश्वरी कालोनी, बहुगुणा कालोनी सहित कई इलाकों में इस तरह की समस्या है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे उनका मकान खसरा नंबर 1524 में बना हुआ है। इसकी तहसील में खतौनी नंबर यदि निकालेंगे तो वह 1512 दर्शाएगा। अर्थात खसरा और जमीन का नंबर अलग अलग है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लोगों को बैंक से लोन नहीं मिल पाता है। जमीन और मकान के क्रय विक्रय में अड़चन आती है। भवन मानचित्र में भी बाधा होती है। जमीन का नामांतरण करवाना, आपसी विवाद आदि के मामले भी नहीं सुलट रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अनगिनत मुख्यमंत्रियों के जनता दरबार, कैबिनेट मंत्रियों के साप्ताहिक दरबार, तहसील कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय, प्रधान मंत्री कार्यालय, उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग आदि से गुहार लगाई जा चुकी है। समस्या जस की तस है। अब उन्होंने फिर से उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर इस संबंध में उचित समाधान की मांग की है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।