Video: ओरियन अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में स्थापित, आने वाले समय में चंद्रमा में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने की तैयारी
वर्ष 1972 में आखिरी अपोलो मिशन की समाप्ति के बाद नासा ने पहली बार वर्ष 2025 में चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने की योजना की है। चालक दल के बिना इस पहली परीक्षण उड़ान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यान उड़ान के लिए सुरक्षित है। नासा ने कहा कि कक्षा इतनी दूर है कि ओरियन चंद्रमा से लगभग 40,000 मील ऊपर उड़ान भरेगा। एजेंसी ने कहा कि उड़ान नियंत्रक चंद्रमा की कक्षा में प्रमुख प्रणालियों की निगरानी करेंगे और अंतरिक्ष के वातावरण का परीक्षण करेंगे। चंद्रमा के चारों ओर आधी परिक्रमा पूरी करने में ओरियन को लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
LIVE NOW: The @NASA_Orion spacecraft is performing a burn to enter a distant retrograde orbit around the Moon, an orbit that is high altitude from the surface of the Moon and opposite the direction of the Moon travels around Earth. #Artemis https://t.co/gknxQkBWFc
— NASA (@NASA) November 25, 2022
नासा के अनुसार, यह फिर घर वापसी की यात्रा के लिए कक्षा से बाहर निकल जाएगा। शनिवार को, यान के चंद्रमा से 40000 मील दूर तक जाने की उम्मीद है, जो एक रहने योग्य कैप्सूल के लिए एक रिकॉर्ड है। वर्तमान रिकॉर्ड पृथ्वी से 248,655 मील (400,171 किमी) पर अपोलो 13 अंतरिक्ष यान का है। ओरियन की 25 दिनों की उड़ान के बाद 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में लैंडिंग के साथ पृथ्वी पर वापस यात्रा शुरू होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मिशन की सफलता आर्टेमिस 2 मिशन का भविष्य निर्धारित करेगी, जो अंतरिक्ष यात्रियों को बिना लैंडिंग के चंद्रमा के चारों ओर ले जाएगा। फिर आर्टेमिस 3 अंततः मनुष्यों की चंद्र सतह पर वापसी को चिह्नित करेगा। ये मिशन क्रमशः 2024 और 2025 में होने वाले हैं।