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October 4, 2024

भारत की धरती से ही कैलास पर्वत के दर्शन, तिब्बत जाने की जरूरत नहीं, धामी सरकार ने बनाया पांच दिवसीय टूर पैकेज

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भारत की भूमि से ही पवित्र कैलास पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना आज पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउंड कैलास के दर्शन किए। कैलास पर्वत के दिव्य दर्शन से श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। केन्द्र सरकार से हरी झण्डी मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली थी। कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज घोषित किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने माउण्ट कैलास के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलास एवं ऊँ पर्वत के दर्शन भी सम्मिलित हैं। पैकेज के तहत यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय ग्रुप ने गुरुवार को माउण्ट कैलास के दर्शन किए। यात्रियों के ग्रुप को बीते बुधवार को हैलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुँचाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और माउण्ट कैलास के दर्शन कराये गये। कल इन सभी यात्रियों को जौलिकाँग से आदि कैलास के दर्शन करवाकर गूंजी में रात्रि विश्राम करवाया जायेगा। इसके बाद 5 अक्टूबर को सभी यात्रियों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ वापस पहुँचाया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस यात्रा दर्शन कार्यक्रम में नीरज मनोहर लाल चौकसे, सुमोहिनी नीरज चौकसे, अमनदीप कुमार जिन्दल, केवल कृष्ण, नरेन्द्र कुमार सम्मिलित हैं। इस यात्रा दर्शन को आये श्रद्धालु चौकसे ने बताया कि भगवान शिव के इन पवित्र धामों के दर्शन कर उनको बेहद सुख की अनुभूति हुई है। माउण्ट कैलास, आदि कैलास एवं ऊँ पर्वत के अलौकिक सौंदर्य के दर्शन ने उनको मंत्रमुग्ध कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

वहीं, अन्य श्रद्धालु अमनदीप कुमार जिन्दल ने बताया कि भगवान शिव के इन धामों के दर्शन कर उनको मानो स्वर्ग की प्राप्ति हो चुकी है। प्रकृति के इस विहंगम दृश्य को देखते ही मन को अलग ही सुख की प्राप्ति हो रही है। उन्होंने इस यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले यात्रा के लिए पार करना पड़ता था चीन बार्डर
कोरोना काल से पहले तक केन्द्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से कैलास मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिव भक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलास मानसरोवर के दर्शन करते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिव भक्त कैलास मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत की भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलास पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रामीणों ने खोजा व्यू प्वांइंट
पिथौरागढ़ जिले में स्थित स्थानीय ग्रामीणों ने 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों पर एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोजा जहां से कैलास पर्वत साफ दिखाई देता है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया। फिर, केन्द्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद शासन ने 15 सितंबर से ओल्ड लिपुपास को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भविष्य में और अधिक सुगम बनाई जाएगी ये यात्राः सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत की भूमि से ही शिव भक्तों को कैलास पर्वत के दर्शन् होना बहुत ही सुखद है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। भविष्य में इस यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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