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March 14, 2025

video: हरकी पैड़ी में फूटफूट कर रोए पहलवान, टाला फैसला, अब गंगा में प्रवाहित नहीं करेंगे मैडल

कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गंगा नदी में अपने मेडल को प्रवाहित करने का फैसला टाल दिया है। पहलवानों ने बृजभूषण पर कार्यवाही के लिए अब 5 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। पहलवान मंगलवार की शाम को अपने मेडल के साथ हरिद्वार पहुंचे थे। हरिद्वार पहुंचने के बाद इन पहलवानों ने कहा था कि जब सरकार हमारी बात सुनने को और ना ही आरोपी सांसद पर कार्रवाई करने को तैयार है तो ऐसे में देश के लिए जीते ये मेडल हमारे किस काम के हैं। हम इन मेडल को गंगा में बहाने के लिए यहां आए हैं। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई शीर्ष प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार पहुंचे हैं। इन पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के विरोध में आज पहलवान खिलाड़ी हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे अपने मैडल गंगा में मेडल प्रवाहित करेंगे।इस दौरान हरिद्वार से भावुक तस्वीरें भी सामने आई। पहलवान रो रहे हैं। उनके साथ अन्य लोग भी रोते नजर आए।  वे हरकी पैड़ी पर अपने मेडल प्रवाहित करेंगे। पहलवानों के समर्थन में काफी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भी हरकी पैड़ी पहुंचे। इस दौरान खाप पंचायत के लोग पहलवानों से अनुरोध कर रहे हैं कि ये मैडल किसी की दी हुई जागीर नहीं है। आपने मेहनत से कमाए हैं। इसे ना बहाएं। बाद में पहलवानों ने किसान नेता नरेश टिकैत के समझाने के बाद पहलवानों ने अपना फैसला टाल दिया। साथ ही यौन शोषण के आरोपी बीजेपी सांसद की गिरप्तारी के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर में करीब एक माह तक धरना देने वाले भारतीय पहलवानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने तब गिरफ्तार किया था, जब वे नए संसद भवन की तरफ कूच करने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान कई पहलवानों को घसीटा गया। जंतर मंतर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया। जंतर-मंतर से पहलवानों के अलावा सभी प्रदर्शनकारियों को हटाया गया। पहलवानों के टेंट और अन्य सामान को भी हटाकर जंतर मंतर को साफ कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इससे पहले ओलंपियन और कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन सहित शीर्ष भारतीय पहलवानों को हिरासत में लिया गया। रविवार की देर शाम को उन्हें छोड़ दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने, ड्यूटी के दौरान पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया है। साथ ही ये प्रचारित किया गया कि पहलवानों का धरना समाप्त हो गया है। वहीं, पहलवान जबरन धरना समाप्त करने को लेकर बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस से खपा हैं। अब उनकी आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी इसका रेसलर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट ने अपने अपने सोशल मीडिया में खुलासा किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहलवानों ने ट्विटर अकाउंट में पर एक लंबी पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने बताया कि अब वे अपने मैडल हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित करने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने संकेत दिए हैं कि आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। दिल्ली के इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये डाली गई है पोस्ट
28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए योन उत्पीड़न के लिए न्याय माँगकर कोई अपराध कर दिया है। पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियाँ कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को क़बूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यहाँ तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना ख़त्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में
लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह सवाल आया कि किसे लौटाएँ। हमारी राष्ट्रपति को, जो ख़ुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ़ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ़ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं। हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियाँ बताते थे। मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध- बुध नहीं ली, बल्कि नयी संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह तेज सफ़ेदी वाली चमकदार कपड़ों में फ़ोटो खिंचवा रहा था। उसकी सफ़ेदी हमें चुभ रही थी। मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूँ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहाँ हैं, भारत के बेटियों की जगह कहाँ हैं। क्या हम सिर्फ़ नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा माँ हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र माँ गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएँगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है, जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जीतने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी। अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं। अब लोक को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफ़ेदी वाले तंत्र के साथ। आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहलवानों ने लगाए हैं ये आरोप
पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी थी। साथ की यौन शोषण के भी आरोप लगाए। पहलवानों ने कहा था कि हम यहां खेलने आए हैं। वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं। अध्यक्ष के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने पुलिस को लिखित तहरीर भी दी है। इसमें एक नाबालिग पहलान भी शामिल है। इन महिला पहलवानों ने संघ अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में देश के शीर्ष पहलवानों की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन दुराचार के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं, वह कमजोर प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। अब इस मामले में केस भी दर्ज कर लिया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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