पूर्व डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस ने गाजियाबाद से किया गिरफ्तार
इस मामले में अभी तक दो प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) को निलंबित किया गया है। इनमें जेएस सुहाग और कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग का तत्कालीन डीएफओ किशन चंद शामिल है। इसके अतिरिक्त कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के तत्कालीन निदेशक राहुल को मुख्यालय अटैच किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनटीसीए के निरीक्षण में सामने आया मामला
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निरीक्षण में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ काटने, क्षेत्र में मनमानी सड़क निर्माण, मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अतिरिक्त जलाशय का मामला उजागर हुआ। जांच में पता चला कि कार्य के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं ली गई। इस पर अगस्त 2022 में हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस ने किशन चंद व रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर प्राथमिकी दर्ज की। रेंजर की गिरफ्तारी के बाद से किशन चंद फरार चल रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उसकी गिरफ्तारी के लिए हरिद्वार पुलिस की मदद से एक ओर उनके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दबाव बनाया गया, वहीं वेस्ट यूपी के जिलों में दबिश दी गई। उनकी लोकेशन गाजियाबाद में मिली तो टीम तत्काल रवाना की गई। शुक्रवार को गाजियाबाद के वैशाली स्थिति मैक्स अस्पताल परिसर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किशन चंद उत्तराखंड के चर्चित और कांग्रेस पार्टी के बेहद नजदीकी रहे रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी हैं। उन पर बतौर डीएफओ रहने के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज के मोरघट्टी और पाखरो में अवैध तरीके निर्माण कराने, हरे पेड़ों के कटान, सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के आरोप हैं। आरोपों के मामले में शासन ने उनको निलंबित कर दिया था। हल्द्वानी विजिलेंस जांच कर रही थी और विजिलेंस कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। किशन चंद हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गिरफ्तारी से बचने के लिए ली थी अखाड़े की शरण
गिरफ्तारी से बचने के लिए ही किशन चंद्र ने श्री गुरु रविदास अखाड़े की शरण ली थी। गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद अखाड़े ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि घोटाला सामने आने के बाद ही उन्हें अखाड़े में महामंत्री बनाया गया था।
जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं उनकी पत्नी
किशन चंद की पत्नी 26 अगस्त 2000 से 21 सितंबर 2002 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। ज्वालापुर विधानसभा से एक बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, नहीं जीत सकी। 2022 के विधानसभा चुनाव में किशन चंद्र ने ज्वालापुर से कांग्रेस के टिकट से दावेदारी की थी, लेकिन टिकट कटने के बाद चुनाव नहीं लड़ा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।