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September 22, 2024

Video: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट

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विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। युमनोत्री धाम मंदिर के कपाट  भीआज दोपहर भैया दूज के दिन बंद कर दिए गए।

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। युमनोत्री धाम मंदिर के कपाट  भीआज दोपहर भैया दूज के दिन बंद कर दिए गए। गत दिवस शुक्रवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए थे। मां गंगा की डोली आज शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा पहुंच गई। जहां आगामी छह माह तक मां गंगा की पूजा होगी। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष 32948 से अधिक तीर्थयात्री गंगोत्री धाम दर्शन के दर्शन किये।
उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बर्ह्ममुहूर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा,शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे।

बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ हेतु प्रस्थान किया। पंचमुखी डोली 6 नवंबर को रामपुर, 7 नवंबर को गुप्तकाशी, 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पहुंचकर वहां विराजमान होगी।


इस मौके पर प्रदेश के राज्यपाल गुरूमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी। कहा कि कोरोना काल के बावजूद यात्रा सफलता पूर्वक संपन्न हो रही है। चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे है।
मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधू, सचिव तीर्थाटन हरिचंद सेमवाल, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी अशोक कुमार, आपदा सचिव एस ए मुरुगेशन, आपदा निदेशक डा. पीयूश रौतेला ने केदारनाथ सहित चारों धामों में यात्रा ब्यवस्था से जुड़े जिला प्रशासन सहित,सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों, चिकित्सा पुलिस प्रशासन को यात्रा समापन बधाई दी है।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते समय उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, वरिष्ठ पत्रकार एवं देवस्थानम बोर्ड सदस्य आशुतोष डिमरी, आयुक्त गढ़वाल एवं देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, जिलाधिकारी मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा,
जल विद्युत निगम डीजी के के बिष्ट एवं अनुराग बिष्ट देवानंद गैरोला,केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, एवं योगेंद्र सिंह,शिव सिंह रावत, सहायक अभियंता गिरीश देवली, पुलिस चौकी प्रभारी मंजुल रावत,मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रभारी लेखाअधिकारी आर सी तिवारी, धर्माचार्य औंकार शुक्ला प्रबंधक अरविंद शुक्ला एवं प्रदीप सेमवाल आदि मौजूद रहे।

दोपहर बंद हुए यमुनोत्री के कपाट
उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज शनिवार भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है। यमदेव‌ मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है। कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे। कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली के लिए प्रस्थान किया।

उत्तराखंड चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम की यात्रा समापन पर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( से.नि.) गुरुमीत सिंह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज सहित रविनाथ रमन, आयुक्त गढ़वाल/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने शुभकामनाएं दी है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। 33166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे। वहीं, कुल 66हजार से अधिक तीर्थ यात्री श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम पहुंचे है। कपाट बंद होने के अवसर में पूर्व राज्यमंत्री जगवीर भंडारी, मंदिर समिति पदेन अध्यक्ष / उप जिलाधिकारी बड़कोट शालिनी नेगी, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज आर्य, डिप्टी सीएमओ डॉ आरसी आर्य, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजश्वरूप उनियाल, प्यारे लाल उनियाल,जय प्रकाश उनियाल, अनिरुद्ध उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल आदि बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। उधर, आज मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा में विराजमान हो गयी। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि तीनों धामों के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं।
चारधामों में कल 4 नवंबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए। शीतकाल के लिए 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। 22 नवंबर को द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे। श्री मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने की तिथि पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा। बताया कि अभी तक दो लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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