उत्तराखंड को मिलेगा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की दरों में वृद्धि का लाभ: सतपाल महाराज
भारत सरकार की ओर से अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं एवं राज्य सरकार से अधिसूचित स्थानीय आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों, परिवारों को आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) एवं नेशनल डिजास्टर रिस्पॉस निधि (एनडीआरएफ) की दरों में पुननिर्धारण किया गया है। इस पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के व्यक्तिगत प्रयासों से ही यह कार्य संभव हो पाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि एवं नेशनल डिजास्टर रिस्पॉस निधि की दरों में की गई वृद्धि से उत्तराखंड जैसे आपदा से प्रभावित राज्य को अत्यधिक लाभ होगा। इससे आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत में सुविधा मिलने के साथ-साथ जन सामान्य की परेशानियों को दूर किया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही लोक निर्माण सड़क विभाग को आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए भी फंड मुहैया हो सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि पूर्व में एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निमाण के लिये मानक तय नहीं थे। दरें भी काफी कम थी। इस कारण आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत कार्य में व्यवहारिक कठिनाइयों सामना करना पड़ता था। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धनराशि बढ़ाने के लिए प्रभावी पैरवी की थी। इसके परिणामस्वरूप भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा अब रिकवरी और पुनर्निर्माण के सम्बन्ध में विस्तृत नवीन दिशानिर्देश निर्गत कर विभिन्न कार्यों के लिए लागू मानकों में वृद्धि कर दी गयी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उत्तराखंड जैसे आपदा से प्रभावित राज्य को अत्यधिक लाभ होगा। आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत में सुविधा होगी और जन सामान्य की परेशानियों को दूर किया जाना संभव हो सकेगा। इसमें दो राय नहीं कि ही रिकवरी और पुनर्निर्माण के सम्बन्ध में निर्गत उक्त दिशानिर्देश एवं मानकों में संशोधन का लाभ उत्तराखंड राज्य को प्राप्त होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के आपदा प्रबन्धन प्रभाग द्वारा 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत रिकवरी और पुनर्निर्माण के लिये लागू मानकों के अनुसार सड़क एवं परिवहन खण्ड में ईकाई प्रति किमी के लिये प्रमुख जिला सड़कों के लिये मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक रू. 32.00 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर रू. 64.00 अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक रू. 93.75 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर रू. 187.75 लाख अनुमन्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अन्य जिला सड़कों के लिये भी मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक रू. 26.75 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर रू. 54.50 लाख अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिये 70 प्रतिशत की सीमा तक रू. 80.00 लाख तथा पहाड़ी सड़कों लिये रू. 159.88 लाख अनुमन्य किया गया है। इसी प्रकार पूर्व में मैदानी ईलाकों में पक्के घरों के लिये निर्धारित मानक रू. 1.20 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में रू. 90 हजार प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर रू. 1.80 लाख कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्व में निर्धारित मानक रूपये 1.30 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में रूपये 1.00 लाख प्रति घर, 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर रू. 2.00 लाख प्रति घर कर दिया गया है। प्राथमिक स्कूलों के लिये पूर्व में निर्धारित मानक प्रति विद्यालय रू. 2 लाख की सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए अब प्राथमिक स्कूलों के लिये 30 से 70 प्रशित की क्षति होने पर 7.50 लाख रुपये तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 15.00 लाख रुपये अनुमन्य किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी प्रकार माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पूर्व में मानक निर्धारित नहीं हैं, किन्तु अब माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में 12.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति होने पर 25.00 लाख रुपये अनुमन्य किया गया है। प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूर्व में 2.25 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा के अध्यधीन वास्तविक व्यय के अनुसार अनुमन्य था। इसको अब वृद्धि कर उपकेन्द्र मैदानी क्षेत्र के लिए 30 से 70 प्रतिशत की क्षति पर रु. 9.20 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 18.40 लाख रुपये अनुमन्य किया गया है। पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह राशि 7.91 लाख और 15.81 लाख अनुमन्य की गई है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।